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Rampur News: दिव्यांग बच्चों के सिर से छिनी स्कूली छत, रोते बिलखते पहुंचे एसडीएम कार्यालय, लगाई ये गुहार

रामपुर में दिव्यांग बच्चे रोते बिलखते एसडीएम कार्यालय पहुंचे और स्कूल को बहाल करने की गुहार लगाई. वहीं, स्कूल नहीं बहाल करने पर दिव्यांग छात्रों ने फिर से एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेने की चेतावनी दी है. पढ़ें पूरी खबर...

Protest of Divyang students In rampur
रामपुर एसडीएम कार्यालय पहुंचे दिव्यांग बच्चे
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Published : Aug 18, 2023, 5:10 PM IST

रामपुर बुशहर: शिमला जिले के रामपुर में कोशिश एक आशा फाउंडेशन के दिव्यांग छात्रों द्वारा शुक्रवार को रोष रैली का आयोजन किया गया. दरअसल, यह रैली भीमाकाली ट्रस्ट और रामपुर प्रशासन के खिलाफ निकाली गई. इस दौरान दिव्यांग छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा छात्रों के साथ अन्यायपूर्ण कार्य किया है. उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चों के सिर से स्कूल की छत छीन ली गई है. ऐसे में अब हमारे बच्चे कहां शिक्षा ग्रहण करेंगे. उन्होंने बताया कि आज राजनीति का शिकार हमारे बच्चों को होना पड़ रहा है.

दरअसल, अभिभावकों ने स्कूल परिसर में ताला लगाने को लेकर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि यदि व्यक्ति विशेष से कोई दिक्कत है तो वह आपस में सुलझाने का प्रयास करें. ऐसे में दिव्यांग बच्चों को राजनीति के अखाड़े में खड़ा करने का प्रयास न करें. उन्होंने बताया कि आज लंगर लगाने के लिए स्कूल को खाली करवाने का प्रयास किया गया. दिव्यांगों की शिक्षा से बढ़कर और क्या कार्य हो सकता है. अभिभावकों का कहना है कि एक तरफ पहले ही हिमाचल प्रदेश आपदा से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी ओर ऐसी घड़ी में दिव्यांगों और अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. वहीं, कोशिश एक आशा की अध्यक्षा स्वाति बंसल ने बताया कि छात्रों के अभिभावकों ने आने वाले सोमवार तक का समय प्रशासन को दिया है. यदि स्कूल को फिर से बहाल नहीं किया जाता है तो फिर से छात्र एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे.

क्या है कोशिश एक आशा फाउंडेशन और भीमाकाली ट्रस्ट: बता दें कोशिश एक आशा फाउंडेशन के तहत स्कूल में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाया जाता है. जो भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट परिसर में पिछले 6 सालों से एक हॉल में चलाया जा रहा था. वहीं, 6 सालों से कोशिश एक आशा फाउंडेशन को लीज पर दिया गया था. जिनकी लीज जून माह में समाप्त हो गई है. जिस पर कोशिश एक आशा फाउंडेशन की प्रधान स्वाति बंसल ने बताया कि जून माह में इन्होंने लीज को रिन्यू करने के लिए आवेदन किया था जिस पर ट्रस्ट द्वारा इन्हें इस हॉल को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया. बता दें, इस ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे स्कूल में कुल 30 दिव्यांग छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.

दिव्यांग बच्चे पहुंचे एसडीएम कार्यालय: बताया जा रहा है कि इस हॉल में कोई धार्मिक अनुष्ठान के कार्यक्रम होने हैं. जिसे लेकर प्रशासन ने वहां पर जाकर अपना ताला लगा दिया है. वहीं, इन बच्चों को अब पढ़ाने के लिए उनके पास कोई स्थान नहीं है. जिसे लेकर कोशिश एक आशा फाउंडेशन की प्रधान स्वाति बंसल की अध्यक्षता में सभी दिव्यांग बच्चे, अभिभावक और अन्य स्थानीय लोग बढ़ी संख्या में एसडीएम के कार्यालय में पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान भीमाकली मंदिर ट्रस्ट वाला हॉल स्कूल के लिए देने की मांग की.

ये भी पढ़ें: Hamirpur: बिना काम किए खाते में आया मनरेगा का पैसा, महिलाओं ने विभाग को वापस लौटाए रुपए, जताई धांधली की आशंका

रामपुर बुशहर: शिमला जिले के रामपुर में कोशिश एक आशा फाउंडेशन के दिव्यांग छात्रों द्वारा शुक्रवार को रोष रैली का आयोजन किया गया. दरअसल, यह रैली भीमाकाली ट्रस्ट और रामपुर प्रशासन के खिलाफ निकाली गई. इस दौरान दिव्यांग छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा छात्रों के साथ अन्यायपूर्ण कार्य किया है. उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चों के सिर से स्कूल की छत छीन ली गई है. ऐसे में अब हमारे बच्चे कहां शिक्षा ग्रहण करेंगे. उन्होंने बताया कि आज राजनीति का शिकार हमारे बच्चों को होना पड़ रहा है.

दरअसल, अभिभावकों ने स्कूल परिसर में ताला लगाने को लेकर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि यदि व्यक्ति विशेष से कोई दिक्कत है तो वह आपस में सुलझाने का प्रयास करें. ऐसे में दिव्यांग बच्चों को राजनीति के अखाड़े में खड़ा करने का प्रयास न करें. उन्होंने बताया कि आज लंगर लगाने के लिए स्कूल को खाली करवाने का प्रयास किया गया. दिव्यांगों की शिक्षा से बढ़कर और क्या कार्य हो सकता है. अभिभावकों का कहना है कि एक तरफ पहले ही हिमाचल प्रदेश आपदा से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी ओर ऐसी घड़ी में दिव्यांगों और अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. वहीं, कोशिश एक आशा की अध्यक्षा स्वाति बंसल ने बताया कि छात्रों के अभिभावकों ने आने वाले सोमवार तक का समय प्रशासन को दिया है. यदि स्कूल को फिर से बहाल नहीं किया जाता है तो फिर से छात्र एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे.

क्या है कोशिश एक आशा फाउंडेशन और भीमाकाली ट्रस्ट: बता दें कोशिश एक आशा फाउंडेशन के तहत स्कूल में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाया जाता है. जो भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट परिसर में पिछले 6 सालों से एक हॉल में चलाया जा रहा था. वहीं, 6 सालों से कोशिश एक आशा फाउंडेशन को लीज पर दिया गया था. जिनकी लीज जून माह में समाप्त हो गई है. जिस पर कोशिश एक आशा फाउंडेशन की प्रधान स्वाति बंसल ने बताया कि जून माह में इन्होंने लीज को रिन्यू करने के लिए आवेदन किया था जिस पर ट्रस्ट द्वारा इन्हें इस हॉल को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया. बता दें, इस ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे स्कूल में कुल 30 दिव्यांग छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.

दिव्यांग बच्चे पहुंचे एसडीएम कार्यालय: बताया जा रहा है कि इस हॉल में कोई धार्मिक अनुष्ठान के कार्यक्रम होने हैं. जिसे लेकर प्रशासन ने वहां पर जाकर अपना ताला लगा दिया है. वहीं, इन बच्चों को अब पढ़ाने के लिए उनके पास कोई स्थान नहीं है. जिसे लेकर कोशिश एक आशा फाउंडेशन की प्रधान स्वाति बंसल की अध्यक्षता में सभी दिव्यांग बच्चे, अभिभावक और अन्य स्थानीय लोग बढ़ी संख्या में एसडीएम के कार्यालय में पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान भीमाकली मंदिर ट्रस्ट वाला हॉल स्कूल के लिए देने की मांग की.

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