ETV Bharat / state

Cyber Crime In Shimla: शिमला में जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी, बैंक अकाउंट से उड़ाये 51000

राजधानी शिमला में राज्य सरकार की जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी का मामला (Cyber Crime name of Janani Suraksha Yojana) सामने आया है. शातिरों ने योजना के नाम पर बैंक खाते में 1600 रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया है. पैसा तो ट्रांसफर हुआ नहीं, लेकिन खाते में जमा 51 हजार 498 रुपए शातिर उड़ा ले गए.

Cyber Crime In Shimla
जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी
author img

By

Published : May 23, 2022, 8:44 PM IST

शिमला: जिले में ठगी के मामले थम नहीं रहे हैं. आये दिन शातिर नए-नए तरीके अपना कर ठगी कर रहे हैं. ताजा मामले में राजधानी शिमला में राज्य सरकार की जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. शातिरों ने योजना के नाम (Cyber Crime name of Janani Suraksha Yojana) पर बैंक खाते में 1600 रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया है. पैसा तो ट्रांसफर हुआ नहीं, लेकिन खाते में जमा 51 हजार 498 रुपए शातिर उड़ा ले गए.

ये है पूरा मामला: पुलिस को दी शिकायत में कमल चंद जोकि लोअर चैप्सली का रहने वाला है, ने बताया कि 22 मई को सुबह 10:50 बजे उनके मोबाइल पर फोन आया. फोन करने वाले शातिर ने अपना नाम अविनाश कुमार बताया. उसने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर के पद पर कार्यरत है. उसने कहा कि आपकी पत्नी की प्रसूति कमला नेहरू अस्पताल में हुई है. सरकार की योजना के (Cyber Crime name of Janani Suraksha Yojana) तहत आपको 1600 रुपए दिए जाएंगे. जच्चा-बच्चा की देखभाल के लिए प्रदेश सरकार यह पैसा देती है.70505-98487 नंबर से यह कॉल आया था. शातिर ने कहा कि पैसे बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर होंगे. पहले उसने बैंक अकाउंट नंबर मांगा उसके बाद मोबाइल पर आए ओटीपी को मांगा. ओटीपी बताने के कुछ ही समय बाद उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि बैंक खाते से 51,498 रुपए निकाल लिए गए हैं. पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

बड़ा सवाल: शातिरों के पास कैसे आया मोबाइल नंबर: गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर के पास होता है. महिला एवं बाल विकास विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जाता है. पंजीकरण के समय गर्भवती महिला का नाम, पता, मोबाइल नंबर व खाता नंबर लिया जाता है. इसके अलावा अस्पताल में भी यह सारा रिकार्ड होता है. यहां से रिकॉर्ड ठगों तक कैसे पहुंचा यह बड़ा सवाल है. ठगी की इस घटना से कई सवाल खड़े हो गए हैं. राजधानी शिमला में पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.

क्या है योजना: केंद्र व राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाएं है. इसके तहत डिलिवरी होने पर प्रसूता महिला को सरकार की ओर से राशि दी जाती है. यह योजना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही है. नेशनल हेल्थ मिशन के तहत इसके लिए बजट अस्पतालों को दिया जाता है. इसमें 1600 रुपए से लेकर 6 हजार रुपए तक दिए जाते हैं.

शातिर ऐसे दे रहे वारदातों को अंजाम: बता दें की शातिर गर्भवती महिलाओं को फोन (Cyber Crime In Shimla) कर झांसा देते हैं कि उनके खाते में जननी सुरक्षा योजना के तहत छह हजार रुपये डाले जाने हैं. इसके लिए वह मोबाइल फोन नंबर की जानकारी लेते हैं. इसके बाद मोबाइल फोन पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जानकारी लेते हैं और बाद में खातों से रुपये निकाल लेते हैं.

शिमला: जिले में ठगी के मामले थम नहीं रहे हैं. आये दिन शातिर नए-नए तरीके अपना कर ठगी कर रहे हैं. ताजा मामले में राजधानी शिमला में राज्य सरकार की जननी सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. शातिरों ने योजना के नाम (Cyber Crime name of Janani Suraksha Yojana) पर बैंक खाते में 1600 रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया है. पैसा तो ट्रांसफर हुआ नहीं, लेकिन खाते में जमा 51 हजार 498 रुपए शातिर उड़ा ले गए.

ये है पूरा मामला: पुलिस को दी शिकायत में कमल चंद जोकि लोअर चैप्सली का रहने वाला है, ने बताया कि 22 मई को सुबह 10:50 बजे उनके मोबाइल पर फोन आया. फोन करने वाले शातिर ने अपना नाम अविनाश कुमार बताया. उसने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर के पद पर कार्यरत है. उसने कहा कि आपकी पत्नी की प्रसूति कमला नेहरू अस्पताल में हुई है. सरकार की योजना के (Cyber Crime name of Janani Suraksha Yojana) तहत आपको 1600 रुपए दिए जाएंगे. जच्चा-बच्चा की देखभाल के लिए प्रदेश सरकार यह पैसा देती है.70505-98487 नंबर से यह कॉल आया था. शातिर ने कहा कि पैसे बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर होंगे. पहले उसने बैंक अकाउंट नंबर मांगा उसके बाद मोबाइल पर आए ओटीपी को मांगा. ओटीपी बताने के कुछ ही समय बाद उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि बैंक खाते से 51,498 रुपए निकाल लिए गए हैं. पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

बड़ा सवाल: शातिरों के पास कैसे आया मोबाइल नंबर: गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर के पास होता है. महिला एवं बाल विकास विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जाता है. पंजीकरण के समय गर्भवती महिला का नाम, पता, मोबाइल नंबर व खाता नंबर लिया जाता है. इसके अलावा अस्पताल में भी यह सारा रिकार्ड होता है. यहां से रिकॉर्ड ठगों तक कैसे पहुंचा यह बड़ा सवाल है. ठगी की इस घटना से कई सवाल खड़े हो गए हैं. राजधानी शिमला में पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.

क्या है योजना: केंद्र व राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाएं है. इसके तहत डिलिवरी होने पर प्रसूता महिला को सरकार की ओर से राशि दी जाती है. यह योजना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही है. नेशनल हेल्थ मिशन के तहत इसके लिए बजट अस्पतालों को दिया जाता है. इसमें 1600 रुपए से लेकर 6 हजार रुपए तक दिए जाते हैं.

शातिर ऐसे दे रहे वारदातों को अंजाम: बता दें की शातिर गर्भवती महिलाओं को फोन (Cyber Crime In Shimla) कर झांसा देते हैं कि उनके खाते में जननी सुरक्षा योजना के तहत छह हजार रुपये डाले जाने हैं. इसके लिए वह मोबाइल फोन नंबर की जानकारी लेते हैं. इसके बाद मोबाइल फोन पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जानकारी लेते हैं और बाद में खातों से रुपये निकाल लेते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.