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कोरोना कर्फ्यू: IGMC में रोजाना आ रहे प्वाइजनिंग और घरेलू हिंसा के मामले, ओपीडी में गिरावट

कोरोना काल में आईजीएमसी में ओपीडी में गिरावट आई है. इमरजेंसी में आम दिनों में 150 से 200 के लगभग मरीज आते थे, लेकिन अब 50 के लगभग मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं. कोरोना कर्फ्यू में घरेलू हिंसा व प्वाइजनिंग जैसे मामले ज्यादातर सामने आ रहे हैं. रोजाना 2 से 3 मामले प्वाइजनिंग व घरेलू मारपीट के आईजीएमसी में सामने आ रहे हैं.

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Published : May 16, 2021, 10:25 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए कर्फ्यू लगाया है. जिसका असर आईजीएमसी में भी देखने को मिल रहा है. अब आईजीएमसी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आई है. अस्पताल में पहले जहां 2500 से 3000 मरीज उपचार के लिए आया करते थे, वहीं अब 400 से 500 मरीज ही रोजाना उपचार के लिए पहुंच रहे हैं.

अस्पतालों में घटी मरीजों की संख्या

ईटीवी हिमाचल प्रदेश से खास बातचीत में आईजीएमसी के आपातकाल विभाग के सीएमओ डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण लोग घर से नहीं निकल रहे हैं. यातायात सुविधा न होने के कारण लोग कम संख्या में अस्पताल आ रहे हैं. केवल गंभीर अवस्था में ही मरीज एंबुलेंस व निजी गाड़ियों से अस्पताल पहुंच रहे हैं. इमरजेंसी में आम दिनों में 150 से 200 के लगभग मरीज आते थे, लेकिन अब 50 के लगभग मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं.

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रोजाना 2 से 3 मामले

वहीं, इमरजेंसी में उपचार करने वाली महिला डॉक्टर ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में घरेलू हिंसा व प्वाइजनिंग जैसे मामले ज्यादातर सामने आ रहे हैं. रोजाना 2 से 3 मामले प्वाइजनिंग व घरेलू मारपीट के आईजीएमसी में सामने आ रहे हैं. जिसमें एमएलसी(पुलिस केस) काटनी पड़ती है.

डॉक्टर का साफ कहना है कि घर में रहने वाले लोग मानसिक तनवा से बचें. ज्यादातर लोग मानसिक तनाव में आकर जहर खा लेते हैं या घर मार-पिटाई कर जख्मी हो जाते हैं. जहां अस्पतालों में कोरोना के खौफ से मरीजों की संख्या घटी है, वहीं लोग इस दौरान घरों में मानसिक तनाव से भी जूझ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कम होने लगे एक्टिव केस, शनिवार को कोरोना के 4 हजार से ज्यादा मामले, 56 की मौत

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए कर्फ्यू लगाया है. जिसका असर आईजीएमसी में भी देखने को मिल रहा है. अब आईजीएमसी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आई है. अस्पताल में पहले जहां 2500 से 3000 मरीज उपचार के लिए आया करते थे, वहीं अब 400 से 500 मरीज ही रोजाना उपचार के लिए पहुंच रहे हैं.

अस्पतालों में घटी मरीजों की संख्या

ईटीवी हिमाचल प्रदेश से खास बातचीत में आईजीएमसी के आपातकाल विभाग के सीएमओ डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण लोग घर से नहीं निकल रहे हैं. यातायात सुविधा न होने के कारण लोग कम संख्या में अस्पताल आ रहे हैं. केवल गंभीर अवस्था में ही मरीज एंबुलेंस व निजी गाड़ियों से अस्पताल पहुंच रहे हैं. इमरजेंसी में आम दिनों में 150 से 200 के लगभग मरीज आते थे, लेकिन अब 50 के लगभग मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं.

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रोजाना 2 से 3 मामले

वहीं, इमरजेंसी में उपचार करने वाली महिला डॉक्टर ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में घरेलू हिंसा व प्वाइजनिंग जैसे मामले ज्यादातर सामने आ रहे हैं. रोजाना 2 से 3 मामले प्वाइजनिंग व घरेलू मारपीट के आईजीएमसी में सामने आ रहे हैं. जिसमें एमएलसी(पुलिस केस) काटनी पड़ती है.

डॉक्टर का साफ कहना है कि घर में रहने वाले लोग मानसिक तनवा से बचें. ज्यादातर लोग मानसिक तनाव में आकर जहर खा लेते हैं या घर मार-पिटाई कर जख्मी हो जाते हैं. जहां अस्पतालों में कोरोना के खौफ से मरीजों की संख्या घटी है, वहीं लोग इस दौरान घरों में मानसिक तनाव से भी जूझ रहे हैं.

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