ETV Bharat / state

पूर्व SP डीडब्ल्यू नेगी ने आरटीआई से मांगी जूता कांड से जुड़ी स्टेट्स रिपोर्ट - हिमाचल न्यूज

बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया कांड में फंसे पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने 2013 में एसपी विजिलेंस (एसआईयू) रहते हुए एक तफ्तीश से संबंधित पत्र आरटीआई के तहत मांगा है. ये पत्र नेगी ने तत्कालीन एडीजी विजिलेंस को पुलिस महकमे के बहुचर्चित जूता कांड में हुई एफआईआर से संबंधित था.

पूर्व SP डीडब्ल्यू नेगी
पूर्व SP डीडब्ल्यू नेगी
author img

By

Published : Sep 21, 2020, 2:16 PM IST

शिमला: बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया कांड में फंसे पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने 2013 में एसपी विजिलेंस (एसआईयू) रहते हुए एक तफ्तीश से संबंधित पत्र आरटीआई के तहत मांगा है.

ये पत्र नेगी ने तत्कालीन एडीजी विजिलेंस को पुलिस महकमे के बहुचर्चित जूता कांड में हुई एफआईआर से संबंधित था. पत्र में नेगी ने एडीजी विजिलेंस को इस एफआईआर की स्टेट्स रिपोर्ट पेश की थी.

जानकारी के अनुसार, नेगी ने रिपोर्ट में तत्कालीन डीजीपी, तत्कालीन एडीजी मुख्यालय और तत्कालीन डीआईजी एडमिन की खरीद कमेटी में बदलाव करने, रिजेक्ट हो चुके दो फर्मों के टेंडर पर पुनर्विचार करने, अधूरी खरीद कमेटी और अक्षम फर्म को समानांतर रेट कांट्रेक्ट देने पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी.

पत्र में विस्तार से बताया गया था कि कैसे और किस तरह एक फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए बिना डीजीपी की अनुमति के दूसरी खरीद कमेटी बना दी गई, जिसमें पर्याप्त सदस्य भी नहीं थे.

नेगी की मांगी सूचना को ब्यूरो ने उपलब्ध करवा दिया है. विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में जमा की थी, लेकिन कोर्ट ने मामले में जांच करने की बात कहते हुए क्लोजर रिपोर्ट लौटा दी थी. इसके बाद ब्यूरो इस मामले की आगे तफ्तीश कर रहा है. गौरतलब है कि नेगी पर सीबीआई ने गुडिया कांड में शिकंजा कसा था. उसके बाद वह कैथू जेल में था.

शिमला: बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया कांड में फंसे पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने 2013 में एसपी विजिलेंस (एसआईयू) रहते हुए एक तफ्तीश से संबंधित पत्र आरटीआई के तहत मांगा है.

ये पत्र नेगी ने तत्कालीन एडीजी विजिलेंस को पुलिस महकमे के बहुचर्चित जूता कांड में हुई एफआईआर से संबंधित था. पत्र में नेगी ने एडीजी विजिलेंस को इस एफआईआर की स्टेट्स रिपोर्ट पेश की थी.

जानकारी के अनुसार, नेगी ने रिपोर्ट में तत्कालीन डीजीपी, तत्कालीन एडीजी मुख्यालय और तत्कालीन डीआईजी एडमिन की खरीद कमेटी में बदलाव करने, रिजेक्ट हो चुके दो फर्मों के टेंडर पर पुनर्विचार करने, अधूरी खरीद कमेटी और अक्षम फर्म को समानांतर रेट कांट्रेक्ट देने पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी.

पत्र में विस्तार से बताया गया था कि कैसे और किस तरह एक फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए बिना डीजीपी की अनुमति के दूसरी खरीद कमेटी बना दी गई, जिसमें पर्याप्त सदस्य भी नहीं थे.

नेगी की मांगी सूचना को ब्यूरो ने उपलब्ध करवा दिया है. विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में जमा की थी, लेकिन कोर्ट ने मामले में जांच करने की बात कहते हुए क्लोजर रिपोर्ट लौटा दी थी. इसके बाद ब्यूरो इस मामले की आगे तफ्तीश कर रहा है. गौरतलब है कि नेगी पर सीबीआई ने गुडिया कांड में शिकंजा कसा था. उसके बाद वह कैथू जेल में था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.