शिमलाः कोरोना ने हर बार को बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने व्यापारिक गतिविधियों को ठप कर दिया. कोरोना (Corona) की वजह से बीते करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं. ऐसे में स्कूल विद्यार्थियों के लिए वर्दी (School Uniform) का काम करने वाले लोगों का काम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. स्कूल बंद होने की वजह से दुकानदारों के लिए किराया देने के साथ प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़ा शुल्क और बिजली का बिल देना तक मुश्किल हो गया है. यही नहीं, दुकानदारों को अपने कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है.
सरकार से राहत की मांग
स्कूल यूनिफॉर्म का काम करने वाले दीपेश डोगरा ने बताया कि उनके लिए तनख्वाह कर्मचारियों की तनख्वाह देना तक मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हर क्षेत्र को राहत देने का काम किया जा रहा है, लेकिन स्कूल यूनिफॉर्म से जुड़े लोगों के बारे में सरकार ने अब तक कुछ नहीं सोचा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि संकट के इस दौर में उनकी ओर भी नजरें इनायत करें. स्कूल यूनिफॉर्म की दुकान में काम करने वाले जीवन पाल ने बताया कि कोरोना की वजह से उनके लिए गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है. बीते करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं. ऐसे में काम बिलकुल ठप पड़ा हुआ है.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी लिख चुके हैं पत्र
स्कूल यूनिफॉर्म का काम करने वाले दीपेश डोगरा ने बताया कि उन्होंने राहत की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा है, लेकिन उनके पत्र के बावजूद सरकार ने उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि संकट के इस दौर में जब प्रदेश सरकार सभी क्षेत्र के लोगों के बारे में सोच रही है, तो उनके बारे में भी सोचा जाए.
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