शिमला: सुक्खू सरकार ने स्कूल बंद करने के फैसले पर अपनी गलती सुधारी है. दरअसल, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी ने भी अपने इलाके में निर्धारित संख्या से अधिक छात्रों वाले स्कूलों बंद करने पर एतराज जताया था. साथ ही शिक्षा मंत्री को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी. जिसके बाद सरकार ने अपनी गलती सुधारते हुए ऐसे स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करने की बात कही है. सरकार ने शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि जहां इन तिथियों के बाद भी एडमिशन हुई है और जहां निर्धारित संख्या छात्रों की पूरी हो रही है, वहां से स्टाफ ट्रांसफर न किया जाए. सरकार ने कहा इन स्कूलों को बंद करने के फैसले पर फिर से विचार किया जाएगा.
दरअसल, सरकार ने पहले विंटर वेकेशन वाले स्कूलों के लिए 31 मार्च और समर वेकेशन वाले स्कूलों के लिए 15 अप्रैल तक के दाखिले को आधार माना था, लेकिन कई स्कूलों में इसके बाद भी छात्रों ने दाखिले लिए और वहां निर्धारित संख्या पूरी हो रही थी. बावजूद इनको बंद करने के आदेश जारी किए गए, लेकिन आरोप लगाए जा रहे थे कि कई जगह निर्धारित संख्या से ज्यादा बच्चों वाले स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं.
स्कूलों की समीक्षा कर पुनः खोलने पर विचार: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा राज्य सरकार डी-नोटिफाइड किए गए उन स्कूलों की समीक्षा करेगी और पुनः खोलने पर विचार करेगी. जिनमें विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या है. शिक्षा विभाग ने मिडिल स्कूल के लिए 15, हाई स्कूल के लिए 20 और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 25 छात्रों की संख्या को आधार बनाया था. विंटर वेकेशन वाले विद्यालयों के लिए विद्यार्थियों के दाखिले की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2023 और समर वेकेशन वाले विद्यालयों के लिए 15 अप्रैल, 2023 निर्धारित की गई थी.
'प्रदेश सरकार ने उक्त मानदंडों के आधार पर स्कूलों को डी-नोटिफाई करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन राज्य सरकार के ध्यान में यह आया है कि कुछ स्कूलों में अब विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या पूरी हो गई है, इसलिए समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है ताकि ऐसे स्कूलों को फिर से खोलने के लिए उचित निर्णय लिया जा सके.':- रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री
शिक्षा विभाग में 6000 पदों को भरने का निर्णय: शिक्षा मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार राज्य के विद्यार्थियों को विशेष रूप से दूर दराज के क्षेत्रों में उनके घरों के निकट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के लगभग 6000 पदों को भरने का निर्णय लिया है.
रोहित ठाकुर ने कहा प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से एक-एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग मॉडल स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को उनके घरों के समीप विश्व स्तर की शिक्षा प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि पहले चरण में 13 स्थानों की पहचान की जा चुकी है. जिनमें शीघ्र ही निर्माण गतिविधियां आरंभ कर दी जाएंगी. यह स्कूल आधुनिक सुविधा लैस हाई-टेक स्मार्ट क्लास रूम, खेल के मैदान आदि से संपन्न होंगे. इसके अलावा प्री-प्राइमरी और प्राथमिक स्तर के बच्चों को एक खेल मैदान की सुविधा प्रदान की जाएगी, जहां वे खेल सकें. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: सुखविंदर सरकार ने इन जिलों में 62 स्कूल किए बंद, प्रतिभा सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा