शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से साबर क्राइम के मामले तेजी आई है. आए दिन शातिर नए-नए हथकंड़े अपना कर लोगों को लूट रहे हैं. वहीं, शिमला शहर में इन दिनाें कुछ शातिर, लाेगाें से ऐपइ डाउनलोड करवाकर पैसे तीन गुना करने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं. हाल ही में एमजेयू नाम का ऐप लाेगाें से डाउनलाेड करवाया गया, इसमें सैंकड़ाें लाेगाें ने लाखाें रुपए इन्वेस्ट किए, अब उक्त ऐप बंद कर दिया गया है. इससे सैंकड़ाें लाेगाें के पैसे डूबे हैं. इस बारे में कुछ लाेगाें ने जिले के अलग अलग थानाें में पुलिस काे भी शिकायत दी है.
पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी भी हो चुके हैं ठगी का शिकार: साइबर क्राइम के इस तरह के बढ़ते मामलाें के चलते साइबर पुलिस ने लाेगाें काे सलाह दी है कि वे किसी तरह के लालच में आकर पैसा इन्वेस्ट न करें. बेवजह ऐप पर पैसा ना लगाएं, लुभावने विज्ञापनाें काे इग्नाेर करें. कुछ समय पहले में हिमाचल पुलिस के पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी भी शातिरों के झांसे का शिकार हुए थे. शातिरों ने पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी से भी ऐप डाउनलोड करवाकर उनके खाते से करीब 80 हजार रुपए निकाल लिए थे.
एमजेयू नामक ऐप डाउनलोड करवाकर की ठगी: शिमला के रहने वाले विकास कुमार का कहना है कि कुछ दिन पहले उसे एमजेयू नाम से एक ऐप डाउनलोड करने की रिक्वेस्ट आई. ऐप में पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा गया. उसने करीब 31 हजार रुपए इन्वेस्ट किए. कुछ दिन चलने के बाद अब ऐप बंद हो गया है. वहीं, जो शातिर टेलीग्राम के माध्यम से खुद को कंपनी का मार्केटिंग हेड बताता था, उसका सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद हो गया है.
'लोगों की लापरवाही से बढ़ रहे ठगी के मामले': साइबर थाना शिमला के एएसपी भूपेंद्र नेगी का कहना है कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. ये सब खेल झारखंड और पश्चिम बंगाल से चल रहा है. लोगों को जागरूक और सतर्क रहने की बेहद जरूरत है. शातिर इमोशनली और लुभावने ऑफर देकर लोगों को झांसे में ले रहे हैं. लोगों की लापरवाही की वजह से ऑनलाइन ठगी के मामले ज्यादा सामने आते हैं. साइबर सेल ने लोगों को अलर्ट करते हुए कहा है कि बिना सोचे-समझे न तो अपने मोबाइल फोन में कोई ऐप डाउनलोड करें और अपना ओटीपी किसी सूरत में किसी के साथ साझा न करें. उनका कहना है कि बिना ओटीपी साझा किए अकाउंट में सेंधमारी नहीं की जा सकती है. उपभोक्ता के अपना ओटीपी साझा करने के बाद ही शातिर अपने प्लान में कामयाब होते हैं.
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