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शीतकालीन सत्र टालने पर पुनर्विचार करे सरकार: राकेश सिंघा

सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और विधायक राकेश सिंघा ने हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र को टालने के सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. इससे पहले बीजेपी नेताओं की रैलियों का आयोजन भी किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. अब सरकार प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों का सारा दोष लोगों को दे रही है.

राकेश सिंघा
राकेश सिंघा
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Published : Dec 2, 2020, 4:01 PM IST

शिमला: सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और विधायक राकेश सिंघा ने हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र को टालने के सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिंघा ने कहा कि वैसे तो प्रदेश सरकार को पहले ही विधानसभा सत्र नहीं बुलाना चाहिए था, लेकिन जब कैबिनेट के फैसले के बाद विधानसभा सत्र की राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर दी थी.

कोरोना से लड़ना नहीं चाहती सरकार

इसके बाद विधानसभा सत्र को स्थगित करना तर्क संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि सर्वधलिय बैठक में विधानसभा सत्र में कोरोना से निपटने के लिए सुझाव मांगने का फैसला किया गया था, लेकिन सरकार ने कोरोना के आगे हथियार डाल दिए हैं और वह कोरोना से लड़ना नहीं चाहती है. इसके लिए सरकार ने विधानसभा सत्र रद्द कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट.

जनमंच से बढ़ा कोरोना

राकेश सिंघा ने कहा कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट अकेले कोरोना से लड़ नहीं सकती. 71 लाख जनता को मिलकर कोरोना से लड़ना होगा. सिंघा ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कहा कि सरकार ने पिछले दिनों जनमंच कार्यक्रम का आयोजन किया था. इससे पहले बीजेपी नेताओं की रैलियों का आयोजन भी किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे.

सरकार के सारे इंतजाम फेल

सीपीआईएम नेता ने कहा कि अब सरकार प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों का सारा दोष लोगों को दे रही है. ऐसे लगता है कि प्रदेश सरकार के कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए किए गए सारे इंतजाम फेल हो रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश सरकार इससे निपटने के लिए उपाय करे.

शिमला: सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और विधायक राकेश सिंघा ने हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र को टालने के सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिंघा ने कहा कि वैसे तो प्रदेश सरकार को पहले ही विधानसभा सत्र नहीं बुलाना चाहिए था, लेकिन जब कैबिनेट के फैसले के बाद विधानसभा सत्र की राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर दी थी.

कोरोना से लड़ना नहीं चाहती सरकार

इसके बाद विधानसभा सत्र को स्थगित करना तर्क संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि सर्वधलिय बैठक में विधानसभा सत्र में कोरोना से निपटने के लिए सुझाव मांगने का फैसला किया गया था, लेकिन सरकार ने कोरोना के आगे हथियार डाल दिए हैं और वह कोरोना से लड़ना नहीं चाहती है. इसके लिए सरकार ने विधानसभा सत्र रद्द कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट.

जनमंच से बढ़ा कोरोना

राकेश सिंघा ने कहा कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट अकेले कोरोना से लड़ नहीं सकती. 71 लाख जनता को मिलकर कोरोना से लड़ना होगा. सिंघा ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कहा कि सरकार ने पिछले दिनों जनमंच कार्यक्रम का आयोजन किया था. इससे पहले बीजेपी नेताओं की रैलियों का आयोजन भी किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे.

सरकार के सारे इंतजाम फेल

सीपीआईएम नेता ने कहा कि अब सरकार प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों का सारा दोष लोगों को दे रही है. ऐसे लगता है कि प्रदेश सरकार के कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए किए गए सारे इंतजाम फेल हो रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश सरकार इससे निपटने के लिए उपाय करे.

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