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ओपन स्कूलिंग द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र बांटने के आरोपों को लेकर इंस्टीट्यूट के निदेशक हाईकोर्ट में तलब

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग पर फर्जी प्रमाणपत्र बांटने के आरोपों को देखते हुए इंस्टीट्यूट के निदेशक को तलब किया है. पढ़ें पूरी खबर...(HP High Court)

HP High Court
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Published : Dec 20, 2022, 10:46 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग पर फर्जी प्रमाणपत्र बांटने के आरोपों को देखते हुए इंस्टीट्यूट के निदेशक (मूल्यांकन) को तलब किया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने एनआईओएस से क्रमांक संख्या 190198056318 का तमाम रिकॉर्ड भी तलब किया है. मामले के अनुसार प्रार्थी सुनीता देवी ने पटवार सर्कल थाची में प्रतिवादी ऊषा देवी के बतौर पार्ट टाइम क्लास 4 चयन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. (HP High Court)

प्रार्थी का आरोप था कि प्रतिवादी ऊषा ने एनआईओएस से प्राप्त दसवीं का जो प्रमाणपत्र चयन कमेटी के समक्ष पेश किया था वो फर्जी था. कोर्ट ने प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए प्रतिवादी का चयन रद्द कर प्रार्थी को नियुक्ति देने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के उक्त सर्टिफिकेट के जारी होने में संदेह जताते हुए उच्च शिक्षा निदेशक को मामले की छानबीन करने के आदेश दिए थे.

इसके पश्चात कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशालय की जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट होते हुए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव को जांच करने के आदेश दिए थे. सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से दायर जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के पश्चात प्रदेश उच्च न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित किए हैं.

ये भी पढ़ें: अनूप रतन होंगे हिमाचल हाईकोर्ट के एडवोकेट जनरल, सरकार ने की अधिसूचना जारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग पर फर्जी प्रमाणपत्र बांटने के आरोपों को देखते हुए इंस्टीट्यूट के निदेशक (मूल्यांकन) को तलब किया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने एनआईओएस से क्रमांक संख्या 190198056318 का तमाम रिकॉर्ड भी तलब किया है. मामले के अनुसार प्रार्थी सुनीता देवी ने पटवार सर्कल थाची में प्रतिवादी ऊषा देवी के बतौर पार्ट टाइम क्लास 4 चयन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. (HP High Court)

प्रार्थी का आरोप था कि प्रतिवादी ऊषा ने एनआईओएस से प्राप्त दसवीं का जो प्रमाणपत्र चयन कमेटी के समक्ष पेश किया था वो फर्जी था. कोर्ट ने प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए प्रतिवादी का चयन रद्द कर प्रार्थी को नियुक्ति देने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के उक्त सर्टिफिकेट के जारी होने में संदेह जताते हुए उच्च शिक्षा निदेशक को मामले की छानबीन करने के आदेश दिए थे.

इसके पश्चात कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशालय की जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट होते हुए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव को जांच करने के आदेश दिए थे. सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से दायर जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के पश्चात प्रदेश उच्च न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित किए हैं.

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