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बिंदल के इस्तीफे से हिमाचल BJP में बदले समीकरण, तेज हुई नए मुखिया के लिए रेस - Himachal Pradesh BJP

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की कुर्सी स्वास्थ्य निदेशक के वॉयरल ऑडियो की भेंट चढ़ गई. एक हफ्ते तक सियासी हलचल के बाद बुधवार को भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने अचानक अपना इस्तीफा पार्टी के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया. देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिंदल का त्यागपत्र मंजूर कर लिया. इस बीच हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राजीव बिंदल ने नैतिकता का तकाजा देखते हुए त्यागपत्र दिया है. सीएम ने जोर देकर ये भी कहा कि वायरल ऑडियो मामले की निष्पक्ष जांच होगी.

Bjp leader rajeev bindal
बिंदल के इस्तीफे से हिमाचल भाजपा में बदले समीकरण
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Published : May 27, 2020, 10:56 PM IST

Updated : May 28, 2020, 12:47 PM IST

शिमला: कोविड-19 के इस संकट काल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की कुर्सी स्वास्थ्य निदेशक के वॉयरल ऑडियो की भेंट चढ़ गई. एक हफ्ते तक सियासी हलचल के बाद बुधवार को भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने अचानक अपना इस्तीफा पार्टी के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया.

साथ ही एक वीडियो जारी कर बिंदल ने कहा कि उन्होंने उच्च नैतिक मापदंड का पालन करते हुए इस्तीफा दिया है. देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिंदल का त्यागपत्र मंजूर कर लिया. इस बीच हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राजीव बिंदल ने नैतिकता का तकाजा देखते हुए त्यागपत्र दिया है. सीएम ने जोर देकर ये भी कहा कि वायरल ऑडियो मामले की निष्पक्ष जांच होगी.

वहीं, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने भी राजीव बिंदल के त्यागपत्र को स्वागत के लायक कदम बताया है. फिलहाल, नई परिस्थितियों में अब हिमाचल भाजपा में वर्किंग प्रेजीडेंट नामित किया जाएगा. उसके बाद ही अगले पार्टी मुखिया के चुनाव का रास्ता साफ होगा.

इसके साथ ही भाजपा में नए अध्यक्ष के लिए भी दौड़ तेज हो जाएगी. ये एक तरह से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी सरकार की अग्निपरीक्षा भी है. समूचा प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा है और हिमाचल में ठीक उस विभाग का मुखिया घूसखोरी में गिरफ्तार होता है, जिसके कंधे पर कोरोना से निपटने की जिम्मेदारी थी.

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. अजय गुप्ता वायरल ऑडियो में कथित लेनदेन की बात करने पर गिरफ्तार हुए हैं और पुलिस रिमांड में हैं. इस घोटाले के तार घूम-फिर कर भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की तरफ जा रहे थे.

ये बात अलग है कि अभी जांच एजेंसी के पास इस तरह का कोई सिरा हाथ नहीं आया है, लेकिन ऑडियो वायरल होने के बाद भाजपा में अपने ही लोग नेतृत्व पर अंगुली उठाने लगे थे. इन सारी अटकलों पर बुधवार दोपहर को उस समय विराम लग गया, जब राजीव बिंदल ने अपना इस्तीफा दे दिया. देर शाम त्यागपत्र मंजूर भी हो गया.

इससे साफ पता चलता है कि हाईकमान व पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. शांता कुमार व महेंद्र नाथ सोफ्त जैसे नेताओं ने सीधे-सीधे अंगुली उठाई और इस घटना को शर्मनाक बताया. मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल उठे.

अब हिमाचल भाजपा में नए मुखिया के लिए रेस तेज हो जाएगी. पिछली बार राजीव बिंदल अचानक से इस कुर्सी के हकदार बना दिए गए थे. वो इसलिए कि हिमाचल से अध्यक्ष के लिए जिन नेताओं के नाम का पैनल गया था, उसमें डॉ. बिंदल का नाम नहीं था.

प्रदेश में 2017 के आखिरी महीने में भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली थी. सीएम जयराम ठाकुर अप्रत्याशित रूप से नए सीएम बने. प्रेम कुमार धूमल की चुनाव में हार हुई और वे प्रदेश की सत्ता से दूर हो गए.

जयराम ठाकुर के सीएम बनने के बाद गुटबाजी का दौर नए रूप में शुरू हुआ. सतपाल सिंह सत्ती की अध्यक्ष के तौर पर टर्म पूरी हुई तो नए मुखिया की तलाश शुरू हुई. ये ये तलाश राजीव बिंदल के रूप में पूरी हुई. बिंदल विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी से त्यागपत्र देकर पार्टी अध्यक्ष बने और परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें कथित घूसखोरी कांड के बाद इस पद से भी इस्तीफा देना पड़ा.

अब देखना है कि भाजपा की कमान किसके हाथ में आती है. पार्टी हाईकमान पहले कार्यकारी अध्यक्ष नामित करेगा. उसके बाद नए मुखिया की तलाश होगी. ये देखना दिलचस्प होगा कि नया अध्यक्ष किसका करीबी होता है. क्या सीएम जयराम ठाकुर की पसंद पर मुहर लगेगी या धूमल खेमे को तरजीह मिलेगी अथवा हाईकमान अपने किसी भरोसेमंद को ये जिम्मेदारी देगा.

पढ़ेंः छोटे से काफल में हैं कई औषधीय गुण...विटामिन के साथ पाए जाते हैं कई पोषक तत्व

शिमला: कोविड-19 के इस संकट काल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की कुर्सी स्वास्थ्य निदेशक के वॉयरल ऑडियो की भेंट चढ़ गई. एक हफ्ते तक सियासी हलचल के बाद बुधवार को भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने अचानक अपना इस्तीफा पार्टी के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया.

साथ ही एक वीडियो जारी कर बिंदल ने कहा कि उन्होंने उच्च नैतिक मापदंड का पालन करते हुए इस्तीफा दिया है. देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिंदल का त्यागपत्र मंजूर कर लिया. इस बीच हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राजीव बिंदल ने नैतिकता का तकाजा देखते हुए त्यागपत्र दिया है. सीएम ने जोर देकर ये भी कहा कि वायरल ऑडियो मामले की निष्पक्ष जांच होगी.

वहीं, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने भी राजीव बिंदल के त्यागपत्र को स्वागत के लायक कदम बताया है. फिलहाल, नई परिस्थितियों में अब हिमाचल भाजपा में वर्किंग प्रेजीडेंट नामित किया जाएगा. उसके बाद ही अगले पार्टी मुखिया के चुनाव का रास्ता साफ होगा.

इसके साथ ही भाजपा में नए अध्यक्ष के लिए भी दौड़ तेज हो जाएगी. ये एक तरह से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी सरकार की अग्निपरीक्षा भी है. समूचा प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा है और हिमाचल में ठीक उस विभाग का मुखिया घूसखोरी में गिरफ्तार होता है, जिसके कंधे पर कोरोना से निपटने की जिम्मेदारी थी.

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. अजय गुप्ता वायरल ऑडियो में कथित लेनदेन की बात करने पर गिरफ्तार हुए हैं और पुलिस रिमांड में हैं. इस घोटाले के तार घूम-फिर कर भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की तरफ जा रहे थे.

ये बात अलग है कि अभी जांच एजेंसी के पास इस तरह का कोई सिरा हाथ नहीं आया है, लेकिन ऑडियो वायरल होने के बाद भाजपा में अपने ही लोग नेतृत्व पर अंगुली उठाने लगे थे. इन सारी अटकलों पर बुधवार दोपहर को उस समय विराम लग गया, जब राजीव बिंदल ने अपना इस्तीफा दे दिया. देर शाम त्यागपत्र मंजूर भी हो गया.

इससे साफ पता चलता है कि हाईकमान व पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. शांता कुमार व महेंद्र नाथ सोफ्त जैसे नेताओं ने सीधे-सीधे अंगुली उठाई और इस घटना को शर्मनाक बताया. मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल उठे.

अब हिमाचल भाजपा में नए मुखिया के लिए रेस तेज हो जाएगी. पिछली बार राजीव बिंदल अचानक से इस कुर्सी के हकदार बना दिए गए थे. वो इसलिए कि हिमाचल से अध्यक्ष के लिए जिन नेताओं के नाम का पैनल गया था, उसमें डॉ. बिंदल का नाम नहीं था.

प्रदेश में 2017 के आखिरी महीने में भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली थी. सीएम जयराम ठाकुर अप्रत्याशित रूप से नए सीएम बने. प्रेम कुमार धूमल की चुनाव में हार हुई और वे प्रदेश की सत्ता से दूर हो गए.

जयराम ठाकुर के सीएम बनने के बाद गुटबाजी का दौर नए रूप में शुरू हुआ. सतपाल सिंह सत्ती की अध्यक्ष के तौर पर टर्म पूरी हुई तो नए मुखिया की तलाश शुरू हुई. ये ये तलाश राजीव बिंदल के रूप में पूरी हुई. बिंदल विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी से त्यागपत्र देकर पार्टी अध्यक्ष बने और परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें कथित घूसखोरी कांड के बाद इस पद से भी इस्तीफा देना पड़ा.

अब देखना है कि भाजपा की कमान किसके हाथ में आती है. पार्टी हाईकमान पहले कार्यकारी अध्यक्ष नामित करेगा. उसके बाद नए मुखिया की तलाश होगी. ये देखना दिलचस्प होगा कि नया अध्यक्ष किसका करीबी होता है. क्या सीएम जयराम ठाकुर की पसंद पर मुहर लगेगी या धूमल खेमे को तरजीह मिलेगी अथवा हाईकमान अपने किसी भरोसेमंद को ये जिम्मेदारी देगा.

पढ़ेंः छोटे से काफल में हैं कई औषधीय गुण...विटामिन के साथ पाए जाते हैं कई पोषक तत्व

Last Updated : May 28, 2020, 12:47 PM IST
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