शिमला: शिमला नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ी जंग दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस और भाजपा के बीच है, लेकिन दो अन्य पार्टियां भी चुनावी मैदान में कूद गई हैं. माकपा हर बार की तरह इस बार भी कुछ वार्डों में उम्मीदवारों को चुनाव लड़ा रही है, जबकि अबकी बार आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. एक ओर जहां माकपा ने अभी 4 वार्डों के लिए अपने प्रत्याशियों के ऐलान कर दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर आप ने 13 वार्डों से अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है. इस तरह इन वार्डों में मुकाबला दो तरफा न होकर कांग्रेस-भाजपा का मुकाबला इन पार्टियों के साथ भी हो गया है. दो छोटी पार्टियां माकपा और आप कांग्रेस और भाजपा के वोटों के समीकरण को बिगाड़ सकती हैं.
माकपा और आप भी उतरे चुनावी मैदान में: नगर निगम के चुनाव के लिए दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है और दोनों पार्टियां नगर निगम की सत्ता पर काबिज होने का दम भर रही हैं. कांग्रेस अबकी बार हिमाचल प्रदेश में सत्ता में है इसलिस इस बार नगर निगम पर भी काबिज होने की पूरी कोशिश में है. भाजपा ने भी पिछले चुनाव में नगर निगम पर कब्जा जमा कर शहर में अपने जनाधार को बढाया था. ऐसे में दोनों पार्टियों की जंग नगर निगम पर कब्जा जमाने को लेकर छिड़ी हुई है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच दो छोटी पार्टियां माकपा और आम आदमी भी कुछ वार्डों में यह चुनाव लड़ रही हैं, वहीं, इन दोनों पार्टियों ने इस चुनाव को और ज्यादा रोचक बना दिया है.
माकपा ने अपने मजबूत वार्डों में उतारे प्रत्याशी: माकपा कई सालों से शिमला नगर निगम चुनाव लड़ती आ रही है और इस बार भी माकपा ने चार वार्डों में अपने प्रत्याशियों को उतारने का ऐलान किया है. माकपा ने पहले चरण में टुटू वार्ड, सांगटी वार्ड, समरहिल वार्ड और कृष्णा नगर से अपने प्रत्याशियों को उतारा है. ये वो वार्ड हैं, जहां माकपा के कार्यकर्ताओं की संख्या काफी है. यही वजह है कि पार्टी ने इन वार्डों से अपने प्रत्याशियों को उतारने का फैसला लिया है. इस तरह इन वार्डों में मुकाबला दो पार्टियों में न रहकर माकपा के साथ भी हो गया है. माकपा यहां पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण बिगाड़ सकती है.
आप ने 13 वार्डों से चुनावी मैदान में उतारे उम्मीदवार: शिमला नगर निगम चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री की है. आम आदमी पार्टी ने फिलहाल 13 वार्डों से अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है. पार्टी ने रूल्दभट्टा, समरहिल, कृष्णा नगर, लोअर बाजार, बेनमोर, ईंजनघर, संजौली, सांगटी, मल्याणा, छोटा शिमला, विकासनगर, कंगनाधार और न्यू शिमला वार्ड से अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है. इस तरह इन चुनावों में कांग्रेस और भाजपा और माकपा से साथ चौथी पार्टी आप भी चुनावी रण में मौजूद है.
कांग्रेस-भाजपा को घेर रही है माकपा और आप: माकपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही चुनाव में बड़ी राजनीतिक पार्टियों को निशाने पर ले रही हैं. भाजपा बीते पांच साल में शहर में नगर निगम में रही है, ऐसे में आदमी पार्टी और माकपा इसको घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही. पानी और कूड़े के रेट बढ़ाने के आरोप पूर्व के भाजपा शासित नगर निगम पर दोनों पार्टियां लगा रही हैं. इसी तरह कांग्रेस को भी ये पार्टियां अपने निशाने पर ले रही हैं. वहीं, माकपा पूर्व में अपने मेयर-डिप्टी मेयर के समय में शहर में हुए कार्यों को भी गिना रही है. नगर निगम को घाटे से उबारने, शहर में अतिरिक्त पानी उपलब्ध करवाने, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करवाने जैसे कार्यों को माकपा गिना रही है.
उल्लेखनीय है कि शिमला नगर निगम के 2012 में हुए प्रत्यक्ष चुनाव से शिमला नगर निगम में माकपा के मेयर और डिप्टी मेयर चुने गए थे, इसके अलावा तीन पार्षद भी चुनकर आए थे. इस तरह माकपा उस समय के अपने कार्यों को जनता के समक्ष रख रही है. हालांकि इसका कितना असर जनता पर जाता है यह आने वाले चुनावों में साफ हो जाएगा, लेकिन जिन वार्डों में इसके प्रत्याशी चुनावी मैदान में है वहां पर वोटों को बंटवारा होना तय है. ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि माकपा और आम आदमी पार्टी किस पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाती हैं.