शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. कांग्रेस सत्ता में है तो वहीं, भाजपा विपक्ष में. ऐसे में भाजपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. बता दें कि पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. जयराम ठाकुर ने लिखा कि भाजपा सरकार ने बिना किसी भेदभाव के पांच साल प्रदेश में काम किया. भाजपा ने पिछली कांग्रेस की सरकार द्वारा जनता के हित में लिए गए किसी भी फैसले को नहीं बदला लेकिन कांग्रेस ने भाजपा सरकार में हुए फैसलों को बदलना शुरू कर दिया है. (Jairam Thakur Target CM Sukhvinder Singh Sukhu)
जयराम बोले- बदले की भावना से काम कर रही कांग्रेस: पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने आगे लिखा कि कांग्रेस ने अपना रिवाज जारी रखते हुए भाजपा सरकार के फैसलों को रोकने और पलटने का काम शुरू कर दिया है. जबकि अभी तो मंत्रिमंडल का भी गठन नहीं हुआ लेकिन बदले की भावना के साथ काम करने की शुरूआत कांग्रेस ने कर दी है. स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, पुल, सड़क, पेयजल योजना इन सब कामों को लटकाने और भटकाने का काम कांग्रेस कर रही है जिसके लिए जनता कभी माफ नहीं करेगी. (SUKHU GOVERNMENT DECISIONS)
आखिर क्यों जयराम ठाकुर ने ऐसा कहा: बता दें कि हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पहले ही दिन एक्शन में दिखी. शपथ ग्रहण करने के बाद सोमवार को सचिवालय में सुखविंदर सरकार का पहला ही दिन कई घटनाओं से भरपूर रहा. सरकार ने फैसला लिया है कि जयराम सरकार के समय में पहली अप्रैल 2022 से लिए गए फैसले लागू नहीं होंगे. यही नहीं, सरकार ने बाकायदा आदेश जारी कर पिछली सरकार के समय की गई निगम व बोर्डों में विभिन्न नियुक्तियां रद्द कर दी, लोक निर्माण विभाग व जलशक्ति विभाग में नए कार्यों के टेंडर आगामी आदेश तक आमंत्रित नहीं किए जाएंगे. मल्टी टास्क वर्कर सहित आउटसोर्स भर्तियों की भी समीक्षा होगी.
सीएम सुक्खू ने ये फैसले भी लिए: सीएम सुखविंदर सिंह ने विधायक हर्षवर्धन चौहान व राजेश धर्माणी की अगुवाई में दो कमेटियां बनाई. सरकार ने देर शाम आदेश जारी कर जयराम सरकार के समय कर्मचारियों और अधिकारियों को गई सभी तरह की एक्सटेंशन और री-इंप्लॉयमेंट यानी पुनर्रोजगार को टर्मिनेट कर दिया है. अलबत्ता सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ये फैसला लागू नहीं होगा. पूर्व सरकार के समय बोर्ड व निगमों में बनाए गए चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सदस्यों को भी हटा दिया गया है. इसके साथ ही मंदिर कमेटियों और प्रदेश के यूएलबी यानी अर्बन लोकल बॉडी में नॉमिनेट किए गए सदस्यों को भी टर्मिनेट कर दिया है.
सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया को रोका: सरकार ने एक के बाद एक करके बड़े फैसले लिए. सरकार ने सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया है. कर्मचारी तबादलों के मामले में जो ट्रांसफर आर्डर इंप्लीमेंट नहीं हुआ है, उन्हें भी रोक दिया गया है. जयराम सरकार के दौरान 1 अप्रैल 2022 के बाद लिए गए सभी फैसले रिव्यू किए जाएंगे. बड़ी बात ये है कि इस दौरान खोले गए नए दफ्तर डी-नोटिफाई कर दिए हैं. सरकार ने शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है. ये कमेटी शिक्षा विभाग सहित कुछ विभागों में हुई मल्टीटास्क वर्कर की भर्ती की जांच करेगी. जयराम सरकार में की गई आउटसोर्स नियुक्तियां भी जांच के दायरे में होंगी. इसी कमेटी की जांच का दायरा लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग में हुई पैरा वर्कर भर्तियों तक भी जाएगा.
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