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हिमाचल में कोरोना के खिलाफ जंग: घबराएं नहीं, सतर्क रहें, अस्पतालों में हैं पर्याप्त बेड - corona cases himachal

हिमाचल प्रदेश में कोविड संक्रमितों के लिए अधिकतम बिस्तरों की संख्या 3500 तक की जा सकती है. फिलहाल, अस्पतालों में 802 कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोग इलाज करवा रहे हैं. वहीं, आईजीएमसी के सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनकराज ने सभी लोगों से लापरवाही न बरतने और सतर्क रहने का आग्रह भी किया गया है.

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Published : Apr 22, 2021, 7:21 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बेशक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग स्थितियों के अनुसार इंतजाम करने में जुटा है. प्रदेश में कुछ समय पहले कोरोना संक्रमितों के लिए 1450 बेड सुरक्षित थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ा दी गई है. प्रदेश में अब 2700 बेड की क्षमता कर दी गई है.

प्रदेश में बढ़ रहे संक्रमण के मामले

हिमाचल में कोविड संक्रमितों के लिए अधिकतम बिस्तरों की संख्या 3500 तक की जा सकती है. फिलहाल, अस्पतालों में 802 कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोग इलाज करवा रहे हैं. प्रदेश में रिकवरी रेट भी अच्छी है. ये सही है कि संक्रमण के मामले बढ़े हैं और मौत का आंकड़ा भी, लेकिन आम जनता के बीच भय का माहौल पैदा करने की बजाय सकारात्मक पहलू भी सामने लाना जरूरी है. अगर 21 अप्रैल की बात करें तो करीब-करीब एक हजार संक्रमित ठीक भी हुए हैं.

सरकार से संक्रमण से बचने के लिए लगाई बंदिशें

उल्लेखनीय है कि एक समय में हिमाचल में एक्टिव केस की संख्या दो सौ के करीब रह गई थी. मार्च महीने के बाद मामले बढ़ने शुरू हुए. इसी दौरान नगर निगम चुनाव का संग्राम छिड़ा और राजनीतिक दलों ने रैलियां शुरू कर दीं. भाजपा और कांग्रेस की बैठकें हुईं, सभाएं हुई और कई लोग धार्मिक यात्राओं से भी वापस आए. इसके बाद केस बढ़े और अब स्थिति ये है कि हिमाचल प्रदेश में एक्टिव केस 11 हजार के करीब हो गए हैं.

देश के अन्य राज्यों में एक्टिव केस बढ़ने के बाद कुछ बंदिशों को लगाया गया. इससे प्रदेश में सैलानियों के आने की संख्या कम हुई. सरकार ने समारोहों पर भी बंदिशें लगाई. मंदिर बंद किए गए, बाजार शनिवार और रविवार को बंद रखने के आदेश दिए गए. सरकारी कार्यालयों में फाइव डे वीक किया गया. समारोहों में भी पचास लोगों की संख्या की बंदिश लगाई गई. इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में मामलों में गिरावट आएगी.

सभी से सर्तकता बरतने का आग्रह

उधर, प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनकराज ने बताया कि अस्पताल में संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं. उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया है कि लापरवाही न बरतें और सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में T-20 वर्ल्ड कप का मैच होने की उम्मीदें बढ़ी, BCCI ने ICC को भेजा नाम

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बेशक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग स्थितियों के अनुसार इंतजाम करने में जुटा है. प्रदेश में कुछ समय पहले कोरोना संक्रमितों के लिए 1450 बेड सुरक्षित थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ा दी गई है. प्रदेश में अब 2700 बेड की क्षमता कर दी गई है.

प्रदेश में बढ़ रहे संक्रमण के मामले

हिमाचल में कोविड संक्रमितों के लिए अधिकतम बिस्तरों की संख्या 3500 तक की जा सकती है. फिलहाल, अस्पतालों में 802 कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोग इलाज करवा रहे हैं. प्रदेश में रिकवरी रेट भी अच्छी है. ये सही है कि संक्रमण के मामले बढ़े हैं और मौत का आंकड़ा भी, लेकिन आम जनता के बीच भय का माहौल पैदा करने की बजाय सकारात्मक पहलू भी सामने लाना जरूरी है. अगर 21 अप्रैल की बात करें तो करीब-करीब एक हजार संक्रमित ठीक भी हुए हैं.

सरकार से संक्रमण से बचने के लिए लगाई बंदिशें

उल्लेखनीय है कि एक समय में हिमाचल में एक्टिव केस की संख्या दो सौ के करीब रह गई थी. मार्च महीने के बाद मामले बढ़ने शुरू हुए. इसी दौरान नगर निगम चुनाव का संग्राम छिड़ा और राजनीतिक दलों ने रैलियां शुरू कर दीं. भाजपा और कांग्रेस की बैठकें हुईं, सभाएं हुई और कई लोग धार्मिक यात्राओं से भी वापस आए. इसके बाद केस बढ़े और अब स्थिति ये है कि हिमाचल प्रदेश में एक्टिव केस 11 हजार के करीब हो गए हैं.

देश के अन्य राज्यों में एक्टिव केस बढ़ने के बाद कुछ बंदिशों को लगाया गया. इससे प्रदेश में सैलानियों के आने की संख्या कम हुई. सरकार ने समारोहों पर भी बंदिशें लगाई. मंदिर बंद किए गए, बाजार शनिवार और रविवार को बंद रखने के आदेश दिए गए. सरकारी कार्यालयों में फाइव डे वीक किया गया. समारोहों में भी पचास लोगों की संख्या की बंदिश लगाई गई. इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में मामलों में गिरावट आएगी.

सभी से सर्तकता बरतने का आग्रह

उधर, प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनकराज ने बताया कि अस्पताल में संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं. उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया है कि लापरवाही न बरतें और सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है.

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