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शिक्षा विभाग ने डीएलएड कोर्स में किया बदलाव, 12 डायट केन्द्रों पर पढ़ाया जाएगा एक जैसा सिलेबस

डीएलएड कोर्स और शिक्षक बनने की ट्रेनिंग कर रहे छात्रों को इस सत्र से नया और यूनिफॉर्म सिलेबस पढ़ने को मिलेगा, जिसमें डीएलएड कोर्स के लिए NIOS का सिलेबस लागू किया जाएगा.

प्रदेश में डीएलएड कोर्स का बदलेगा सिलेबस
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Published : Aug 6, 2019, 7:25 AM IST

शिमला: डीएलएड कोर्स और शिक्षक बनने की ट्रेनिंग कर रहे छात्रों को इस सत्र से नया और यूनिफॉर्म सिलेबस पढ़ने को मिलेगा. शिक्षा विभाग डीएलएड कोर्स के सिलेबस में बदलाव कर रहा है. सिलेबस में बदवाल करने के बाद प्रदेश के 12 डायट केन्द्रों पर डीएलएड कोर्स और NIOS का सिलेबस लागू किया जाएगा. सर्व शिक्षा अभियान की और से यह पहल सरकार के आदेशों से डायट केंद्रों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है. इसको देखते हुए प्रदेश के सभी डायट केंद्रों के सीनियर लेक्चररों की बैठक बुलाई गई है. जिसमें सिलेबस के बदलाव पर चर्चा की जाएगी.

आपको बता दें कि प्रदेश में डायट केंद्रों पर डीएलएड कोर्स का कोई भी सिलेबस नहीं है. हेल्पबुक और एमबीडी की मदद से सिलेबस पढ़या जा रहा है. इसमें सुधार करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की और से सिलेबस में बदलाव करने की यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है. यह सिलेबस स्कूलों में पड़ाई कर रहे छात्रों के लिए सार्थक सिद्ध होगा.

प्रदेश में डीएलएड कोर्स का बदलेगा सिलेबस

सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सरकार ने डायट केन्द्रों को स्ट्रेंथन करने के निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत डीएलएड कोर्स के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है. जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल का सिलेबस अच्छा आंका जा रहा है. सिलेबस में बदवाल होने से डीएलएड करने वाले छात्रों की ट्रेनिंग में गुणवत्ता आएगी.

वहीं उन्होंने बताया कि एनसीटीई की और से डीएलएड कोर्स की ट्रेनिंग में बदलाव किया गया है. पहले वर्ष में एक माह और दूसरे वर्ष में 4 माह की टीचिंग प्रैक्टिस का समय तय किया गया है. प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षक जिन्होंने जेबीटी या बीएड नहीं की है, उन शिक्षकों को ट्रेन्ड टीचर बनने के लिए डीएलएड कोर्स करना एमएचआरडी की ओर से अनिवार्य किया गया है. ऐसे में हजारों शिक्षक प्रदेश में ऐसे है जो डीएलएड कोर्स कर रहे हैं जिनके लिए नवंबर से नए सेशन से नया सिलेबस लागू हो जाएगा.

शिमला: डीएलएड कोर्स और शिक्षक बनने की ट्रेनिंग कर रहे छात्रों को इस सत्र से नया और यूनिफॉर्म सिलेबस पढ़ने को मिलेगा. शिक्षा विभाग डीएलएड कोर्स के सिलेबस में बदलाव कर रहा है. सिलेबस में बदवाल करने के बाद प्रदेश के 12 डायट केन्द्रों पर डीएलएड कोर्स और NIOS का सिलेबस लागू किया जाएगा. सर्व शिक्षा अभियान की और से यह पहल सरकार के आदेशों से डायट केंद्रों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है. इसको देखते हुए प्रदेश के सभी डायट केंद्रों के सीनियर लेक्चररों की बैठक बुलाई गई है. जिसमें सिलेबस के बदलाव पर चर्चा की जाएगी.

आपको बता दें कि प्रदेश में डायट केंद्रों पर डीएलएड कोर्स का कोई भी सिलेबस नहीं है. हेल्पबुक और एमबीडी की मदद से सिलेबस पढ़या जा रहा है. इसमें सुधार करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की और से सिलेबस में बदलाव करने की यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है. यह सिलेबस स्कूलों में पड़ाई कर रहे छात्रों के लिए सार्थक सिद्ध होगा.

प्रदेश में डीएलएड कोर्स का बदलेगा सिलेबस

सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सरकार ने डायट केन्द्रों को स्ट्रेंथन करने के निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत डीएलएड कोर्स के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है. जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल का सिलेबस अच्छा आंका जा रहा है. सिलेबस में बदवाल होने से डीएलएड करने वाले छात्रों की ट्रेनिंग में गुणवत्ता आएगी.

वहीं उन्होंने बताया कि एनसीटीई की और से डीएलएड कोर्स की ट्रेनिंग में बदलाव किया गया है. पहले वर्ष में एक माह और दूसरे वर्ष में 4 माह की टीचिंग प्रैक्टिस का समय तय किया गया है. प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षक जिन्होंने जेबीटी या बीएड नहीं की है, उन शिक्षकों को ट्रेन्ड टीचर बनने के लिए डीएलएड कोर्स करना एमएचआरडी की ओर से अनिवार्य किया गया है. ऐसे में हजारों शिक्षक प्रदेश में ऐसे है जो डीएलएड कोर्स कर रहे हैं जिनके लिए नवंबर से नए सेशन से नया सिलेबस लागू हो जाएगा.

Intro:डीएलएड कोर्स ओर शिक्षक बनने की ट्रेनिंग कर रहे छात्रों को इस सत्र से नया ओर यूनिफार्म सिलेबस पढ़ने को मिलेगा। लक्षा विभाग की ओर से डीएलएड कोर्स के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। सिलेबस में बदवाल करने के बाद प्रदेश के 12 डायट केन्द्रों में डीएलएड कोर्स का एक जैसा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल का सिलेबस लागू किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से यह पहल सरकार के आदेशों के तहत प्रदेश के डाइट केंद्रों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। इसके लिए एक बैठक प्रदेश के सभी डायट केंद्रों के सीनियर लेक्चररों के साथ बुलाई गई है जिसमें यह चर्चा होगी कि किस तरह से सिलेबस में बदलाव किया जा सकता है।


Body:प्रदेश के डायट केंद्रों में करवाएं जा रहे डीएलएड कोर्स को लेकर कोई भी सिलेबस तय नहीं है। कोई हेल्पबुक तो कोई एमबीडी की मदद से ही इस सिलेबस को पढ़ा रहा है जिससे कि गुणवत्ता पर सबसे बड़ा सवाल उठ रहा 9है। ऐसे में इसमें सुधार किया जा सके इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान की ओर से सिलेबस में बदलाव करने की यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अब डीएलएड कोर्स के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल का सिलेबस लागू किया जाएगा। इसी सिलेबस को डीएलएड कोर्स कर रहे छात्र पढेंगे जो उन्हें आगामी समय ने स्कूलों में शिक्षक के तौर पर कार्य करते समय बच्चों को पढ़ाने में भी मदद करेगा। वहीं इस नए सिलेबस के लागू होने के बाद लेक्चरर किसी भी हेल्पबुक ओर एमबीडी का सहारा छात्रों को पढ़ाने के लिए नहीं ले पायेंगें।


Conclusion:सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि सरकार ने डायट केन्द्रों को स्ट्रेंथन करने के निर्देश जारी किए है जिसके तहत डीएलएड कोर्स के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल का सिलेबस जो काफी अच्छा है उसे डीएलएड कोर्स में शामिल किया जाएगा। इससे सिलेबस में गुणवत्ता आएगी और उसे स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले नए सिलेबस को पढ़ाने ने भी भावी शिक्षकों को मदद मिलेगी। इस सिलेबस में बदवाल होने से डीएलएड करने वाले छात्रों की ट्रेनिंग में भी गुणवत्ता आएगी। एनसीटीई की ओर से डीएलएड कोर्स की ट्रेनिंग में भी बदलाव किया गया है। पहले वर्ष में एक माह ओर दूसरे वर्ष में 4 माह की टीचिंग प्रैक्टिस का समय तय किया गया है। ऐसे में अब ज्यादा समय इन छात्रों को स्कूलों में बच्चों के बीच बिताना होगा जिससे कि उनकी टीचिंग प्रेक्टिस ओर बेहतर होगी और वो बेहतर शिक्षक बन पाएंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में भी एसएसए काम कर रहा है।

निजी और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवश्यक है डीएलएड कोर्स करना

प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में तैनात वह शिक्षक जिन्होंने जेबीटी या बीएड नहीं किया है उन शिक्षकों को ट्रेनेड टीचर बनने के लिए डीएलएड कोर्स करना एमएचआरडी की ओर से अनिवार्य किया गया है। ऐसे में हजारों शिक्षक अभी प्रदेश में ऐसे है जो डीएलएड कोर्स कर रहे है जिनके लिए नवंबर के नए सेशन से नया सिलेबस लागू हो जाएगा।
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