शिमला: दलित शोषण मुक्ति मंच 16 सितंबर को विधानसभा पर प्रदर्शन करेगा. दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक विवेक कश्यप का कहना है कि पिछले काफी समय से हिमाचल प्रदेश में दलित लोगों पर हमले बढ़ते जा रहे है. कई लोगों को मौत के घाट तक उतारा गया है. शिमला में दलितों को आज भी मंदिरों में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है. साथ ही उच्च जाति के लोग दलितों से छुआछूत करते है.
दलित अगर देवतों को छू ले तो उनकी पिटाई की जाती है. थाने में शिकायत करने पर एट्रोसिटी के तहत शिकायत दर्ज नहीं की जाती और मामले को दबाने की कोशिश की जाती है. विवेक कश्यप ने कहा कि एससी व एसटी उपयोजना के तहत जो पैसा दलित बस्तियों के लिए आता है वह लोगों तक पहुंचता ही नहीं नहीं है. दलितों के लिए आरक्षण समाप्त किया का रहा है. उन्होंने कहा कि दलित शोषण मुक्ति मंच शिमला इकाई ने तय किया है कि 16 सितंबर को विधानसभा में प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग भाग लेंगे.
दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक ने सरकार से दलितों पर हो रहे शोषण के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करने की मांग की है. एससी व एसटी उपयोजना के तहत दलित बस्तियों तक विकास के लिया बजट दिया जाए. आउटसोर्स/कॉन्ट्रेक्ट पर जो भर्तियां हो रही है उसमें आरक्षण लागू किया जाए. इन मांगों को लेकर 16 सितंबर को विधानसभा के बाहर हो रहे प्रदर्शन में जिला के हर ब्लॉक से दलित लोग हिस्सा लेंगे.