शिमला: लोकसभा चुनाव के लिए हिमाचल में रिकॉर्ड वोटिंग हुई है. प्रदेश में शिमला, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा कुल चारों सीटों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ जो रात करीब 8 बजे तक चलता रहा. मतदान खत्म होने के साथ ही इन सीटों के लिए मैदान में खड़े कुल 45 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो गई. इस चुनाव की सबसे बड़ी बात ये रही कि बिना किसी अप्रिय घटनाओं के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. और इसी के साथ विभिन्न जगहों से EVM स्ट्रॉन्ग रूम भेज दिए गए हैं. जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी गई है. अब वोटों की गिनती 23 मई को होगी.
बता दें कि इस साल हिमाचल में मतदाताओं ने इतिहास रचते हुए 71.42 प्रतिशत मतदान किया है. ये मतदान प्रतिशत के इतिहास में सर्वाधिक है. साल 2014 में 64.45, 2009 में 58.43, 2004 में 59. 71 प्रतिशत मतदान हुआ था.
बात करें मतदान प्रतिशत की तो पूरे प्रदेश में औसतन 71.42 प्रतिशत मतदान हुआ जो अपने-अपने आप में रिकॉर्ड है. चारों संसदीय सीट पर नजर डाले तो मतदान प्रतिशत कुछ इस प्रकार है.
मंडी में 73.06 प्रतिशत मतदान
कांगड़ा में 70.50 प्रतिशत मतदान
हमीरपुर में 71.42 प्रतिशत मतदान
शिमला में 68.63 प्रतिशत मतदान
#LIVE UPDATE 6 PM
हिमाचल में 6 बजे तक 68 प्रतिशत मतदान
कांगड़ा में 61.67 प्रतिशत मतदान
हमीरपुर में 68.82 प्रतिशत मतदान
मंडी में 66.93 प्रतिशत मतदान
शिमला में 67.60 प्रतिशत मतदान
#LIVE UPDATE 5 PM
हिमाचल में 5 बजे तक 62.66 प्रतिशत मतदान
हमीरपुर में 63.21 प्रतिशत मतदान
मंडी में 62.88 प्रतिशत मतदान
कांगड़ा में 59.88 प्रतिशत मतदान
शिमला में 62.43 प्रतिशत मतदान
#LIVE UPDATE 5 P.M
हिमाचल में 4 बजे तक 56.55 प्रतिशत मतदान
कांगड़ा में 54.37 प्रतिशत मतदान
हमीरपुर में 56.98 प्रतिशत मतदान
मंडी में 57.27 प्रतिशत मतदान
शिमला में 57.65 प्रतिशत मतदान
#LIVE UPDATE
हिमाचल में दोपहर 1 बजे तक 43.50 प्रतिशत मतदान
कांगड़ा में 40.07 प्रतिशत मतदान
हमीरपुर में 44.66 प्रतिशत मतदान
मंडी में 41.50 प्रतिशत मतदान
शिमला में 42.73 प्रतिशत मतदान
हिमाचल में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन इस बार बसपा ने भी चारों सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. प्रदेश के 53 लाख 30 हजार 154 मतदाताओं ने अपने मताधिकार के साथ ही 14 राजनीतिक दलों के 45 उम्मीदवारों का भविष्य EVM में कैद कर दिया है. सबसे ज्यादा प्रत्याशी मंडी सीट (17) और सबसे कम शिमला सीट (6) से हैं.
वहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया और प्रदेश के किसी भी भाग से किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है. उन्होंने कहा कि हालांकि सुबह के समय मतदान की गति धीमी रही लेकिन दोपहर बाद इसमें काफी तेजी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर भाग लिया. प्रदेश में लगभग 71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
चार सीटों पर इन प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला
मंडी संसदीय सीट
हिमाचल प्रदेश में चार सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. मंडी हिमाचल की हॉट सीट है. यहां से मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा बीजेपी से प्रत्याशी है, जिनके खिलाफ कांग्रेस से पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा प्रत्याशी हैं. सुखराम परिवार का मंडी में पेंठ है. आश्रय के पिता अनिल शर्मा भाजपा सरकार में ऊर्जा मंत्री थे, जिन्होंने बेटे को कांग्रेस से से टिकट मिलने के बाद दबाव में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि वह अभी विधायक हैं, पर प्रचार करने नहीं उतरे. इस सीट पर एक तरफ सुखराम परिवार है तो दूसरी तरफ मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है. कहा जा सकता है कि मंडी में सुखराम परिवार और मुख्यमंत्री के बीच लड़ाई है. भौगोलिक रूप से इसमें कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले भी आते हैं, जबकि चंबा का जनजातीय हलका भरमौर भी इसी सीट में आता है.
शिमला संसदीय सीट
शिमला संसदीय सीट आरक्षित है. यहां इस बार दो फौजियों में जंग है. कांग्रेस ने दो बार के सांसद धनी राम शांडिल और भाजपा ने सिरमौर के पच्छाद से विधायक सुरेश कश्यप को टिकट दिया है. कभी कांग्रेस की रही इस सीट पर पिछली दो बार से भाजपा जीत दर्ज कर रही है. बता दें कि कांग्रेस उम्मीदवार शांडिल पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. शिमला में छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में भविष्य आजमां रहे हैं.
हमीरपुर संसदीय सीट
हमीरपुर सीट से भाजपा के तीन बार के सांसद अनुराग ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस के रामलाल ठाकुर से है. रामलाल जहां हार की हैट्रिक लगा चुके हैं, वहीं अनुराग तीन बार इस सीट पर विजय हासिल कर चुके हैं. अनुराग के पक्ष में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. खैर धूमल की मेहनत कल ईवीएम में कैद होने वाली है. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
चंबा-कांगड़ा संसदीय सीट
कांगड़ा सीट से भाजपा के किशन कपूर गद्दी समुदाय से आते हैं और कांग्रेस के प्रत्याशी पवन काजल ओबीसी वर्ग से हैं. पवन कांगड़ा से कांग्रेस विधायक हैं और किशन कपूर धर्मशाला से विधायक चुने गए हैं.दोनों ही जाति का खासा वोट बैंक है व दोनों नेताओं अपना वर्चस्व है. जहां पवन काजन की स्थानीय जनता में काफी लोकप्रिय है, तो किशन कपूर को कांगड़ा की जनता में बीजेपी के लिए बढ़ती लोकप्रियता का फायदा मिल सकता है. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से 11 प्रत्याशी मैदान में हैं.