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बीजेपी विधायक दल की बैठक में छाया रहा MLA फंड बहाल करने का मुद्दा

बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक निधि का मुद्दा छाया रहा. विधायकों का कहना था कि विधायक निधि बंद होने से एक तरफ जहां क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए हैं. वहीं, विधायकों का रुतबा भी कम होने लगा है. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करना मुश्किल होगा. बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक निधी को बहाल करने की मांग

BJP Legislature Party meeting
बीजेपी विधायक दल की बैठक
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Published : Jun 11, 2020, 12:40 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के बीच हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक निधि का मुद्दा छाया रहा. इस मैराथन बैठक में बीजेपी के सभी विधायक और मंत्री मौजूद रहे. विधायकों का कहना था कि विधायक निधि बंद होने से एक तरफ जहां क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए हैं, वहीं दूसरी ओर विधायकों का रुतबा भी कम होने लगा है. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करना मुश्किल होगा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई इस मैराथन बैठक में प्रदेश सरकार ने अब तक कोविड 19 से निपटने के लिए उठाए गए उपायों पर विस्तृत जानकारी दी. बैठक में विधायकों को बताया गया कि कौन-कौन से महत्वपूर्ण कदम प्रदेश सरकार ने उठाए हैं. साथ ही केंद्र सरकार ने किन किन क्षेत्रों में रियायतें दी हैं, ताकि विधायक अपने क्षेत्रों में जनता से संपर्क कर इन सब बातों को घर-घर पहुंचाएं.

इसके अलावा बीजेपी विधायक दल की बैठक में आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा हुई. इस बात पर भी चर्चा की गई कि सरकार किस तरह आने वाले समय में कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति में बदलाव करने जा रही है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के त्यागपत्र के बाद संगठन में उपजे हालातों पर भी बीजेपी विधायक दल में चर्चा हुई.

वीडियो रिपोर्ट

सूत्रों के अनुसार हालांकि इस विषय पर अधिक लंबी चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन इतना जरूर कहा गया कि जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होने वाली है. उसके बाद संगठनात्मक दृष्टि से काम सुचारू रूप से जारी रहेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एक महत्वपूर्ण पद है. इसे अधिक लंबे समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है. वहीं, कुछ विधायकों ने कैबिनेट विस्तार को लेकर भी मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी.

विधायकों का कहना था कि सरकार के ढाई साल होने के बावजूद मंत्रिमंडल में 3 पद खाली हैं. साथ ही कई बोर्डों और निगमों के चेयरमैन और अध्यक्षों के पद भी रिक्त हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं के बीच निराशा का माहौल है, जिसे दूर करने के लिए जल्द कोशिश की जानी चाहिए. हालांकि, कोविड संकट को देखते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का बन पाना फिलहाल मुमकिन नहीं लग रहा है. विधायकों को सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी देना ही मुख्य लक्ष्य बताया जा रहा है.

बैठक में सभी विधायकों को एक स्वर में सरकार के किए जा रहे कार्यों को जनता तक पहुंचाने पर ही अधिक ध्यान देने को कहा गया. इसके अलावा पिछले दिनों पार्टी के भीतर उठे विरोध के स्वर को देखते हुए भी इस बैठक के माध्यम से एक साफ संदेश देने की कोशिश की गई. साथ ही सचिवालय और स्वास्थ्य विभाग में धांधली का मामला सामने आने पर भी बीजेपी विधायक दल की बैठक में विस्तृत विचार विमर्श किया गया.

ये भी पढ़ें: शिक्षा विभाग की चेतावनी! ऑनलाइन व्हाट्सएप स्टडी ग्रुप्स में ना भेजें अनावश्यक मैसेज

शिमला: कोरोना संकट के बीच हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक निधि का मुद्दा छाया रहा. इस मैराथन बैठक में बीजेपी के सभी विधायक और मंत्री मौजूद रहे. विधायकों का कहना था कि विधायक निधि बंद होने से एक तरफ जहां क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए हैं, वहीं दूसरी ओर विधायकों का रुतबा भी कम होने लगा है. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करना मुश्किल होगा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई इस मैराथन बैठक में प्रदेश सरकार ने अब तक कोविड 19 से निपटने के लिए उठाए गए उपायों पर विस्तृत जानकारी दी. बैठक में विधायकों को बताया गया कि कौन-कौन से महत्वपूर्ण कदम प्रदेश सरकार ने उठाए हैं. साथ ही केंद्र सरकार ने किन किन क्षेत्रों में रियायतें दी हैं, ताकि विधायक अपने क्षेत्रों में जनता से संपर्क कर इन सब बातों को घर-घर पहुंचाएं.

इसके अलावा बीजेपी विधायक दल की बैठक में आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा हुई. इस बात पर भी चर्चा की गई कि सरकार किस तरह आने वाले समय में कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति में बदलाव करने जा रही है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के त्यागपत्र के बाद संगठन में उपजे हालातों पर भी बीजेपी विधायक दल में चर्चा हुई.

वीडियो रिपोर्ट

सूत्रों के अनुसार हालांकि इस विषय पर अधिक लंबी चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन इतना जरूर कहा गया कि जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होने वाली है. उसके बाद संगठनात्मक दृष्टि से काम सुचारू रूप से जारी रहेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एक महत्वपूर्ण पद है. इसे अधिक लंबे समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है. वहीं, कुछ विधायकों ने कैबिनेट विस्तार को लेकर भी मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी.

विधायकों का कहना था कि सरकार के ढाई साल होने के बावजूद मंत्रिमंडल में 3 पद खाली हैं. साथ ही कई बोर्डों और निगमों के चेयरमैन और अध्यक्षों के पद भी रिक्त हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं के बीच निराशा का माहौल है, जिसे दूर करने के लिए जल्द कोशिश की जानी चाहिए. हालांकि, कोविड संकट को देखते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का बन पाना फिलहाल मुमकिन नहीं लग रहा है. विधायकों को सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी देना ही मुख्य लक्ष्य बताया जा रहा है.

बैठक में सभी विधायकों को एक स्वर में सरकार के किए जा रहे कार्यों को जनता तक पहुंचाने पर ही अधिक ध्यान देने को कहा गया. इसके अलावा पिछले दिनों पार्टी के भीतर उठे विरोध के स्वर को देखते हुए भी इस बैठक के माध्यम से एक साफ संदेश देने की कोशिश की गई. साथ ही सचिवालय और स्वास्थ्य विभाग में धांधली का मामला सामने आने पर भी बीजेपी विधायक दल की बैठक में विस्तृत विचार विमर्श किया गया.

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