शिमला: प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों और प्राइवेज कॉलेजों में हो रहे फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए निजी शिक्षण संस्थान एक्शन मोड में नजर आ रहा है. कार्रवाई भी आयोग की ओर से इस तरह के संस्थानों पर की जा रही है. अब शिकायतकर्ता भी आयोग के पास पहुंच रहे है.
फर्जी डिग्री को लेकर शिकायत
19 मार्च को आयोग के कार्यालय में फर्जी डिग्री को लेकर शिकायत दी गई. जब आयोग ने शिकायत पर जांच पड़ताल शुरू की तो मामला सही पाया गया. जांच में सामने आया कि फर्जी डिग्री शिमला के ही एक निजी विश्वविद्यालय की ओर से जारी की गई है. इसके बाद आयोग ने इस मामले से जुड़ी शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी है, ताकि मामले में आगामी कार्रवाई हो सके.
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कार्यालय रिकॉर्ड में छात्र का नाम ही नहीं
आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक की ओर से एफआईआर दर्ज करने के लिए शिमला पुलिस को पत्र दिया गया है. जिस डिग्री को लेकर शिकायतकर्ता आयोग के कार्यालय में आया था उसे देखकर यह अंदेशा नहीं लगाया जा सकता है कि यह फर्जी है. जिस छात्र के नाम पर डिग्री जारी की गई है, उसका रिकॉर्ड जब आयोग ने अपने कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड में खंगाला तो छात्र का नाम ही नहीं मिला है. जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह डिग्री फर्जी तरीके से जारी की गई है.
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि 19 मार्च की सुबह हमारे पास एक शिकायतकर्ता आया. उसने एक डिग्री पेश की और दावा किया कि यह डिग्री फर्जी है. उसके बाद जब आयोग ने अपने रिकॉर्ड में संबंधित विश्वविद्यालय के 2014 के बैच के छात्रों का डाटा खंगाला तो पाया गया कि जिस छात्र के नाम से यह डिग्री है, उसका नाम ही उपलब्ध नहीं है.
मामला दर्ज
डिग्री के फर्जी होने की आशंका होने पर मामला पुलिस में दर्ज करवा दिया गया है.अब मामले में पुलिस की ओर से कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इससे पहले भी प्रदेश में फर्जी डिग्री के मामले को लेकर एक निजी यूनिवर्सिटी पर एसआईटी की जांच चल रही है, तो एक और यूनिवर्सिटी पर सीबीआई की जांच चल रही है. अब एक और मामला सामने आया है. जिस निजी यूनिवर्सिटी की यह फर्जी डिग्री पकड़ी गई है, हिमाचल के पूर्व डीजीपी भी उस विश्वविद्यालय के वीसी रह चुके हैं.
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