शिमला: हिमाचल में विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) आने में अभी कुछ वक्त है लेकिन बिसात अभी से बिछने लगी है. आरोप-प्रत्यारोप और दावे-वादों के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं को बस किराये में छूट का ऐलान (free electricity and water announcement in himachal) कर दिया. ऐलान हिमाचल दिवस के मौके पर चंबा में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में हुआ लेकिन इसका असर दिल्ली से लेकर शिमला तक देखने को मिला.
'आप' की काट के लिए मास्टरस्ट्रोक- कई सियासी जानकार इस ऐलान को बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं. दरअसल हिमाचल में इस बार आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में है. मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य को 'आप' के मुद्दे रहे हैं. दिल्ली से लेकर पंजाब तक इन मुद्दों के सहारे वो सत्ता पर भी काबिज हो चुके हैं. केरल, उत्तराखंड और यूपी में भले आम आदमी पार्टी की झोली खाली रह गई हो लेकिन वहां भी अरविंद केजरीवाल की तरफ से मुफ्त बिजली, पानी मॉडल लागू करने की बात कही गई थी. दिल्ली में मुफ्त, बिजली पानी के अलावा महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त सफर की सुविधा है और इसे आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल के नाम से देशभर में प्रचारित करती रही है.
हिमाचल में आम आदमी पार्टी का अभी एक ही रोड शो हुआ है. जानकार मानते हैं कि देर सवेर अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल का वादा हिमाचल में भी कर देते, लेकिन उससे पहले ही जयराम ठाकुर ने 'आप' की काट के लिए ये मास्टरस्ट्रोक खेल दिया. जिसका बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा भी हो सकता है.
कर्ज के बोझ में दबा है हिमाचल- राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला कर्ज भी हिमाचल में सियासी मुद्दा बनता रहा है. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश पर करीब 62 हजार करोड़ का कर्ज है. इससे पहले सरकार कर्मचारियों के वेतनमान से लेकर बजट में कई लोक लुभावन घोषणाएं कर चुके हैं. ऐसे में विरोधी मुफ्त की बिजली, पानी को लेकर सवाल उठा सकते हैं. हालांकि हिमाचल में बिजली, पानी की समस्या दिल्ली या दूसरे शहरों की तरह नहीं है. हर परिवार को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने से सरकार के खजाने पर बोझ तो पड़ेगा लेकिन ऊर्जा राज्य होने के चलते राज्य सरकार को शायद इसके लिए कर्ज पर निर्भर ना रहना पड़े. ग्रामीण इलाकों में पानी के बिल भी इतने भारी भरकम नहीं होते कि उसे माफ करने पर राज्य के खजाने पर कोई भारी भरकम बोझ पड़े. लेकिन चुनाव से 6 महीने पहले हुए ये ऐलान कहीं ना कहीं सवाल तो उठा ही रहे हैं, केजरीवाल के दिल्ली मॉडल या मुफ्त बिजली, पानी देने को कोसने वाली पार्टी अब उसी की राह पर क्यों चल पड़ी है ?
क्या बीजेपी को होगा फायदा- बीजेपी भले आम आदमी पार्टी को अपने बयानो में भले दरकिनार करती रहे लेकिन पड़ोसी राज्य पंजाब में सरकार बनने के बाद के हौसले बुलंद हैं. जानकार मानते हैं कि भले अरविंद केजरीवाल हिमाचल में दिल्ली या पंजाब ना दोहरा पाएं लेकिन 'आप' को मिलने वाले वोट बीजेपी और कांग्रेस के खाते से ही कटेंगे. इस बात का अंदाजा हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा कर रही बीजेपी को भी है. सियासी जानकार मानते हैं कि जयराम ठाकुर अपनी घोषणाओं से हर वर्ग को साधने में जुटे हुए हैं.
पहले कर्मचारियों का वेतनमान और फिर बजट में कई गई घोषणाओं के बाद प्रदेश में ओल्ड पेंशन की मांग भी उठने लगी. सियासी जानकार मानते हैं कि बिजली, पानी और महिलाओं को बस किराए में छूट देकर भरपाई करने की अच्छी कोशिश की गई है. क्योंकि 125 यूनिट बिजली मुफ्त देकर सीधे सीधे प्रदेश के करीब 12 लाख परिवारों को साधा गया है. ग्रामीण इलाकों में पानी के बिल माफ करना भी इसी रणनीति का हिस्सा हैं. हिमाचल में मुफ्त बिजली और पानी की घोषणा जयराम सरकार को कितना फायदा पहुंचाएगी, ये तो वक्त बताएगा.
'आप' ने बताया केजरीवाल की नकल- हिमाचल के सभी परिवारों को 125 यूनिट मुफ्त बिजली, गांवों में पानी के बिल माफ और महिलाओं के लिए बस यात्रा में 50% की छूट की घोषणा होते ही पहला वार दिल्ली से हुआ. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसे अरविंद केजरीवाल की नकल बता दिया. सिसोदिया ने कहा कि हर जगह फ्री का मजाक उड़ाने वाले, हिमाचल में चुनाव आया तो केजरीवाल मॉडल की कॉपी करने की कोशिश कर रहे हैं. सिसोदिया ने हिमाचल की जनता से अपील की है कि बीजेपी की झांसे में ना आएं, ये घोषणाएं सिर्फ चुनाव को देखते हुए की गई हैं.
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल- उधर इन घोषणाओं को कांग्रेस दबाव में लिया फैसला बता रही है. वो पिछले साल हिमाचल में उपचुनाव के नतीजों को भी इससे जोड़ रही है. बीते साल हिमाचल में 3 विधानसभा औऱ एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें सभी सीटें कांग्रेस ने जीती थी. कांग्रेस के मुताबिक जयराम ठाकुर ने हिमाचल में मुफ्त बिजली, पानी देने की वो रवायत भी शुरु कर दिया है जिसे केजरीवाल मॉडल कहा जाता है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल की जनता मुफ्त में कुछ नहीं चाहती, वो सुविधाएं चाहती है. चुनाव आने पर बीजेपी सरकार ने घबराहट में ये फैसला लिया है.
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