शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरपा रहा है. भारी बारिश से सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं और निजी संपत्ति को नुकसान के साथ-साथ भारी जानी नुकसान भी पहुंच रहा है. प्रदेश को मानसून अब तक ₹5269 करोड़ का नुकसान पहुंचा चुकी है. यही नहीं अब तक प्रदेश में 164 लोगों की मौत बरसात में हो चुकी हैं. करीब 6100 परिवारों के घर भी बरसात में क्षतिग्रस्त हुए हैं.
राज्य को ₹5269 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में मानसून जानमाल को भारी नुकसान पहुंचा रहा है. बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को करीब ₹5269 करोड़ की क्षति पहुंची है. इसमें लोक निर्माण विभाग को ₹1666.58 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब चार दर्जन पुल भी बारिश में क्षतिग्रस्त हुए हैं.
प्रदेश में 696 सड़कें अभी भी बंद: प्रदेश में बारिश लगातार जारी है. इससे सड़कें भी बंद हो रही हैं. प्रदेश में करीब 696 सड़कें भी बंद पडी हैं, जिनमें 422 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला के तहत बंद हैं. जबकि 196 सड़कें मंडी जोन, 65 सड़कें कांगड़ा जोन और 9 सड़कें हमीरपुर जोन के तहत बंद हैं. लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने का काम कर रहा है, इसके लिए करीब 1054 मशीनें भी तैनात की गई हैं.
जल शक्ति विभाग की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: मानसून में जल शक्ति विभाग की पानी व अन्य परियोजनाओं को भारी क्षति पहुंची है. जल शक्ति विभाग की करीब 8388 योजनाओं को बरसात ने नुकसान पहुंचाया है. इन परियोजनाओं में 6624 पेयजल की हैं, जिनमें से 6275 अस्थाई तौर पर बहाल की गई हैं. इसके अलावा सिंचाई की 1516, फ्लड कंट्रोल की 181 व सीवरेज की 67 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. जलशक्ति विभाग को करीब ₹1542 करोड़ की क्षति अबकी बार बारिश ने पहुंचाई है.
कृषि और बागवानी को भारी नुकसान: प्रदेश में कृषि फसलों को करीब 167 करोड़ और फलों को भी करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. बिजली बोर्ड को भी करीब 1482 करोड़ के अलावा नगर निकायों में भी संपत्तियों को करीब 6.47 करोड़ का नुकसान भी हुआ है.
बरसात में 164 लोगों की मौत: प्रदेश में मानसून में भारी जानी नुकसान भी हुआ है. मानसून में अब तक 164 लोगों की मौत हुई है. प्रदेश में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन व फ्लड आदि से 6160 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 669 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 5491 घरों को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा 236 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 1669 गौशालाएं भी ढह गई.
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