शिमला : माकपा ने प्रदेश सरकार से कोरोना से प्रभावितों को राहत पैकेज देने की मांग की है. माकपा के राज्य सचिव सजंय चौहान ने बताया कि उद्योग, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट, वाणिज्यिक व इससे संबंधित अन्य क्षेत्रों के लिए सरकार को तुरंत राहत पैकेज देना चाहिए. कोविड-19 के कारण पैदा हुई इन विकट परिस्थिति के चलते लगाए गए लॉकडाउन व कर्फ्यू से बाहर निकलने के लिए सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखकर एक व्यापक एग्जिट प्लान शीघ्र लाया जाना चाहिए.माकपा के राज्य सचिव सजंय चौहान ने कहा कि कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन व कर्फ्यू को लगभग दो महीने हो गए है. इस दौरान सभी गतिविधियों पर रोक के कारण कारोबारियों व कामगारों को गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा हैं. यदि सरकार इन क्षेत्रों के लिए समय रहते राहत पैकेज प्रदान नहीं करती है, तो कारोबारियों को आर्थिक रूप से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
उद्योग, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट व व्यवसायिक उद्यम के क्षेत्रों में गतिविधियां व कार्य बंद रहने के कारण इससे जुड़े व्यवसायी व कामगार करीब दो महीने से बेकार बैठे हैं. इस दौरान औद्यौगिक, पर्यटन व वाणिज्यिक क्षेत्र से जुड़ी सभी गतिविधियां बंद होने के कारण आज इससे जुड़े अधिकांश कारोबारियों के आय के साधन भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इसके कारण यह अपने कामगारों को वेतन भी नहीं दे पा रहें हैं. इससे मजदूरों के लिए रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
यह राहत दी जाए उद्योग, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट व अन्य वाणिज्यिक क्षेत्रों से जुड़े सभी कारोबारियो व दुकानदारों को कम से कम 6 माह के लिए सभी प्रकार के टैक्स, परमिट फीस व दुकानों के किराए की छूट दी जाए. इनके द्वारा लिये गये ऋण की वसूली पर रोक लगाई जाए. सभी कामगारों का लॉकडाउन व कर्फ्यू की अवधि के वेतन का पूरा भुगतान सुनिश्चित करें तथा इसका 70 प्रतिशत भाग सरकार वहन करें. इनके बिजली, पानी व अन्य बिलों को माफ कर इसका सारा भार सरकार वहन करे.
शहरी क्षेत्रो में कम से कम 6 माह का प्रॉपर्टी टैक्स, गार्बेज फीस व अन्य टैक्स माफ किया जाए. प्रदेश के सभी स्कूलों में इस अवधि की फीस को माफ कर लोगों को राहत प्रदान की जाए. सभी कामगारों व अन्य के खातों में कम से कम 3 माह के लिए 7500 रुपये प्रति माह इनके खातों में डाले और 10 किलो प्रति व्यक्ति राशन उपलब्ध करवाया जाए.