शिमलाः सांसद रामस्वरूप शर्मा के दिल्ली से लॉकडाउन से बीच हिमाचल पहुंचने की खबर से पूरा बाजार गर्म है. विपक्ष से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. हालांकि इस सांसद रामस्वरूप शर्मा ने मीडिया में सफाई भी दी है, लेकिन विपक्ष उन पर लॉकडाउन के उल्लघंन के आरोप लगा रहा है.
इसी बीच माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा है कि मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा व इनके साथ अन्य तीन लोगों ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन के बीच यात्रा कर नियमों का उल्लघंन किया है.
सांसद रामस्वरूप शर्मा पर बाकी लोगों के जैसे हो कार्रवाई
रामस्वरूप शर्मा व इनके साथ अन्य तीन लोगों का दिल्ली से जोगिंदरनगर (मंडी) तक कि यात्रा करना खुले रूप से नियमों व कानून की अवहेलना है. इसके साथ ही इन्होंने बाहरी राज्य से आने वालों के लिए राज्य की सीमा पर ही क्वारंटाइन व जांच होने के नियमों की भी अवहेलना की है.
नियम तोड़ने वालों पर एफआईआर हो दर्ज
इसलिए जिस प्रकार से अन्य लोगों पर राज्य की सीमा पर जांच न करवाने व क्वारंटाइन न होने के साथ लॉकडाउन व कर्फ्यू के नियमों की अवहेलना पर होने वाली कार्रवाई भी इन लोगों पर की जानी चाहिए. साथ ही उसी कानूनी प्रक्रिया को निभाते हुए इन पर भी एफआईआर दर्ज कर होनी चाहिए.
सांसद रामस्वरूप शर्मा के बयान पर संजय चौहान ने ली चुटकी
संजय चौहान ने कहा कि सांसद का यह बयान अत्यंत हास्यस्पद है कि इस कठिन घड़ी में वह अपनी जनता के बीच रहना चाहते हैं. यदि यह वास्तविकता है, तो सांसद को यह जवाब भी जनता को देना चाहिए कि संसद का सत्र 22 मार्च, 2020 को समाप्त हो गया था, तो 10 अप्रैल, 2020 तक उनको जनता की याद क्यों नहीं आई और वह तब तक दिल्ली में क्या कर रहे थे.
कारण स्पष्ट नहीं कर पाए सांसद रामस्वरूप
संजय चौहान ने कहा कि लॉकडाउन व कर्फ्यू के दौरान तय किए गए नियमों के अनुसार केवल आपात स्थिति जिसमें मृत्यु, गंभीर बीमारी के चलते ही संबंधित मजिस्ट्रेट को पास या परमिट जारी करने का अधिकार है.
परन्तु जहां तक सांसद व इनके साथ आये तीन लोगों का प्रशन है, वह अभी तक कोई भी ऐसी गंभीर परिस्थिति का हवाला नहीं दे पाए हैं.
परमिट पर खड़ें किए सवाल
संजय चौहान ने कहा कि यहां बड़ा प्रशन यह पैदा होता है कि सांसद ने दिल्ली में रहते हुए दिल्ली से यात्रा परमिट जारी क्यों नहीं करवाया और राज्य में जब 29 मार्च, 2020 से ऑनलाइन परमिट जारी किए जा रहे थे, तो सांसद व इनके साथ आए तीन और लोगों को किस आपात स्थिति के कारण मंडी के जिला मजिस्ट्रेट ने सादे कागज पर परमिट जारी किया था.
नियमानुसार प्रदेश की सीमा पर इनकी जांच व इनको क्वारंटाइन क्यों नहीं किया गया जबकि यह दिल्ली से सफर कर आ रहे थे और दिल्ली को भी सरकार द्वारा हॉटस्पॉट घोषित किया गया है.
जिला प्रशासन की जवाब देही भी हो तया
राज्य सरकार को प्रशासन की इस गंभीर लापरवाही पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए. इस गंभीर लापरवाही की घटना ने सरकार द्वारा कोरोना महामारी से निपटने के दावों व तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है.
सीपीएम मांग करती है कि सांसद व इनके साथ आए लोगों पर लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना कर यात्रा करने और सीमा पर जांच व क्वारंटाइन न कराने के लिए एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए.
बाहरी राज्यों से लोगों को दिए गए परमिट को करें सार्वजनिक
अभी तक जो भी बाहरी राज्यों से लोगों को लाने के लिए पास या परमिट जारी किए गए हैं, उसे सार्वजनिक करें और जो भी लोग इस प्रकार की गंभीर लापरवाही के लिए दोषी हैं, उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए.
पढ़ेंः लालसिंगी में भयंकर अग्निकांड, 30 झुग्गियां जलकर राख...आठ मवेशी जिंदा जले