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राजधानी में अंग्रेजों के समय के लगे फायर हाइड्रेंट की होगी मरम्मत, GPS से जुड़ेंगे शहर के हाइड्रेंट

शिमला नगर निगम ने शहर में नए फायर हाइड्रेंट लगाने के साथ ही फायर हाइड्रेंट की मरम्मत करने का फैसला लिया है. यहां सभी वार्डों में जहां हाइड्रेंट नहीं है, वहां लगाए जाएंगे और इन्हें जीपीएस सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा.

fire hydrant shimla
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Published : Aug 18, 2020, 6:27 PM IST

शिमला: राजधानी में अग्रेंजो के समय के लगे फायर हाइड्रेंट की मरम्मत करने के साथ ही अब इन्हें जीपीएस से जोड़ा जाएगा. नगर निगम ने शहर में नए फायर हाइड्रेंट लगाने के साथ ही शहर में लगे फायर हाइड्रेंट की मरम्मत करने का फैसला लिया है.

जीपीएस से जुड़ने से आग लगने पर फायर को टीम को फायर हाइड्रेंट ढूंढने में आसानी होगी. वहीं, जिन वार्डों में फायर हाइड्रेंट की कमी है, वहां पर नए फायर हाइड्रेंट लगाने के लिए भी जगह तालाशी जाएगी.

वीडियो.

राजधानी शिमला में करीब 450, वहीं जिन वार्डों में फायर हाइड्रेंट लगे हुए हैं जिसमें अधिकतर अग्रेंजो के समय के है और इसमें से कई खराब पड़े हैं. शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर में हाइड्रेंट जो खराब पड़े है उन्हें ठीक किया जाएगा और सभी वार्डों में जहां हाइड्रेंट नहीं है, वहां लगाए जाएंगे और इन्हें जीपीएस सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा. इससे आग लगने पर अग्निशमन की टीम को हाइड्रेंट से जोड़ने के लिए आसानी होगी.

fire hydrant
शिमला में लगे फायर हाइड्रेंट

कई जगहों पर लोगों ने कब्जा किया है जिसे हटाने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि फायर हाइड्रेंट को जीपीएस से जोड़ने के बाद आग के समय फायर विभाग के कर्मियों को तुरंत यह पता चल जाएगा कि जिस वार्ड में आग लगी है वहां पर फायर हाइड्रेंट की लोकेशन कहां पर है.

बता दें कि राजधानी शिमला में हर साल आग की घटनाएं सामने आती है. शहर में वार्डों में तंग रास्ते होने से अग्निशमन की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच पाती हैं और वार्डों में लगे हाइड्रेंट भी खराब पड़े हैं. ऐसे में कर्मियों को आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें - विदेश में पढ़ाई के लिए गरीबी नहीं बनेगी बाधा, प्रदेश सरकार देगी 20 लाख तक का लोन

शिमला: राजधानी में अग्रेंजो के समय के लगे फायर हाइड्रेंट की मरम्मत करने के साथ ही अब इन्हें जीपीएस से जोड़ा जाएगा. नगर निगम ने शहर में नए फायर हाइड्रेंट लगाने के साथ ही शहर में लगे फायर हाइड्रेंट की मरम्मत करने का फैसला लिया है.

जीपीएस से जुड़ने से आग लगने पर फायर को टीम को फायर हाइड्रेंट ढूंढने में आसानी होगी. वहीं, जिन वार्डों में फायर हाइड्रेंट की कमी है, वहां पर नए फायर हाइड्रेंट लगाने के लिए भी जगह तालाशी जाएगी.

वीडियो.

राजधानी शिमला में करीब 450, वहीं जिन वार्डों में फायर हाइड्रेंट लगे हुए हैं जिसमें अधिकतर अग्रेंजो के समय के है और इसमें से कई खराब पड़े हैं. शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि शहर में हाइड्रेंट जो खराब पड़े है उन्हें ठीक किया जाएगा और सभी वार्डों में जहां हाइड्रेंट नहीं है, वहां लगाए जाएंगे और इन्हें जीपीएस सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा. इससे आग लगने पर अग्निशमन की टीम को हाइड्रेंट से जोड़ने के लिए आसानी होगी.

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शिमला में लगे फायर हाइड्रेंट

कई जगहों पर लोगों ने कब्जा किया है जिसे हटाने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि फायर हाइड्रेंट को जीपीएस से जोड़ने के बाद आग के समय फायर विभाग के कर्मियों को तुरंत यह पता चल जाएगा कि जिस वार्ड में आग लगी है वहां पर फायर हाइड्रेंट की लोकेशन कहां पर है.

बता दें कि राजधानी शिमला में हर साल आग की घटनाएं सामने आती है. शहर में वार्डों में तंग रास्ते होने से अग्निशमन की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच पाती हैं और वार्डों में लगे हाइड्रेंट भी खराब पड़े हैं. ऐसे में कर्मियों को आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.

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