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पोर्टमोर स्कूल में महिला सुरक्षा गार्ड के थप्पड़ मारने से छात्रा बेहोश, पुलिस तक पहुंचा मामला

शिमला के पोर्टमोर स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा को बच्चों की सुरक्षा के लिए तैनात महिला सुरक्षा कर्मी ने थपड़ मार दिया. हालांकि स्कूली बच्चों की आपसी लड़ाई में यह थप्पड़ सुरक्षा कर्मी में छात्रा को मारा था, लेकिन थप्पड़ खाने के बाद इतनी डर गई की वह स्कूल में ही बेहोश हो गई.

महिला सुरक्षा गार्ड के थप्पड़ मारने से छात्रा बेहोश
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Published : Nov 1, 2019, 7:37 AM IST

शिमला: राजधानी शिमला के पोर्टमोर स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा को बच्चों की सुरक्षा के लिए तैनात महिला सुरक्षा कर्मी ने थपड़ मार दिया. हालांकि स्कूली बच्चों की आपसी लड़ाई में यह थप्पड़ सुरक्षा कर्मी में छात्रा को मारा था, लेकिन थप्पड़ खाने के बाद इतनी डर गई की वह स्कूल में ही बेहोश हो गई.

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बेहोश छात्रा.

जानकारी के मुताबिक स्कूल में पढ़ रही चौथी कक्षा की यह छात्रा निशा जिसे सुरक्षाकर्मी ने थप्पड़ मारा वह स्कूल की छुट्टी होने से पहले क्लास में अपनी सहेली के साथ किसी बात पर झगड़ रही थी. दूसरी बच्ची जब रोने लगी तो सुरक्षा कर्मी ने छात्रा निशा को थप्पड़ जड़ दिया.

जब निशा के बेहोश होने का पता उसकी बहन जोकि पोर्टमोर की ही वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पढ़ती है को चला तो वो उसे उठाकर हिमलैंड बस स्टॉप की तरफ ले गई और अपने अभिभावकों को भी घटना को लेकर सूचित किया. वहीं, इस घटना को देखते हुए स्कूल प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया, लेकिन स्कूल हेड मास्टर के स्कूल में ना होने के चलते वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद मौके पर पहुंचे.

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पुलिस की गाड़ी में बेहोश छात्रा को ले जाते हुए परिजन.

थोड़े समय में छात्रा के अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए. मौके से ही किसी ने महिला पुलिस थाना को भी इस घटना के बाबत सूचित किया गया और पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद छात्रा को पुलिस रिपन अस्पताल ले जाया गया.

इस पूरी घटना में जिस सुरक्षाकर्मी ने छात्रा को थप्पड़ मारा था वह मौके से गायब हो गई. हालांकि छात्रा निशा के पिता संदीप का कहना है कि उनकी बेटी महिला सुरक्षाकर्मी के थप्पड़ मारने से इतना घबरा गई थी कि वह बेहोश हो गई. उन्होंने स्कूल प्रबंधन से मांग की है कि महिला सुरक्षाकर्मी को हिदायत दी जाए और उन पर कार्रवाई भी की जाए.

हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने ना तो पुलिस को इस मामले से जुड़ी जानकारी दी है और ना ही कोई मामला दर्ज करवाया है. उनका कहना है कि वह स्कूल प्रबंधन से मिलकर इस पूरे मामले पर बात करेंगे और साथ ही अपनी बात रखेंगे कि बच्चों पर इस तरह से हाथ में उठाया जाए.

वहीं स्कूल हेडमास्टर का कहना है कि जब यह घटना हुई तो वह स्कूल में उपस्थित नहीं थे और सचिवालय में किसी कार्य को लेकर गए थे. उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद का कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर स्कूल हेड से जानकारी ली जाएगी और महिला सुरक्षाकर्मी पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि राजधानी शिमला में पोर्ट मोर स्कूल प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में शामिल हैम यहां इस तरह की घटना पहले कभी भी नहीं देखी गई है और यह पहला मामला है जो इस तरह से उजागर हुआ है.

बच्चों की सुरक्षा के लिए की गई है महिला सुरक्षा कर्मी की तैनाती
स्कूल हेड मास्टर का यह कहना है कि स्कूल के आस-पास बंदरों का बहुत आतंक है जिसको देखते हुए महिला सुरक्षा कर्मी की तैनाती स्कूल में की गई है. स्कूल में छोटे बच्चे हैं उन्हें बंदरों से किसी तरह का नुकसान ना हो और बच्चे सुरक्षित रहें इसी को देखते हुए महिला सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया था.

शिमला: राजधानी शिमला के पोर्टमोर स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा को बच्चों की सुरक्षा के लिए तैनात महिला सुरक्षा कर्मी ने थपड़ मार दिया. हालांकि स्कूली बच्चों की आपसी लड़ाई में यह थप्पड़ सुरक्षा कर्मी में छात्रा को मारा था, लेकिन थप्पड़ खाने के बाद इतनी डर गई की वह स्कूल में ही बेहोश हो गई.

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बेहोश छात्रा.

जानकारी के मुताबिक स्कूल में पढ़ रही चौथी कक्षा की यह छात्रा निशा जिसे सुरक्षाकर्मी ने थप्पड़ मारा वह स्कूल की छुट्टी होने से पहले क्लास में अपनी सहेली के साथ किसी बात पर झगड़ रही थी. दूसरी बच्ची जब रोने लगी तो सुरक्षा कर्मी ने छात्रा निशा को थप्पड़ जड़ दिया.

जब निशा के बेहोश होने का पता उसकी बहन जोकि पोर्टमोर की ही वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पढ़ती है को चला तो वो उसे उठाकर हिमलैंड बस स्टॉप की तरफ ले गई और अपने अभिभावकों को भी घटना को लेकर सूचित किया. वहीं, इस घटना को देखते हुए स्कूल प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया, लेकिन स्कूल हेड मास्टर के स्कूल में ना होने के चलते वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद मौके पर पहुंचे.

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पुलिस की गाड़ी में बेहोश छात्रा को ले जाते हुए परिजन.

थोड़े समय में छात्रा के अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए. मौके से ही किसी ने महिला पुलिस थाना को भी इस घटना के बाबत सूचित किया गया और पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद छात्रा को पुलिस रिपन अस्पताल ले जाया गया.

इस पूरी घटना में जिस सुरक्षाकर्मी ने छात्रा को थप्पड़ मारा था वह मौके से गायब हो गई. हालांकि छात्रा निशा के पिता संदीप का कहना है कि उनकी बेटी महिला सुरक्षाकर्मी के थप्पड़ मारने से इतना घबरा गई थी कि वह बेहोश हो गई. उन्होंने स्कूल प्रबंधन से मांग की है कि महिला सुरक्षाकर्मी को हिदायत दी जाए और उन पर कार्रवाई भी की जाए.

हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने ना तो पुलिस को इस मामले से जुड़ी जानकारी दी है और ना ही कोई मामला दर्ज करवाया है. उनका कहना है कि वह स्कूल प्रबंधन से मिलकर इस पूरे मामले पर बात करेंगे और साथ ही अपनी बात रखेंगे कि बच्चों पर इस तरह से हाथ में उठाया जाए.

वहीं स्कूल हेडमास्टर का कहना है कि जब यह घटना हुई तो वह स्कूल में उपस्थित नहीं थे और सचिवालय में किसी कार्य को लेकर गए थे. उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद का कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर स्कूल हेड से जानकारी ली जाएगी और महिला सुरक्षाकर्मी पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि राजधानी शिमला में पोर्ट मोर स्कूल प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में शामिल हैम यहां इस तरह की घटना पहले कभी भी नहीं देखी गई है और यह पहला मामला है जो इस तरह से उजागर हुआ है.

बच्चों की सुरक्षा के लिए की गई है महिला सुरक्षा कर्मी की तैनाती
स्कूल हेड मास्टर का यह कहना है कि स्कूल के आस-पास बंदरों का बहुत आतंक है जिसको देखते हुए महिला सुरक्षा कर्मी की तैनाती स्कूल में की गई है. स्कूल में छोटे बच्चे हैं उन्हें बंदरों से किसी तरह का नुकसान ना हो और बच्चे सुरक्षित रहें इसी को देखते हुए महिला सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया था.

Intro:फ़ोटो व्रैप से चैक करे।

राजधानी शिमला के प्राथमिक स्कूल पोर्टमोर में चौथी कक्षा की छात्रा को बच्चों की सुरक्षा के लिए तैनात महिला सुरक्षा कर्मी ने थपड़ मार दिया। हालांकि स्कूली बच्चों की आपसी लड़ाई में यह थप्पड़ सुरक्षा कर्मी में छात्रा को मारा था लेकिन थप्पड़ खाने के बाद इतनी डर गई की वह स्कूल में ही बेहोश हो गई। जानकारी के मुताबिक स्कूल में पढ़ रही चौथी कक्षा की यह छात्रा निशा जिसे सुरक्षाकर्मी ने थपड़ मारा वह स्कूल की छुट्टी होने से पहले क्लास में अपनी सहेली के साथ किसी बात पर झगड़ रही थी। दूसरी बच्ची जब रोने लगी तो सुरक्षा कर्मी ने छात्रा निशा को थप्पड़ जड़ दिया।


Body: ऐसे में जब छुट्टी होने से पहले होने के के बाद भी निशा अपनी बहन रमा के पास जो पोर्टमोर की ही वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पढ़ती है नहीं पहुंची तो छात्रा की बहन उसे देखने के लिए उसकी क्लास में गई। जैसे ही रमा निशा की क्लास में पहुंची तो निशा बेहोश हो गईम निशा के क्लास के अन्य बच्चों ने निशा की बहन को सुरक्षा कर्मी द्वारा थप्पड़ मारने की बात बताई। अपनी बहन को भी बेहोश देख रमा आनन-फानन में उसे उठाकर हिमलैंड बस स्टॉप की तरफ ले गई और अपने अभिभावकों को भी घटना को लेकर सूचित किया। वहीं इस घटना को देखते हुए स्कूल प्रबंधन में भी हड़कंप मच गया लेकिन स्कूल हेड मास्टर के स्कूल में ना होने के चलते वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद मौके पर पहुंचे। वहीं थोड़े समय में छात्रा के अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए। मौके से ही किसी ने महिला पुलिस थाना को भी इस घटना के बाबत सूचित किया गया और पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद छात्रा को पुलिस रिपन अस्पताल ले जाया गया। इस पूरी घटना में जिस सुरक्षाकर्मी ने छात्रा को थप्पड़ मारा था वह मौके से गायब हो गई। हालांकि छात्रा निशा के पिता संदीप का कहना है कि उनकी बेटी महिला सुरक्षाकर्मी के थप्पड़ मारने से इतना घबरा गई थी कि वह घबरा कर बेहोश हो गई । छात्रों को ज्यादा चोट नहीं आई है और अब वह ठीक है, लेकिन उन्होंने स्कूल प्रबंधन से मांग की है कि महिला सुरक्षाकर्मी को हिदायत दी जाए और उन पर कार्यवाही भी की जाए।हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने ना तो पुलिस को इस मामले से जुड़ी जानकारी दी है और ना ही कोई मामला दर्ज करवाया है। उनका कहना है कि वह स्कूल प्रबंधन से मिलकर इस पूरे मामले पर बात करेंगे और साथ ही अपनी बात रखेंगे कि बच्चों पर इस तरह से हाथ में उठाया जाए।


Conclusion:वहीं स्कूल हेडमास्टर का कहना है कि जब यह घटना हुई तो वह स्कूल में उपस्थित नहीं थे और सचिवालय में किसी कार्य को लेकर गए थे। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद का कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर स्कूल हेड से जानकारी ली जाएगी और महिला सुरक्षाकर्मी पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले को पूरी तरह से जांचा जाएगा जिसके बाद यह पता किया जाएगा महिला सुरक्षाकर्मी ने छात्रा को थप्पड़ क्यों मारा। बता दें कि राजधानी शिमला में पोर्ट मोर स्कूल प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में शामिल हैम यहां इस तरह की घटना पहले कभी भी नहीं देखी गई है और यह पहला मामला है जो इस तरह से उजागर हुआ है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए की गई है महिला सुरक्षा कर्मी की तैनाती

स्कूल हेड मास्टर का यह कहना है कि स्कूल के आस-पास बंदरो का बहुत आतंक है जिसको देखते हुए महिला सुरक्षा कर्मी की तैनाती स्कूल में की गई है। स्कूल में छोटे बच्चे हैं उन्हें बंदरों से किसी तरह का नुकसान ना हो और बच्चे सुरक्षित रहें इसी को देखते हुए महिला सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया था।
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