ETV Bharat / state

पहाड़ों की रानी के पर्यटन कारोबार पर किसान आंदोलन की आंच

तीन कृषि कानून के विरोध में किसान राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान करीब 2 महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन की आंच शिमला के पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों तक पहुंच रही है.

farmers-protest-affecting-tourism-of-shimla
पहाड़ों की रानी के पर्यटन कारोबार पर किसान आंदोलन की आंच
author img

By

Published : Jan 29, 2021, 8:27 PM IST

शिमलाः कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे पर्यटन कारोबार रफ्तार पकड़ने लगा था, लेकिन राजधानी दिल्ली में चल रहे कृषि कानून के विरोध के चलते पहाड़ों की रानी शिमला में पर्यटन कारोबार पर इसका असर देखने को मिल रहा है.

पर्यटन कारोबार पर किसान आंदोलन की आंच

तीन कृषि कानून के विरोध में किसान राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान करीब 2 महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन की आंच शिमला के पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों तक पहुंच रही है.

दिल्ली से शिमला आने वाले पर्यटक आंदोलन की वजह से शिमला नहीं पहुंच रहे हैं. कुछ पर्यटक शिमला तो पहुंच गए, लेकिन यहां पहुंचने के लिए उन्हें किसान आंदोलन की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

विशेष रिपोर्ट.

बढ़ती दिख रही है परेशानी

शिमला के रिज मैदान पर पर्यटकों को घोड़े की सवारी करवाने वाले गुलाबद्दीन की भी परेशानी पहले कोरोना से लगे लॉकडाउन ने बढ़ाई. अब किसान आंदोलन के चलते अगर पर्यटक शिमला नहीं पहुंच पा रहे, तो नुकसान होना तय है.

बर्फबारी न होने से भी पर्यटकों की आमद में कमी

वैसे इस बार जनवरी में बर्फबारी न होने के कारण पर्यटकों और पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी छाई है. दिल्ली जैसे शहरों में आसमान और तारे देखने को तरसने वाले लोग शिमला का रुख करते हैं, लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान उनकी राह रोके खड़े हैं.

पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को पहले कोरोना का मार पड़ी. अब किसान आंदोलन ने कारोबारियों की चिंता बढ़ी दी है. शिमला होटल इंडस्ट्री पूरी तरह पर्यटन कारोबार पर निर्भर है.

पैदा हो सकता है दो वक्त की रोटी का संकट

जहां, साल 2020 के आखिर में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली. वहीं, साल 2021 की शुरुआत में आंदोलन की वजह से यह भीड़ अब शिमला से गायब-सी हो गई है. गायब भीड़ के साथ गायब हो रहा है रोजगार की उम्मीद. आंदोलन से ओझल होती उम्मीद घर पर दो वक्त की रोटी का संकट पैदा कर सकता है.

कारोबार पर लग सकता है ब्रेक!

कुल-मिलाकर कोरोना के कारण डीरेल हुए पर्यटन के कारोबार ने पिछले साल के आखिर में जो रफ्तार पकड़ी थी, उस पर फिर से ब्रेक लगता दिख रहा है. अगर ऐसा हुआ तो कारोबर से जुड़े लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.

ये भी पढ़ेंः जीवन के अंधेरे को बुलंद हौसलों से किया रोशन, सभी के लिए मिसाल हैं 62 साल के त्रिलोचन

शिमलाः कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे पर्यटन कारोबार रफ्तार पकड़ने लगा था, लेकिन राजधानी दिल्ली में चल रहे कृषि कानून के विरोध के चलते पहाड़ों की रानी शिमला में पर्यटन कारोबार पर इसका असर देखने को मिल रहा है.

पर्यटन कारोबार पर किसान आंदोलन की आंच

तीन कृषि कानून के विरोध में किसान राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान करीब 2 महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन की आंच शिमला के पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों तक पहुंच रही है.

दिल्ली से शिमला आने वाले पर्यटक आंदोलन की वजह से शिमला नहीं पहुंच रहे हैं. कुछ पर्यटक शिमला तो पहुंच गए, लेकिन यहां पहुंचने के लिए उन्हें किसान आंदोलन की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

विशेष रिपोर्ट.

बढ़ती दिख रही है परेशानी

शिमला के रिज मैदान पर पर्यटकों को घोड़े की सवारी करवाने वाले गुलाबद्दीन की भी परेशानी पहले कोरोना से लगे लॉकडाउन ने बढ़ाई. अब किसान आंदोलन के चलते अगर पर्यटक शिमला नहीं पहुंच पा रहे, तो नुकसान होना तय है.

बर्फबारी न होने से भी पर्यटकों की आमद में कमी

वैसे इस बार जनवरी में बर्फबारी न होने के कारण पर्यटकों और पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी छाई है. दिल्ली जैसे शहरों में आसमान और तारे देखने को तरसने वाले लोग शिमला का रुख करते हैं, लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान उनकी राह रोके खड़े हैं.

पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को पहले कोरोना का मार पड़ी. अब किसान आंदोलन ने कारोबारियों की चिंता बढ़ी दी है. शिमला होटल इंडस्ट्री पूरी तरह पर्यटन कारोबार पर निर्भर है.

पैदा हो सकता है दो वक्त की रोटी का संकट

जहां, साल 2020 के आखिर में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली. वहीं, साल 2021 की शुरुआत में आंदोलन की वजह से यह भीड़ अब शिमला से गायब-सी हो गई है. गायब भीड़ के साथ गायब हो रहा है रोजगार की उम्मीद. आंदोलन से ओझल होती उम्मीद घर पर दो वक्त की रोटी का संकट पैदा कर सकता है.

कारोबार पर लग सकता है ब्रेक!

कुल-मिलाकर कोरोना के कारण डीरेल हुए पर्यटन के कारोबार ने पिछले साल के आखिर में जो रफ्तार पकड़ी थी, उस पर फिर से ब्रेक लगता दिख रहा है. अगर ऐसा हुआ तो कारोबर से जुड़े लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.

ये भी पढ़ेंः जीवन के अंधेरे को बुलंद हौसलों से किया रोशन, सभी के लिए मिसाल हैं 62 साल के त्रिलोचन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.