शिमला: हिमाचल प्रेदश में सेब बागवान अब सड़कों पर उतर आए हैं. मण्डियों में गिर रहे सेब के दामों और आढ़तियों की मनमर्जी से बागवान परेशान है. सेब बिकने के बाद बागवानों को पेमंट के लिए कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
शिमला के नारकण्डा में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा के साथ मिलकर बागवानों ने सेब सीजन में आनी वाली समस्याओं को लेकर अपना रोष जाहिर किया. बागवानों ने सरकार और एपीएमसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रैली निकाली. रैली के चलते लंबा जाम लगने से लोग और कई मरीज भी सड़कों पर फंस गए, इस रोष प्रदर्शन में नारकण्डा, ठियोग, कुमारसैन ओर कोटखाई के बागवानों ने भाग लिया. नारकण्डा के आसपास के इलाकों की महिलाओं ने भी सड़क पर अपना रोष जाहिर किया.
ठियोग विधायक राकेश सिंघा का कहना है कि सेब प्रदेश के बागवानों की आर्थिकी का मुख्य साधन है, लेकिन सरकार इसकी ओर बिलकुल भी ध्यान नही दे रही है. आढ़ती अपनी मनमानी से सेब बेच रहे है. कोई आकार के हिसाब से तो कोई गढ़ में बेच रहा है. समय पर बागवानों को पैसे नहीं मिल रहे जिसके चलते बागवान परेशान है.
सिंघा ने कहा कि सरकार सेब को लेकर बिलकुल सुस्त है. सरकार के मंत्री ने खुद माना कि मंडी के नियमों को लागू नहीं किया जा रहा है जिससे कानून की उलंघना हो रही है और बागवानों से मनमर्जी के अनुसार कटौती की जा रही है.
बागवानों ने कहा कि नारकण्डा में सबसे ज्यादा मार्किट फीस आढ़ती देते हैं, लेकिन सरकार ने आज तक यंहा मंडी खोलने में कोई दिलचस्पी नही दिखाई है. उन्होंने कहा कि सेब के दाम गिर रहे हैं और आढ़ती सेब को स्टोर कर रहे हैं, लेकिन बागवानों को कोल्ड स्टोर में जगह नहीं दी जा रही है.
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आपको बता दे कि इन दिनों सेब का सीजन अंतिम चरण में है और अब मंडियो में आढ़तियों की मनमानी की खबरें भी सामने आ रही हैं. ऐसे में लोगों ने सरकार से आढ़तियों पर शिकंजा कसने की मांग की है, जिससे बागवानों के साथ कोई मनमानी न कर सकें.