रामपुर: हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2020 की पहली बर्फबारी से जहां किसानों बागवानों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं. वहीं, मौसम विभाग केंद्र शिमला ने पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते शनिवार से प्रदेश में मौसम बदलने के आसार पहले ही जता दिए थे.
रविवार को पूरे क्षेत्र में बर्फबारी और आधार की भी चेतावनी जारी हुई थी. आखिर हुआ भी वैसा ही. संपूर्ण हिमाचल के साथ-साथ चौपाल निर्वाचन क्षेत्र के ऊपरी हिस्सों में रविवार को भारी हिमपात हुआ जिसके चलते किसानों बागवनों के चेहरो पर रौनक देखने को मिली, क्योंकि लंबे अंतराल से सभी को बारिश का इंतजार था.
चौपाल निर्वाचन क्षेत्र का संपूर्ण क्षेत्र पानी की विकराल समस्या से जूझ रहा है. हालांकि यह बारिश में मौसमी है, लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं सभी ने राहत की सांस ली है. रयुनि, छारखी, देहा, चंबी, चौपाल, सराह, चूड़धार, देइया, मालत, कन्हा, कुपवी, बमटा में भारी बर्फबारी के चलते बागबानों के बगीचों पर सेब के पौधे उखाड़ने और टूटने का संकट गहराने लगा है. जिससे बागवान खासे चिंतित है.
हालांकि लंबे अंतराल से सूखे की समस्या से जूझ रहे सभी ग्रामीणों किसानों बागवानों को इस बात को लेकर खुशी है कि देर सवेर बारिश तो हुई, लेकिन दूसरी तरफ जानकारों की मानें तो बेमौसम बरसात सर्दियों में होने वाले बर्फबारी के लिए घातक हो सकती है. जिसके चलते जल संकट और भी ज्यादा गहरा सकता है. वहीं, बागवानों को सेब के पेड़ों को टूटने की चिंता भी सता रही है.