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देवभूमि में सुरक्षित नहीं देवियां! प्रदेश में 2019 में दर्ज हुए महिला अपराध के 1013 मामले

हिमाचल प्रदेश में महिला अपराध के मामले चिंताजनक. साल 2019 में दर्ज हुए कुल 1013 मामले. स्कूलों में छात्राओं से छेड़छाड़ के कई मामले आए सामने.

crime against women in himachal in 2019
crime against women in himachal in 2019
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Published : Dec 31, 2019, 11:42 PM IST

शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 1013 केस दर्ज हुए हैं. प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी माना है कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं.

वीडियो रिपोर्ट

2019 में महिला अपराध के कुल 1013 मामले पुलिस थानों में दर्ज हुए है, जिसमें 327 मामले दुष्कर्म के, 4 मामले दहेज प्रताड़ना के, 218 मामले महिला क्रूरता के और 464 मामले छेड़छाड़ के दर्ज हुए है.

2019 में महिला अपराध के मामले
दुष्कर्म 327
दहेज प्रताड़ना 4
महिला क्रूरता 218
छेड़छाड़ 464
कुल 1013

वहीं, पिछले पांच वर्षों की बात करें तो पांच वर्षो में 2014 में महिला अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए थे. साल 2018 में 1047, 2017 में 846, 2016 में 880, 2015 में 915 और 2014 में 1129 महिला अपराध के मामले दर्ज हुए है.

पिछले 5 वर्ष में दर्ज हुए महिला अपराध के आंकड़े
2018 1047
2017 846
2016 880
2015 915
2014 1129

हिमाचल के स्कूलों में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. 2019 में ऐसे कई मामले दर्ज हुए जहां स्कूली छात्राओं के साथ शिक्षकों ने विद्या के मंदिर में अभद्रता की. साल के आखिर में धर्मशाला में हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी ये मुद्दा खूब गूंजा. जिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कड़े नियम बनाने की बात कही. वहीं ऐसे मामलों पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने स्कूलों में शिकायत बॉक्स लगाने की बात कही है.

नवंबर महीने में मंडी जिले के सरकाघाट में देवआज्ञा के नाम पर वृद्ध महिला से हुई क्रूरता मामले ने भी देवभूमि को शर्मसार कर दिया. गुड़िया मामले पर कांग्रेस को घेरते हुए महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करके सत्ता में आए भाजपा को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन इन दोनों की स्थिति जस की तस है. प्रदेश सरकार को महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 1013 केस दर्ज हुए हैं. प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी माना है कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं.

वीडियो रिपोर्ट

2019 में महिला अपराध के कुल 1013 मामले पुलिस थानों में दर्ज हुए है, जिसमें 327 मामले दुष्कर्म के, 4 मामले दहेज प्रताड़ना के, 218 मामले महिला क्रूरता के और 464 मामले छेड़छाड़ के दर्ज हुए है.

2019 में महिला अपराध के मामले
दुष्कर्म 327
दहेज प्रताड़ना 4
महिला क्रूरता 218
छेड़छाड़ 464
कुल 1013

वहीं, पिछले पांच वर्षों की बात करें तो पांच वर्षो में 2014 में महिला अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए थे. साल 2018 में 1047, 2017 में 846, 2016 में 880, 2015 में 915 और 2014 में 1129 महिला अपराध के मामले दर्ज हुए है.

पिछले 5 वर्ष में दर्ज हुए महिला अपराध के आंकड़े
2018 1047
2017 846
2016 880
2015 915
2014 1129

हिमाचल के स्कूलों में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. 2019 में ऐसे कई मामले दर्ज हुए जहां स्कूली छात्राओं के साथ शिक्षकों ने विद्या के मंदिर में अभद्रता की. साल के आखिर में धर्मशाला में हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी ये मुद्दा खूब गूंजा. जिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कड़े नियम बनाने की बात कही. वहीं ऐसे मामलों पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने स्कूलों में शिकायत बॉक्स लगाने की बात कही है.

नवंबर महीने में मंडी जिले के सरकाघाट में देवआज्ञा के नाम पर वृद्ध महिला से हुई क्रूरता मामले ने भी देवभूमि को शर्मसार कर दिया. गुड़िया मामले पर कांग्रेस को घेरते हुए महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करके सत्ता में आए भाजपा को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन इन दोनों की स्थिति जस की तस है. प्रदेश सरकार को महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

Intro:साल 2019 में हिमाचल में कुदरत ने जम कर कहर बरसाया है। 2019 में जहा अच्छी बर्फ़बारी हुई वही इस साल मानसून ने कई सालों के रिकॉर्ड भी तोड़े। प्रदेश में 37 साल बाद मानसून का लंबा स्पेल चला। प्रदेश में दो जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी और 11 अक्टूबर को मानसून विदा हुआ था। हिमाचल में इस साल सौ दिन मानसून सीजन चला। मानसून के दौरान सभी जिलों में अच्छी बारिश हुई। प्रदेश में 685.5 मिलीलीटर बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश बिलासपुर में हुई जहा 27 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
हालांकि मानसून ने काफी जख्म भी दिए है। मानसून में 1479 करोड़ का नुक्सान हुआ है और इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं से 81 लोगो की जाने भी गई है। इसके अलावा ओलावर्ष्टि ने भी किसानों और बागवानों को जख्म दिए है। ओलावर्ष्टि से करोड़ो की फसलों को नुकसान हुआ है । ज्यादा नुक्सान बागवानों को हुआ है और सेब पर ओलो ने जम कर कहर बरसाया।


Body:वही इस साल बर्फ़बारी भी काफी ज्यादा हुई । 2019 के दौरान जनवरी फरवरी में जहा अच्छी बर्फ़बारी हुई वही नवम्बर ओर दिसम्बर में भी प्रदेश में जम कर बर्फ़बारी हुई है। प्रदेश में बर्फ़बारी से करोड़ो का जहा नुकसान हुआ वही बहुमूल्य जाने भी गई। किन्नौर में जहा ग्लेशियर में दबने से जहा 5 जवानों की मौत हुई वही ठंड में भी लोगो की जान गई। सबसे ज्यादा बर्फ़बारी जिला कुल्लु लाहुल किन्नौर शिमला चम्बा में हुई है। बीते सालों की बात करे तो इस साल में बर्फ़बारी काफी अच्छी हुई है। इस दौरान लोकनिर्माण विभाग को नुकसान हुआ है। काई जिलो में एक एक सप्ताह तक सड़के बन्द रही । इस साल जनवरी फरवरी माह में हुई बर्फ़बारी से 300 करोड़ का नुकसान हुआ है।

तीन महीने में ही गई 408 जाने

प्रदेश में साल 2019 के शुरवात के तीन महीने में ही 408 बहुमूल्य जाने गई है। प्रदेश में एक जनवरी से 31 मार्च तक ही विभिन्न हादसों में 408 लोगो की जाने गई है। ज्यादातर लोगों की जाने सड़क हादसों में गई है। इसके अलावा ठंड से भी दर्जनों लोगों की मौत हुई है।

भूकम्प से भी कंपा हिमाचल

इस साल प्रदेश में कई बार भूकम्प के झटकों से धरती कम्पी है। प्रदेश में चम्बा कांगड़ा में सबसे ज्यादा भूकम्प के झटके महसूस किए गए। जिससे लोगो मे डर का माहौल बना रहा। हालांकि इस दौरान कोई जानी या माली नुकसान नही हुआ लेकिन बार बार भूकम्प के झटकों से लोग सहमे रहे। सबसे ज्यादा इस साल चम्बा में भूकम्प के झटके महसूस किए गए।


Conclusion:मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि इस साल बर्फ़बारी के साथ मानसून में भी अच्छी बारिश हुई । प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा मानसून सीजन चला है। और बर्फ़बारी भी बीते सालों अच्छी हुई है। जोकि किसान बागवानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हई है।
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