रामपुर: शिमला जिले के रामपुर में सेब के पेड़ों में फूल खिलने शुरू हो गए हैं. सेब के पेड़ों में अच्छे से फ्लावरिंग हो इसके लिए बागवान अपने बगीचों में जुटे हुए हैं. दरअसल सेब की फसल की पैदावार के लिए या यूं कहें कि फलों की सेटिंग के लिए परागण प्रक्रिया का सही होना बेहद जरूरी है. ऐसे में उद्यान विभाग का कहना है कि मधुमक्खियां परागण प्रक्रिया को सफल बनाने में बहुत बढ़िया काम करती है. ऐसे में बागवानों को चाहिए कि परागण प्रक्रिया के लिए मधुमक्खिों का प्रयोग करें.
उद्यान विकास अधिकारी रामपुर बुशहर प्रवीण मेहता ने सभी बागवानों से आग्रह किया है कि सभी समय रहते परागण प्रंबधन के लिए अपने बगीचों में मधुमक्खियों के छत्तों को स्थापित करें. वहीं, फ्लावरिंग के दौरान बगीचे में किसी भी प्रकार की कीटनाशक दवाओं का प्रयोग न करें ताकि मधुमक्खियों का सरंक्षण किया जा सके. प्रवीण मेहता ने बताया पिंक बड निकलने पर बोरिक एसिड की स्प्रे का ही प्रयोग करें. फूलों पर कीटनाशक का प्रयोग करना मधुमक्खियों के लिए नुकसानदायक रहता है.
उद्यान विकास अधिकारी ने बताया कि रामपुर उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा बागवानों को समय समय पर जागरूक भी किया जाता है. शिविरों का आयोजन कर बागवानों को बागवानी संबंधी तमाम जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती है. बता दें कि सेब की पैदावार मौसम पर निर्भर होती है. सेब के चिलिंग आवर्स पूरे होना बहुत जरूरी है.अगर जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे न हो तो इसका सेब की फ्लावरिंग पर असर पड़ता है. इससे सेब की फ्लावरिंग कम और देरी से हो सकती है. इसके अलावा सेब की पत्तियों का विकास भी प्रभावित होता है. उद्यान विकास अधिकारी रामपुर बुशहर प्रवीण मेहता ने सभी बागवानों से कहा कि किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं .
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