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हिमाचल में 54 दिनों में 145 मौतें, 62 फीसदी मौतें सड़क हादसों की वजह से - shimla news hindi

हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम में 145 लोगों की जान गई है. इनमें से 62 फीसदी मौतें सड़क हादसों में हुई है. वहीं, बाकि मौतें गिरने, आग लगने और पानी में बहने के कारण हुई है. पढ़ें पूरी खबर...(Himachal State Disaster Management Authority Report) (Deaths due to road accidents in Himachal) (accidents in Himachal Pradesh)

accidents in Himachal Pradesh
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Published : Feb 24, 2023, 6:06 PM IST

शिमला: हिमाचल में बीते 54 दिनों में 145 मौतें हुई हैं. इनमें एक तिहाई जानें केवल दो जिलों शिमला और मंडी जिले में गई हैं. यही नहीं इस दौरान हुई कुल मौतों में से करीब 62 फीसदी मौतें सड़क हादसों की वजह से हुई हैं. वहीं, पहाड़ी या अन्य जगहों से गिरने की वजह से भी करीब 22 फीसदी मौत के मुंह में समा गए. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की रिपोर्ट में यह सामने आया है. हिमाचल में सर्दियों के मौमस में काफी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की रिपोर्ट ने 1 जनवरी से 23 फरवरी तक जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक इस अवधि में कुल 145 लोगों की पूरे प्रदेश में मौत हुई.

शिमला और मंडी मौतों के मामले में सबसे आगे रहा है. इन दोनों जिलों में 25-25 मौतें हुई हैं. सिरमौर जिला 18 लोगों की मौत के साथ तीसरे स्थान पर है. इसके बाद चंबा में 14 लोगों की जान, सोलन में 13, कुल्लू में 12 लोगों की जान गई है. हमीरपुर में 6, कांगड़ा में 7 लोगों की मौत इस दौरान हुई हैं. हालांकि किन्नौर और लाहौल स्पीति में सबसे कम मौतें हुई हैं. किन्नौर जिला में 4 और लाहौल स्पीति में मात्र 2 मौतें इस अवधि में हुई हैं.

62 फीसदी मौतें सड़क हादसे की वजह से हुईं: हिमाचल में अगर होने वाली मौतों को देखें तो सड़क हादसे अधिकतर मौतों की वजह बने हैं. करीब 62 फीसदी लोगों की जान सड़क हादसों में गई हैं. इस दौरान 90 लोग सड़क हादसों में मौत के शिकार हो गए . इनमें 17 लोगों की मौत शिमला जिला में, 11 मंडी में, 13 सिरमौर जिले में मौतें हुई हैं. सोलन और ऊना में 8-8, चंबा और कांगड़ा में 7-7, बिलासपुर और कुल्लू में 6-6 मौतें सड़क हादसों में हुईं. किन्नौर में 4 लोगों, हमीरपुर में 3 लोगों की जान इस दौरान गई. हिमाचल में सड़क हादसों से वैसे भी काफी जानें जाती हैं, मगर सर्दियों में ऊंचाई वाले इलाकों में सड़कें बर्फ या पानी जमने से फिसलन भरी बनी होती है. जिससे सड़क हादसे ज्यादा होते हैं.

गिरने से 32 लोगों की गई जान: हिमाचल में मौतों की दूसरी बड़ी वजह पहाड़ी, पेड़ या अन्य जगहों से गिरना बनी है. कुल मौतों में से करीब 22 फीसदी मौतें इससे सामने आई हैं. इस दौरान 32 लोगों की जान पहाड़ी या अन्य जगहों से गिरने की वजह से हुई है. इनमें पचास फीसदी से अधिक मौतें अकेले मंडी जिले में हुई हैं. मंडी जिले में कुल 13 लोगों की गिरने से मौत हुई है. चंबा में 6 लोगों की मौत गिरने से हुई है. सिरमौर में 4, शिमला में 3 लोगों की मौत गिरने से हुई. इनके अलावा कुल्लू, हमीरपुर व बिलासपुर 2-2 जानें गिरने से गईं.

हिमाचल में आग से 11 लोगों की गई जान: हिमाचल में सर्दियों में घरों में आग लगना आम बात है. जो कि कई बार मौत की वजह बनती है. ठंड की वजह से लोग कमरों को गर्म करने के लिए हीटर या आग का इस्तेमाल करते हैं जिससे कई बार मकान ही चपेट में आ जाते हैं, जिसमें कई बार मौतें हो जाती हैं. इसी तरह घर में अंगीठी जलाए से इससे निकलने वाली जहरीली गैस से भी मौतें सर्दियों में होती हैं. हिमाचल में बीते 54 दिनों में आग से 11 लोगों की जानें गई हैं. इनमें ऊना व शिमला जिला में 4-4 लोगों की मौत हुई है. मंडी, कुल्लू व हमीरपुर में 1-1 मौत इस दौरान हुई.

पानी में बहने से 5 लोगों की हुई मौत: हिमाचल में इस दौरान 5 लोगों की पानी में बहकर डूबने से मौत हुई है. इनमें कुल्लू जिले में 2 लोगों की जान गईं, जबकि बिलासपुर, सिरमौर व ऊना में 1-1 लोगों की मौत पानी में बहने या डूबने से हुई. इस मौसम में लाहौल स्पीति में एवलांच से 2 लोगों की जाने गई हैं. इसके अलावा अन्य कारणों से भी 5 लोगों की जान इस दौरान हुई है. विशेष सचिव राजस्व व आपदा प्रबंधन सुदेश मोक्टा ने कहा कि विंटर सीजन में राज्य में 145 मौतें हुई हैं. राज्य में अधिकतर मौतें सड़क हादसों में हुईं.

ये भी पढ़ें: कुल्लू जिले में 2 सालों में आगजनी की 147 घटनाएं, 15 लोगों ने गंवाई अपनी जान, करोड़ों की संपत्ति राख

शिमला: हिमाचल में बीते 54 दिनों में 145 मौतें हुई हैं. इनमें एक तिहाई जानें केवल दो जिलों शिमला और मंडी जिले में गई हैं. यही नहीं इस दौरान हुई कुल मौतों में से करीब 62 फीसदी मौतें सड़क हादसों की वजह से हुई हैं. वहीं, पहाड़ी या अन्य जगहों से गिरने की वजह से भी करीब 22 फीसदी मौत के मुंह में समा गए. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की रिपोर्ट में यह सामने आया है. हिमाचल में सर्दियों के मौमस में काफी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की रिपोर्ट ने 1 जनवरी से 23 फरवरी तक जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक इस अवधि में कुल 145 लोगों की पूरे प्रदेश में मौत हुई.

शिमला और मंडी मौतों के मामले में सबसे आगे रहा है. इन दोनों जिलों में 25-25 मौतें हुई हैं. सिरमौर जिला 18 लोगों की मौत के साथ तीसरे स्थान पर है. इसके बाद चंबा में 14 लोगों की जान, सोलन में 13, कुल्लू में 12 लोगों की जान गई है. हमीरपुर में 6, कांगड़ा में 7 लोगों की मौत इस दौरान हुई हैं. हालांकि किन्नौर और लाहौल स्पीति में सबसे कम मौतें हुई हैं. किन्नौर जिला में 4 और लाहौल स्पीति में मात्र 2 मौतें इस अवधि में हुई हैं.

62 फीसदी मौतें सड़क हादसे की वजह से हुईं: हिमाचल में अगर होने वाली मौतों को देखें तो सड़क हादसे अधिकतर मौतों की वजह बने हैं. करीब 62 फीसदी लोगों की जान सड़क हादसों में गई हैं. इस दौरान 90 लोग सड़क हादसों में मौत के शिकार हो गए . इनमें 17 लोगों की मौत शिमला जिला में, 11 मंडी में, 13 सिरमौर जिले में मौतें हुई हैं. सोलन और ऊना में 8-8, चंबा और कांगड़ा में 7-7, बिलासपुर और कुल्लू में 6-6 मौतें सड़क हादसों में हुईं. किन्नौर में 4 लोगों, हमीरपुर में 3 लोगों की जान इस दौरान गई. हिमाचल में सड़क हादसों से वैसे भी काफी जानें जाती हैं, मगर सर्दियों में ऊंचाई वाले इलाकों में सड़कें बर्फ या पानी जमने से फिसलन भरी बनी होती है. जिससे सड़क हादसे ज्यादा होते हैं.

गिरने से 32 लोगों की गई जान: हिमाचल में मौतों की दूसरी बड़ी वजह पहाड़ी, पेड़ या अन्य जगहों से गिरना बनी है. कुल मौतों में से करीब 22 फीसदी मौतें इससे सामने आई हैं. इस दौरान 32 लोगों की जान पहाड़ी या अन्य जगहों से गिरने की वजह से हुई है. इनमें पचास फीसदी से अधिक मौतें अकेले मंडी जिले में हुई हैं. मंडी जिले में कुल 13 लोगों की गिरने से मौत हुई है. चंबा में 6 लोगों की मौत गिरने से हुई है. सिरमौर में 4, शिमला में 3 लोगों की मौत गिरने से हुई. इनके अलावा कुल्लू, हमीरपुर व बिलासपुर 2-2 जानें गिरने से गईं.

हिमाचल में आग से 11 लोगों की गई जान: हिमाचल में सर्दियों में घरों में आग लगना आम बात है. जो कि कई बार मौत की वजह बनती है. ठंड की वजह से लोग कमरों को गर्म करने के लिए हीटर या आग का इस्तेमाल करते हैं जिससे कई बार मकान ही चपेट में आ जाते हैं, जिसमें कई बार मौतें हो जाती हैं. इसी तरह घर में अंगीठी जलाए से इससे निकलने वाली जहरीली गैस से भी मौतें सर्दियों में होती हैं. हिमाचल में बीते 54 दिनों में आग से 11 लोगों की जानें गई हैं. इनमें ऊना व शिमला जिला में 4-4 लोगों की मौत हुई है. मंडी, कुल्लू व हमीरपुर में 1-1 मौत इस दौरान हुई.

पानी में बहने से 5 लोगों की हुई मौत: हिमाचल में इस दौरान 5 लोगों की पानी में बहकर डूबने से मौत हुई है. इनमें कुल्लू जिले में 2 लोगों की जान गईं, जबकि बिलासपुर, सिरमौर व ऊना में 1-1 लोगों की मौत पानी में बहने या डूबने से हुई. इस मौसम में लाहौल स्पीति में एवलांच से 2 लोगों की जाने गई हैं. इसके अलावा अन्य कारणों से भी 5 लोगों की जान इस दौरान हुई है. विशेष सचिव राजस्व व आपदा प्रबंधन सुदेश मोक्टा ने कहा कि विंटर सीजन में राज्य में 145 मौतें हुई हैं. राज्य में अधिकतर मौतें सड़क हादसों में हुईं.

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