शिमला: प्रदेश की राजधानी शिमला में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)-2009 के तहत राज्य सलाहकार परिषद की द्वितीय बैठक आयोजित की गई. बैठक में शिक्षा से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आरटीई की धारा-12 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और वंचित समूहों के बच्चों को निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है. इस प्रावधान के तहत प्रदेश में सराहनीय कार्य किया गया है. शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में निजी शिक्षण संस्थानों में 3402 बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश मिला है. इनकी पढ़ाई का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा है.
निजी स्कूलों में 25 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान: दरअसल, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्य सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट में आर्थिक तौर पर कमजोर (ईडब्ल्यूएस) बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया है. प्रदेश में सरकार की सख्ती के बाद इस वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों ने दाखिला देना शुरू कर दिया है. शिक्षा मंत्री ने सभी जिला मुख्यालयों में विशेष बच्चों के लिए संसाधन कक्ष सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. वर्तमान में लगभग सभी जिला मुख्यालयों यह कक्ष उपलब्ध हैं. इन संसाधन कक्षों को खण्ड स्तर तक ले जाने के लिए विचार-विमर्श किया गया. यह प्रयास समग्र शिक्षा के तहत किए जाएंगे.
शिक्षा मंत्री ने पहली कक्षा में प्रवेश की आयु तय करने के लिए एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए. वहीं, राज्य शैक्षिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को सुगठित और सुव्यवस्थित करने के लिए भी कहा. यह प्रदेश की अकादमिक प्राधिकरण है. इस बैठक में निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा घनश्याम चंद, निदेशक उच्चतर शिक्षा अमरजीत शर्मा, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, एससीईआरटी के प्राध्यापक और अन्य गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया.
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