रामपुर: जिला शिमला के साथ-साथ प्रदेश के मध्यवर्ती इलाकों में सेब के पौधों में फ्लावरिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सेब के बगीचों में बहार देखकर बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. बागवानों ने भी बगीचों में कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया है. सेब की सेटिंग में अहम भूमिका अदा करने वाली परागण प्रक्रिया के लिए प्रदेश के बागवान मधुमक्खियों का साहारा ले रहे हैं.
सेब की पैदावार परागण प्रक्रिया पर पूरी तरह से निर्भर रहती है. ऐसे में परागण की इस प्रक्रिया का सही ढंग से निपटना बागवानों के लिए हमेशा अहम रहता है. कोरोना के प्रकोप के चलते अभी तक बाहरी राज्यों विशेषकर पंजाब, हरियाणा के मौन पालकों ने क्षेत्र का रूख नहीं किया है, जिसके चलते बागवानों को परागण प्रक्रिया के लिए आसानी से मधुमक्खियां नहीं मिल पा रही है.
वहीं, बागवानों का कहना है कि अगर मौसम साफ बना रहेगा तो सेब की सेटिंग अच्छी होने की संभावना है. मौसम का साफ रहना बहुत जरूरी है. ठंड बढ़ने या तेज बारिश होने पर सेब की सेटिंग पर गलत प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में बागवानों की चिंता बढ़ सकती है.
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