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अष्टमी पर मां दुर्गा पंडाल में हुआ संधि पूजन, 108 कमल के फूल और दियों से की गई विशेष पूजा

कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा के पंडाल में अष्टमी पर विशेष संधि पूजन किया गया. इस पूजा का विशेष महत्व बंगला समुदाय के लोगों में है. हर वर्ष शारदीय नवरात्रों में कालीबाड़ी में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है.

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Published : Oct 6, 2019, 10:53 PM IST

शिमला: कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा के पंडाल में अष्टमी पर विशेष संधि पूजन किया गया. इस पूजा का विशेष महत्व बंगला समुदाय के लोगों में है. हर वर्ष शारदीय नवरात्रों में कालीबाड़ी में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है.

अष्टमी के दिन मंदिर में विशेष संधि पूजन किया जाता है. इस पूजन में बंगला समुदाय के लोगों ने भी भाग लिया. पूजा में कोलकाता से भी लोग आए थे. संधि पूजन में 108 कमल के फूल और 108 दियों का इस्तेमाल किया जाता है.

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इन108 कमल के फूलों को माता दुर्गा को अर्पित कर 108 दिए जलाए जाते हैं. अष्टमी के दिन पंडाल सहित मां काली के दरबार में भी भक्तों की भीड़ लगी रही और भगतगण मां काली और मां दुर्गा के दर्शनों के लिए काफी संख्या में मंदिर पहुंचे.

वहीं, लोगों ने मंदिर के प्रांगण में कन्या पूजन किया. कन्याओं को हलवा पूरी का भोग लगाकर लाल चुनरी, बिंदी और चूड़ियां भी भेंट स्वपरूप दी गई. मां दुर्गा पंडाल के पुजारी ने बताया कि छठे नवरात्रे को जब पंडाल में मां दुर्गा की मूर्तियां स्थापित की जाती है तो उसके बाद सप्तमी, अष्टमी और नवमी की विशेष पूजा की जाती है.

अष्टमी को विशेष संधि पूजन मां दुर्गा के पंडाल में किया जाता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले 108 कमल के फूल कोलकाता से मंगवाए जाते हैं. कोलकाता से पूजा में शामिल होने के लिए आने वाले लोग ये फूल लेकर राजधानी शिमला कलीबाड़ी मंदिर पहुंचते हैं, जिसके बाद इस पूजन को पूरा किया जाता है.बता दें कि कलीबाड़ी में स्थापित मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन दशमी के दिन तारा देवी स्थित आईटीबीपी तालाब में किया जाएगा.

शिमला: कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा के पंडाल में अष्टमी पर विशेष संधि पूजन किया गया. इस पूजा का विशेष महत्व बंगला समुदाय के लोगों में है. हर वर्ष शारदीय नवरात्रों में कालीबाड़ी में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है.

अष्टमी के दिन मंदिर में विशेष संधि पूजन किया जाता है. इस पूजन में बंगला समुदाय के लोगों ने भी भाग लिया. पूजा में कोलकाता से भी लोग आए थे. संधि पूजन में 108 कमल के फूल और 108 दियों का इस्तेमाल किया जाता है.

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इन108 कमल के फूलों को माता दुर्गा को अर्पित कर 108 दिए जलाए जाते हैं. अष्टमी के दिन पंडाल सहित मां काली के दरबार में भी भक्तों की भीड़ लगी रही और भगतगण मां काली और मां दुर्गा के दर्शनों के लिए काफी संख्या में मंदिर पहुंचे.

वहीं, लोगों ने मंदिर के प्रांगण में कन्या पूजन किया. कन्याओं को हलवा पूरी का भोग लगाकर लाल चुनरी, बिंदी और चूड़ियां भी भेंट स्वपरूप दी गई. मां दुर्गा पंडाल के पुजारी ने बताया कि छठे नवरात्रे को जब पंडाल में मां दुर्गा की मूर्तियां स्थापित की जाती है तो उसके बाद सप्तमी, अष्टमी और नवमी की विशेष पूजा की जाती है.

अष्टमी को विशेष संधि पूजन मां दुर्गा के पंडाल में किया जाता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले 108 कमल के फूल कोलकाता से मंगवाए जाते हैं. कोलकाता से पूजा में शामिल होने के लिए आने वाले लोग ये फूल लेकर राजधानी शिमला कलीबाड़ी मंदिर पहुंचते हैं, जिसके बाद इस पूजन को पूरा किया जाता है.बता दें कि कलीबाड़ी में स्थापित मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन दशमी के दिन तारा देवी स्थित आईटीबीपी तालाब में किया जाएगा.

Intro:शिमला के प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा के पंड़ाल में अष्टमी पर विशेष संधि पूजन किया गया। इस पूजा का विशेष महत्व बंगला समुदाय के लोगों में है। हर वर्ष शारदीय नवरात्रों में कालीबाड़ी में जिस पंडाल में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है वहां अष्टमी के दिन विशेष संधि पूजन किया जाता है। इस पूजन में बंगला समुदाय के लोगों ने भी भाग लिया ओर इस पूजा को बड़ी ही धूमधाम से किया। इस पूजा में कोलकाता से भी लोग भाग लेने के लिए विशेष रुप से कलीबाड़ी शिमला आए थे।


Body:संधि पूजन में 108 कमल के फूल और 108 दियों का इस्तेमाल किया जाता है। इन 108 कमल के फूलों को माता दुर्गा को अर्पित कर 108 दिए जलाए गए। अष्ठमी के दिन पंडाल सहित मां काली के दरबार में भी भक्तों की भीड़ लगी रही और भगतगण माँ काली ओर मां दुर्गा के दर्शनों के लिए काफी संख्या में मंदिर पहुंचे। वहीं लोगों ने कजका पुजन भी अष्टमी के दिन पर मंदिर के प्रांगण में ही किया। यही छोटी-छोटी कन्याओं को हलवा पूरी का भोग लगाकर उन्हें लाल चुनरी,बिंदी ओर चूड़ियां भी भेंट स्वरूप दी गयी।


Conclusion:मां दुर्गा के पंड़ाल के पुजारी ने बताया कि छठे नवरात्रे को जब पंड़ाल में मां दुर्गा की मूर्तियां स्थापित की जाती है तो उसके बाद सप्तमी,अष्टमी ओर नवमी की विशेष पूजा की जाती है। अष्टमी को विशेष संधि पूजन मां दुर्गा के पंड़ाल ने किया जाता है। इसमें इस्तेमाल होने वाले 108 कमल के फूल कोलकाता से मंगवाए जाते है। कोलकाता से पूजा में शामिल होने के लिए आने वाले लोग यह फूल ले कर राजधानी शिमला कलीबाड़ी मंदिर पहुंचते है जिसके बाद इस पूजन को पूरा किया जाता है। बता दे कलीबाड़ी में स्थापित माँ दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन दशमी के दिन किया तारा देवी स्थित आईटीबीपी तालाब में किया जाएगा।
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