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24 किलो सेब की पैकिंग की सिलिंग हटाने की तैयारी, एक हफ्ते में ही सरकार अपना फैसला करेगी रिव्यू: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने फैसला लिया था कि सेब की अधिकतम 24 किलो तक ही पेटी मंडियों में बेची जाएगी, लेकिन अब सरकार इस फैसले को रिव्यू करने जा रही है. वजह जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (horticulture minister news) (horticulture minister himachal) (horticulture minister jagat singh negi).

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बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी (फाइल फोटो).
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Published : Jul 4, 2023, 6:35 PM IST

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन अभी पूरी तरह से शुरू भी नहीं हुआ है और सरकार अपना एक फैसला रिव्यू करने जा रही है. दरअसल सरकार ने सेब किलो के हिसाब से बेचने का फैसला लिया है और यह भी तय किया है कि अधिकतम 24 किलो तक ही पेटी मंडियों में बेची जाएगी, लेकिन अब सरकार इस सीलिंग के फैसले को रिव्यू करने जा रही है. पूरी संभावना है कि सरकार अपने इस फैसले को पलटेगी. सरकार के इस फैसले को लेकर बागवान आशंका जता रहे हैं.

प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत भी पूरी तरह से नहीं हुई है. अभी अर्ली वैरायटी का टाइडमैन और रेडजून सेब मंडियों में पहुंच रहा है. अब अगले कुछ दिनों में रायल का सेब भी मंडियों में पहुंचने लगेगा. हिमाचल की मंडियों में सेब खरीदने के लिए इस बार नई व्यवस्था भी शुरू की गई है. अबकी बार किलो के हिसाब से सेब यहां की मंडियों में बेचा जा रहा है. यानी पहले जहां पेटियों के हिसाब से सेब के दाम तय होते थे वहीं, इस बार किलो के हिसाब से सेब की बोलियां मंडी में लग रही हैं. हालांकि इसके लिए सरकार ने सही व्यवस्था नहीं की है, यह भी साफ होने लगा है.

बागवानों को पेटियां भरने से पहले सेब को तोलना पड़ रहा है और फिर मंडियों भी आढ़ती इनका वजन कराकर बेच रहे हैं. इससे बागवानों की मुश्किलें बढ गई हैं. लेकिन किलो के हिसाब से सेब बेचने के फैसले से बागवानों का कुछ राहत जरूर मिली है, क्योंकि पहले पेटियों में 25 से 35 किलो तक सेब बेचा जा रहा था जबकि अबकी बार सेब की पेटी की पैकिंग की लिमिट 24 किलो तय की गई है.

24 किलो की लिमिट खत्म करने की कवायद शुरू: हिमाचल में सेब की पेटी के वजन की लिमिट अबकी बार 24 किलो तय की थी, हालांकि यह बात अलग है कि कुछ बागवान इससे अधिक वजन की पेटियां भी मंडियों में ला रहे हैं. इस बीच सरकार 24 किलो के वजन की सिलिंग हटाने पर विचार कर रही है. बताया जा रहा कि इसके लिए बागवानी विभाग जल्द बैठक कर इस बारे में फैसला करेगा. सरकार के इस फैसले को लेकर बागवानों में आशंका है. मौजूदा समय में मडियों में आने वाली पेटियों का वजन चाहे कितना भी क्यों न हो, बागवानों को 22 किलो के ही दाम दिए जा रहे हैं. मसलन अगर कोई बागवान 24 किलो वाली पेटी मंडी में ले जाता है तो इसका 2 किलो कार्टन का वजन काटा जा रहा है. अगर कोई बागवान 26 किलो वाली पेटी ले जाता है तो उसको 22 किलो के हिसाब से ही रेट मिल रहे हैं. बागवान इसकी शिकायत कर रहे हैं कि 22 किलो से अधिक सेब के दाम उनको नहीं दिया जा रहे. ऐसे में अगर सरकार सेब की पेटियों से सीलिंग हटा देती है तो यह भी हो सकता है कि उनको पूरे दाम न मिले.

बागवान 20 किलो तक की पेटियों की रहे मांग: हिमाचल में बागवान सरकार से अधिकतम 20 किलो की स्टैंडर्ड पेटी लागू करने की मांग कर रहे हैं. वे सरकार के 24 किलो के वजन वाली पेटी से सहमत नहीं है. ऐसे में अब सरकार को सिलिंग हटा रही है, तो इससे मंडियों में सेब की 35 किलो तक की पेटियां पहुंचने लगेंगी. सेब के खरीददार ज्यादा वजन वाली पेटियों को खरीदने में तवज्जो देंगे. वहीं जो बागवान कम वजन वाली पेटियां मंडियों में ले जाएंगे उनको कम रेट मिलेंगे, इसकी भी आशंका जताई जा रही है. उधर, संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा है कि बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन ही फायदेमंद है, क्योंकि उसमें निर्धारित मात्रा में ही सेब आता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि एक नोटिफिकेशन करे कि अगले साल से टेलोस्कोपिक कार्टन बंद होगा केवल यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब मंडियों में बिकेगा.

'पांच दिन में रिव्यू करने कर रही सरकार': सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर का कहना है कि अभी पांच दिन भी नहीं हुए हैं कि सरकार अपना फैसला रिव्यू करने जा रही है. उन्होंने कहा कि बागवान पहले से कह रहे हैं कि सरकार का 24 किलो की पेटी का फैसला व्यवहारिक नहीं है, इससे बागवानों में कन्फ्यूजन होगी. यही वजह है कि बागवान लगातार मांग कर रहे हैं कि उनके लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाए. लेकिन मंडियों में आज हालात यह हो गई है कि बागवान को 29 किलो की पेटी में भी 22 किलो के दाम मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया यूनिवर्सल कार्टन और ग्रेडिंग पर जा रही है, लेकिन हिमाचल इसको लागू नहीं कर रहा. इससे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

'सरकार किसानों के हितों में लेगी फैसला': बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि सेब की पैकिंग की 24 किलो की सिलिंग हटाने की मांग कई लोगों द्वारा की जा रही है. ऐसे में सरकार 24 किलो की सिलिंग के फैसले पर पुर्नविचार करेगी. उन्होंने कहा कि सेब की पेटी का वजन चाहे कितना भी क्यों न हो, रेट वजन के हिसाब से ही मंडियों पर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि बागवानों के हित्तों में जो भी होगा, सरकार वही फैसला करेगी.

ये भी पढ़ें- Himachal Apple News: किलो के हिसाब से सेब बेचने के सिस्टम से आढ़ती-खरीदार खुश नहीं, बागवानों की मुसीबतें भी बढ़ी

ये भी पढ़ें- सेब मंडी सोलन में सेब की दस्तक, करसोग से टाइडमैन वैरायटी की 400 पेटियां पहुंची सोलन, 70 रुपए किलो तक मिले दाम

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन अभी पूरी तरह से शुरू भी नहीं हुआ है और सरकार अपना एक फैसला रिव्यू करने जा रही है. दरअसल सरकार ने सेब किलो के हिसाब से बेचने का फैसला लिया है और यह भी तय किया है कि अधिकतम 24 किलो तक ही पेटी मंडियों में बेची जाएगी, लेकिन अब सरकार इस सीलिंग के फैसले को रिव्यू करने जा रही है. पूरी संभावना है कि सरकार अपने इस फैसले को पलटेगी. सरकार के इस फैसले को लेकर बागवान आशंका जता रहे हैं.

प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत भी पूरी तरह से नहीं हुई है. अभी अर्ली वैरायटी का टाइडमैन और रेडजून सेब मंडियों में पहुंच रहा है. अब अगले कुछ दिनों में रायल का सेब भी मंडियों में पहुंचने लगेगा. हिमाचल की मंडियों में सेब खरीदने के लिए इस बार नई व्यवस्था भी शुरू की गई है. अबकी बार किलो के हिसाब से सेब यहां की मंडियों में बेचा जा रहा है. यानी पहले जहां पेटियों के हिसाब से सेब के दाम तय होते थे वहीं, इस बार किलो के हिसाब से सेब की बोलियां मंडी में लग रही हैं. हालांकि इसके लिए सरकार ने सही व्यवस्था नहीं की है, यह भी साफ होने लगा है.

बागवानों को पेटियां भरने से पहले सेब को तोलना पड़ रहा है और फिर मंडियों भी आढ़ती इनका वजन कराकर बेच रहे हैं. इससे बागवानों की मुश्किलें बढ गई हैं. लेकिन किलो के हिसाब से सेब बेचने के फैसले से बागवानों का कुछ राहत जरूर मिली है, क्योंकि पहले पेटियों में 25 से 35 किलो तक सेब बेचा जा रहा था जबकि अबकी बार सेब की पेटी की पैकिंग की लिमिट 24 किलो तय की गई है.

24 किलो की लिमिट खत्म करने की कवायद शुरू: हिमाचल में सेब की पेटी के वजन की लिमिट अबकी बार 24 किलो तय की थी, हालांकि यह बात अलग है कि कुछ बागवान इससे अधिक वजन की पेटियां भी मंडियों में ला रहे हैं. इस बीच सरकार 24 किलो के वजन की सिलिंग हटाने पर विचार कर रही है. बताया जा रहा कि इसके लिए बागवानी विभाग जल्द बैठक कर इस बारे में फैसला करेगा. सरकार के इस फैसले को लेकर बागवानों में आशंका है. मौजूदा समय में मडियों में आने वाली पेटियों का वजन चाहे कितना भी क्यों न हो, बागवानों को 22 किलो के ही दाम दिए जा रहे हैं. मसलन अगर कोई बागवान 24 किलो वाली पेटी मंडी में ले जाता है तो इसका 2 किलो कार्टन का वजन काटा जा रहा है. अगर कोई बागवान 26 किलो वाली पेटी ले जाता है तो उसको 22 किलो के हिसाब से ही रेट मिल रहे हैं. बागवान इसकी शिकायत कर रहे हैं कि 22 किलो से अधिक सेब के दाम उनको नहीं दिया जा रहे. ऐसे में अगर सरकार सेब की पेटियों से सीलिंग हटा देती है तो यह भी हो सकता है कि उनको पूरे दाम न मिले.

बागवान 20 किलो तक की पेटियों की रहे मांग: हिमाचल में बागवान सरकार से अधिकतम 20 किलो की स्टैंडर्ड पेटी लागू करने की मांग कर रहे हैं. वे सरकार के 24 किलो के वजन वाली पेटी से सहमत नहीं है. ऐसे में अब सरकार को सिलिंग हटा रही है, तो इससे मंडियों में सेब की 35 किलो तक की पेटियां पहुंचने लगेंगी. सेब के खरीददार ज्यादा वजन वाली पेटियों को खरीदने में तवज्जो देंगे. वहीं जो बागवान कम वजन वाली पेटियां मंडियों में ले जाएंगे उनको कम रेट मिलेंगे, इसकी भी आशंका जताई जा रही है. उधर, संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा है कि बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन ही फायदेमंद है, क्योंकि उसमें निर्धारित मात्रा में ही सेब आता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि एक नोटिफिकेशन करे कि अगले साल से टेलोस्कोपिक कार्टन बंद होगा केवल यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब मंडियों में बिकेगा.

'पांच दिन में रिव्यू करने कर रही सरकार': सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर का कहना है कि अभी पांच दिन भी नहीं हुए हैं कि सरकार अपना फैसला रिव्यू करने जा रही है. उन्होंने कहा कि बागवान पहले से कह रहे हैं कि सरकार का 24 किलो की पेटी का फैसला व्यवहारिक नहीं है, इससे बागवानों में कन्फ्यूजन होगी. यही वजह है कि बागवान लगातार मांग कर रहे हैं कि उनके लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाए. लेकिन मंडियों में आज हालात यह हो गई है कि बागवान को 29 किलो की पेटी में भी 22 किलो के दाम मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया यूनिवर्सल कार्टन और ग्रेडिंग पर जा रही है, लेकिन हिमाचल इसको लागू नहीं कर रहा. इससे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

'सरकार किसानों के हितों में लेगी फैसला': बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि सेब की पैकिंग की 24 किलो की सिलिंग हटाने की मांग कई लोगों द्वारा की जा रही है. ऐसे में सरकार 24 किलो की सिलिंग के फैसले पर पुर्नविचार करेगी. उन्होंने कहा कि सेब की पेटी का वजन चाहे कितना भी क्यों न हो, रेट वजन के हिसाब से ही मंडियों पर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि बागवानों के हित्तों में जो भी होगा, सरकार वही फैसला करेगी.

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