शिमला: शिमला के कृष्णानगर में बीते दिनों तेंदुए ने घर में घुस कर युवक पर हमला कर लहू लुहान कर दिया था. वहीं, युवक को अस्पताल ले जाने के लिए 108 पर एंबुलेंस (Ambulance) के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन एंबुलेंस नहीं भेजी गई और युवक को पुलिस की गाड़ी में ही आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital) भेजा गया. युवक और उनके परिजनों ने आईजीएमसी प्रशासन पर भी समय पर इलाज न करने के आरोप लगाए हैं.
समय रहते नहीं मिली 108 एंबुलेंस सेवा
युवक गौरव ने कहा कि सुबह होते ही जैसे घर का दरवाजा खोला तो सामने तेंदुआ देखा जो कुत्ते पर झपटने लगा. उन्होंने कुत्ते को अंदर खींचा और इस दौरान तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. लेकिन उन्होंने कंबल डाल कर तेंदुए को अंदर बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि घायल होने के बाद 108 पर कई बार एंबुलेंस के लिए फोन किया गया. वहां से उन्हें दो एंबुलेंस होने की बात कही गई जिसमें एक चंडीगढ़ और दूसरी कोविड मरीजों के लिए रखने की बात कही गई और एंबुलेंस न मिलने से काफी देर तक वे इंतजार करते रहे.
पुलिस की गाड़ी में ही पहुंचाया गया आईजीएमसी अस्पताल
वहीं, एंबुलेंस के न आने पर उन्हें पुलिस की गाड़ी में ही आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital) ले जाया गया. वहां भी जिस तरह से प्राथमिक इलाज देना चाहिए था वो नहीं दिया गया. जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामान करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि शहर के अंदर इस तरह का हाल है तो ग्रमीण क्षेत्रों में क्या स्वास्थ्य सेवाओं का हाल हो सकता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
युवक ने बाथरूम में तेंदुए को किया था बंद
बता दें कि सोमवार, 21 जून तड़के 3 बजे के करीब राजधानी शिमला के कृष्णानगर में एक तेंदुआ घर में घुस गया था. घर में घुसकर तेंदुए ने एक युवक को लहूलुहान कर दिया. हालांकि, युवक ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए को बाथरूम में ही कैद कर दिया. युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी में भर्ती करवाया गया था. वहीं, मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम तेंदुए को बेहोश कर चिड़ियाघर ले गई.
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