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फिर कांपी धरती, हिमाचल में इस साल 40 से अधिक बार आया भूकंप

इस साल हिमाचल में अबतक 40 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. शुक्रवार को रात 11 बजे के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके लगने के बाद लोग घरों से बाहर निकल गए. दो दिन पहले शिमला में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

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Published : Jul 17, 2021, 12:15 PM IST

शिमला: जनजातीय जिला किन्नौर में शुक्रवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई. मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप का केंद्र किन्नौर जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. रात 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के झटके किन्नौर और आसपास के जिलों में महसूस किए गए.

भूकंप के झटके लगते ही लोग घरों से बाहर निकल गए. भूकंप के झटके लगते ही लोग सहम गए थे. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है.

वहीं, कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र सिस्मिक जोन पांच में आते हैं, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्र जोन चार के तहत आते हैं. बता दें कि साल 2021 में हिमाचल में अबतक 40 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. हिमाचल पहले भी भूकंप की भयावह त्रासदी झेल चुका है. वर्ष 1905 में कांगड़ा में आये भीषण भूकंप से 20 हजार लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह 1975 में किन्नौर में भी तबाही मची थी. विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दे चुके हैं कि हिमालयी रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है. दो दिन पहले शिमला और आस पास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

ये भी पढ़ें: शिमला में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.6 मापी गई तीव्रता

शिमला: जनजातीय जिला किन्नौर में शुक्रवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई. मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप का केंद्र किन्नौर जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. रात 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के झटके किन्नौर और आसपास के जिलों में महसूस किए गए.

भूकंप के झटके लगते ही लोग घरों से बाहर निकल गए. भूकंप के झटके लगते ही लोग सहम गए थे. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है.

वहीं, कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र सिस्मिक जोन पांच में आते हैं, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्र जोन चार के तहत आते हैं. बता दें कि साल 2021 में हिमाचल में अबतक 40 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. हिमाचल पहले भी भूकंप की भयावह त्रासदी झेल चुका है. वर्ष 1905 में कांगड़ा में आये भीषण भूकंप से 20 हजार लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह 1975 में किन्नौर में भी तबाही मची थी. विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दे चुके हैं कि हिमालयी रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है. दो दिन पहले शिमला और आस पास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

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