शिमलाः हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. हिमाचल प्रदेश गुप्तचर विभाग के राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला द्वारा वर्ष 2019 में इस समय तक फाइनेंशियल फ्रॉड व सोशल मीडिया से सम्बंधित 276 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं.
पुलिस ने इन शिकायतों में तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर थाना शिमला द्वारा करीब चार लाख से अधिक राशि पीड़ित शिकायतकर्ताओं को फ्रॉडस्टर (धोखेबाज) के अकाउंट से रिफंड करवाया है. राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला द्वारा साल 2019 में फ्रॉडस्टर कॉलर के उन सभी मोबाइल नंबरों की सुची तैयार की है जिसके द्वारा आम जनता को ठगने का प्रयास किया गया है.
पुलिस द्वारा जारी इन मोबाइल नंबरों की संख्या करीब 382 है और यह सभी नंबर बाहरी राज्यों के टलीफोन सर्विस प्रोवाइडर्स के हैं. ये सभी नंबर पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर- प्रदेश, झारखंड, नई दिल्ली व अंडमान निकोबार के हैं.
इन संदिग्ध मोबाइल नंबरों की सुची को गुप्तचर विभाग हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी द्वारा इन सभी राज्यों के पुलिस भेजा है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. पुलिस ने ये नंबर कार्रवाई के लिए टेलीफोन सर्विस प्रोवाइडर्स के नोडल ऑफिसर को भी भेजे हैं.
साइबर पुलिस ने लोगों से ये अपील करते हुए कहा कि राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयासरत है. आम जन मानस को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है कि वे संदिग्ध कॉल, ई-मेल द्वारा मांगी जा रही बैंक खाते की डिटेल न दें.
अगर इस तरह से कोई अज्ञात नंबर से आपको फोन कॉल या ई-मेल आता है तो किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं एवं इस प्रकार के फिशिंग अटैक से सतर्क रहें क्योंकि साइबर क्राइम से बचने का एकमात्र सटीक उपाय साइबर अपराध के बारे में जागरूकता ही है.
साइबर थाना में आई शिकायतों का विश्लेषण करने पर पुलिस ने पाया कि फ्रॉडस्टर आज के समय में फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर अपने टारगेट को चूज करते हैं. फेक प्रोफाइल बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. जिस देश का फ्रेंड होता है उसी कंट्री का वर्चुअल नंबर लेते हैं. जैसे अमेरिका के किसी शख्स को चूना लगाने के लिए अमेरिका का वर्चुअल नंबर लेते हैं. शिकार ब्रिटेन से है, तो ब्रिटेन का वर्चुअल नंबर लेते हैं.
वर्चुअल नंबर एक ऐसी सर्विस है, जिसे कोई भी आदमी खरीद सकता है. मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप को उस विदेशी नंबर से इनेबल कर सकता है. ऐसे में जब भी वह पीड़ित से बात करता है, तब पीड़ित को लगता है की यह कॉल अमेरिका से या ब्रिटेन से आ रही है, वो इसलिए गुमराह हो जाते हैं.
ठग प्रोफाइल पर बड़ा ही हैंडसम और अमीर लोगों का फोटो लगाते हैं. आदमी को लगता है कि वह किसी ब्रिटिश से बात कर रहा है. जबकि विदेशी कंट्री के कुछ फ्रॉडस्टर ने धोखेबाजी के लिए ठगी का ये जाल बनाया होता है और ये ठग इसी देश से कॉल कर रहे होते हैं.
मेट्रीमोनियल साइट्स व फ्रेंडशिप चैट के लिए कोई भी पुरुष व महिला बनकर अक्सर लोगों से बात करता/करती हैं और उन्हें अपना शिकार बनाती हैं. साइबर पुलिस ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जनता ऑनलाइन फ्रॉड के प्रति जागरूक हो और वर्चुअल नंबर्स से कॉल आने पर इनके झांसे में न आएं. अगर इस तरह की कॉल या ई-मेल आता है तो तुरंत राज्य साइबर क्राइम पुलिस को इसकी शिकायत करें.
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