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कोरोना की तीसरी लहर पर सरकार सतर्क, बच्चों का स्वास्थ्य जांचने डोर-टू-डोर टीम का होगा गठन

प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए जल्द ही एक टीम का गठन किया जाएगा जो घर-घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी. टीम साधारण बीमारी का इलाज मौके पर करेगी. लेकिन अगर बीमारी गंभीर है तो पीड़ित बच्चों को अस्पताल शिफ्ट किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया में अभी कुछ समय लग सकता है.

SHIMLA
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Published : Jun 2, 2021, 7:26 AM IST

शिमला: प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए जल्द ही एक टीम का गठन किया जाएगा जो घर-घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी. बता दें कि यह टीम साधारण बीमारी का इलाज मौके पर करेगी. लेकिन अगर बीमारी गंभीर है तो पीड़ित बच्चों को अस्पताल शिफ्ट किया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया में अभी कुछ समय लग सकता है. प्रदेश के अधिकांश चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ अभी कोविड ड्यूटी में व्यस्त है. जैसे ही प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या कम होगी. उनके बाद ही यह अभियान शुरू हो सकेगा. हालांकि सभी सीएमओ को डॉक्टर्स की टीमें तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार सतर्क है, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल विभाग के आलाधिकारियों से समय-समय पर प्रदेश के हालात की अपडेट ले रहे हैं.

कोरोना की तीसरी लहर पर सरकार सतर्क

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा है कि दुनियाभर में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि कोरोना, संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों के लिए चिंताजनक साबित हो सकती है, इसलिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बाल रोग वार्ड और सेवाओं को सुदृढ़ करने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाल रोग से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- हिमाचल कोरोना अपडेट: मंगलवार को 921 नए मामले आए सामने, 24 घंटे में 38 लोगों की मौत

शिमला: प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए जल्द ही एक टीम का गठन किया जाएगा जो घर-घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी. बता दें कि यह टीम साधारण बीमारी का इलाज मौके पर करेगी. लेकिन अगर बीमारी गंभीर है तो पीड़ित बच्चों को अस्पताल शिफ्ट किया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया में अभी कुछ समय लग सकता है. प्रदेश के अधिकांश चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ अभी कोविड ड्यूटी में व्यस्त है. जैसे ही प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या कम होगी. उनके बाद ही यह अभियान शुरू हो सकेगा. हालांकि सभी सीएमओ को डॉक्टर्स की टीमें तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार सतर्क है, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल विभाग के आलाधिकारियों से समय-समय पर प्रदेश के हालात की अपडेट ले रहे हैं.

कोरोना की तीसरी लहर पर सरकार सतर्क

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा है कि दुनियाभर में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि कोरोना, संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों के लिए चिंताजनक साबित हो सकती है, इसलिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बाल रोग वार्ड और सेवाओं को सुदृढ़ करने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाल रोग से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए.

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