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Himachal Cement Crisis: सरकार को रोजाना हो रहा 1 करोड़ का नुकसान, जल्द निकालेंगे हल : हर्षवर्धन चौहान - cement crisis in himachal pradesh

हिमाचल में चल रहे सीमेंट विवाद के चलते प्रदेश सरकार को रोजना एक करोड़ का नुकसान हो रहा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि सीमेंट कंपनी विवाद दो पार्टियों के बीच का मसला है. ऐसे में सरकार इस मसले को जल्द सुलझाने का प्रयास कर रही है. (cement crisis in himachal pradesh) (Harshvardhan Chauhan on Cement issue)

Himachal Cement Crisis
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Published : Jan 23, 2023, 2:18 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 2:37 PM IST

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक महीने बाद भी सीमेंट ढुलाई दरों पर उपजा विवाद नहीं सुलझ पाया है. बिलासपुर के बरमाणा में एसीसी और सोलन के दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने से जहां ट्रक मालिकों का रोजगार छिन गया है. वहीं, सरकारी खजाने पर भी इसका असर पड़ रहा है. सीमेंट प्लांट के बंद होने से हिमाचल सरकार को रोजना एक करोड़ का नुकसान हो रहा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि ढुलाई की दरों को लेकर सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेट्रस के बीच विवाद है, जिसे सुलझाने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि इस मसले पर सरकार ने कमेटी बनाई है. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बैठक भी हो चुकी हैं, लेकिन अभी भी विवाद नहीं सुलझ रहा है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई बैठक में मैनें दोनों पक्षों को बीच का रास्ता निकालने को कहा था. लेकिन, दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से उन्होंने सरकार की नाराजगी भी जाहिर की. कंपनी प्रबंधन को दो टूक शब्दों में कहा गया है कि ट्रक ऑपरेटरों से सहमति बनानी ही होगी, तभी सीमेंट प्लांट खुलेंगे.

उन्होंने कहा कि हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश आनुसार हिमकॉन (एजेंसी) ने सीमेंट ढुलाई रेट को लेकर रिपोर्ट तैयार की है. जिस पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी. अब इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की जाएगी. जिसके बाद प्रदेश सरकार रेट्स नोटिफाई करेगी. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार जल्द इस मसले को सुलझाने में कामयाब होगी.

रोजाना हो रहा एक करोड़ का नुकसान: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सीमेंट विवाद के चलते एक ओर जहां ट्रक ऑपरेटरों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, हिमाचल सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सीमेंट विवाद के चलते सरकार को रोजाना लगभग एक करोड़ का नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकार इस मसले को जल्द सुलझाने का प्रयास कर रही है.

सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम होगा बंद: उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों के लिए वर्षों से चल रहे सिंगल विंडो सिस्टम को बंद करने जा रही है. उद्योगों को अब संंवैधानिक दायर में गठित होने वाली लीगल बॉडी सभी विभागों से एनओसी उपलब्ध करवाएगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल में उद्योगों के विस्तारीकरण के लिए ये निर्णय लिया गया है, जिसकी जगह लीगल बॉडी कार्य करेगी. अब उद्योग स्थापित करने के लिए केवल आवेदन करना होगा, उसके बाद लीगल बॉडी का कार्य होगा. यदि कोई कर्मचारी निर्धारित समयावधि के भीतर कार्य करके नहीं देगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: IGMC में उपचाराधीन पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिले विक्रमादित्य सिंह, जाना कुशलक्षेम

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक महीने बाद भी सीमेंट ढुलाई दरों पर उपजा विवाद नहीं सुलझ पाया है. बिलासपुर के बरमाणा में एसीसी और सोलन के दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने से जहां ट्रक मालिकों का रोजगार छिन गया है. वहीं, सरकारी खजाने पर भी इसका असर पड़ रहा है. सीमेंट प्लांट के बंद होने से हिमाचल सरकार को रोजना एक करोड़ का नुकसान हो रहा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि ढुलाई की दरों को लेकर सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेट्रस के बीच विवाद है, जिसे सुलझाने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि इस मसले पर सरकार ने कमेटी बनाई है. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बैठक भी हो चुकी हैं, लेकिन अभी भी विवाद नहीं सुलझ रहा है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई बैठक में मैनें दोनों पक्षों को बीच का रास्ता निकालने को कहा था. लेकिन, दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से उन्होंने सरकार की नाराजगी भी जाहिर की. कंपनी प्रबंधन को दो टूक शब्दों में कहा गया है कि ट्रक ऑपरेटरों से सहमति बनानी ही होगी, तभी सीमेंट प्लांट खुलेंगे.

उन्होंने कहा कि हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश आनुसार हिमकॉन (एजेंसी) ने सीमेंट ढुलाई रेट को लेकर रिपोर्ट तैयार की है. जिस पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी. अब इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की जाएगी. जिसके बाद प्रदेश सरकार रेट्स नोटिफाई करेगी. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार जल्द इस मसले को सुलझाने में कामयाब होगी.

रोजाना हो रहा एक करोड़ का नुकसान: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सीमेंट विवाद के चलते एक ओर जहां ट्रक ऑपरेटरों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, हिमाचल सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सीमेंट विवाद के चलते सरकार को रोजाना लगभग एक करोड़ का नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकार इस मसले को जल्द सुलझाने का प्रयास कर रही है.

सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम होगा बंद: उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों के लिए वर्षों से चल रहे सिंगल विंडो सिस्टम को बंद करने जा रही है. उद्योगों को अब संंवैधानिक दायर में गठित होने वाली लीगल बॉडी सभी विभागों से एनओसी उपलब्ध करवाएगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल में उद्योगों के विस्तारीकरण के लिए ये निर्णय लिया गया है, जिसकी जगह लीगल बॉडी कार्य करेगी. अब उद्योग स्थापित करने के लिए केवल आवेदन करना होगा, उसके बाद लीगल बॉडी का कार्य होगा. यदि कोई कर्मचारी निर्धारित समयावधि के भीतर कार्य करके नहीं देगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: IGMC में उपचाराधीन पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिले विक्रमादित्य सिंह, जाना कुशलक्षेम

Last Updated : Jan 23, 2023, 2:37 PM IST
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