शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर लगे कर्फ्यू के बीच लोगों की सुरक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे पुलिस कर्मियों समेत डॉक्टरों ने लोगों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया है. फ्रंट वारियर्स का काम वाकई काबिले तारीफ है.
रात-दिन लोगों की सुरक्षा में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों को दो टाइम की रोटी खाने का भी समय नहीं मिल पा रहा. वहीं, स्वास्थ्य कर्मचारियों का बीमारी की चपेट में आने का भय भी बना रहता है. ठियोग में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर सड़क किनारे बैठकर किसी के घर से दिया हुआ खाना खाते हुए शनिवार को दो स्वास्थ्य कर्मियों को देखा गया.
दोनों स्वास्थ्य कर्मी रिकांगपिओ के रहने वाले बताए जा रहे हैं जो ऊना अस्पताल से जरूरी सामान की सप्लाई लेकर जा रहे थे. रास्ते में गाड़ी खड़ी कर स्वास्थय कर्मियों ने कहा कि वो तीन दिन से सफर कर रहे हैं. कर्फ्यू की वजह से रास्ते में कोई भी होटल न खुला होने के कारण उन्होंने किसी के घर से खाना मांग कर खाया है.
स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि जब से लोगों ने कोरोना महामारी के बारे में सुना है तब से लोग सड़क पर चलती एंबुलेंस को देखकर भाग जाते हैं. ऐसे में कई बार लोगों से खाना मांगना भी मुश्किल हो जाता है. दोनों स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है, जिससे बीमारी के संक्रमण से बचा जा सके.