शिमला: बीते एक सप्ताह में जिला के सबसे बड़े अस्पताल IGMC और DDU में 60 फीसदी तक बेड अब खाली हाे चुके हैं. इसका कारण यह है कि अब संक्रमित मरीज कम आ रहे हैं. जबकि, रिकवरी रेट ज्यादा है. इससे काफी राहत मिली है. डीडीयू अस्पताल में अब केवल 50 के करीब मरीज रह गए हैं. जबकि, आईजीएमसी में भी 160 मरीज ही एडमिट हैं. अन्य मरीजाें काे यहां से रिकवर हाेने के बाद छुट्टी दे दी गई है. रविवार तक जिला शिमला में 1047 एक्टिव केस रह गए हैं. जबकि, मई महीने में एक्टिव केस 5000 पहुंच गए थे. अब रिकवरी रेट भी ज्यादा है. राेजाना 100 से ज्यादा मरीज ठीक हाे रहे हैं.
कहां कितने बेड
प्रशासन ने सबसे ज्यादा बेड आईजीएमसी अस्पताल में लगाए हैं. यहां पर 305 बेड काेराेना मरीजाें के लिए लगाए गए हैं. जबकि. डीडीयू अस्पताल में माैजूदा समय में 140 बेड हैं. हालांकि, डीडीयू अस्पताल में केवल 90 बेड की क्षमता थी. मगर मई महीने में जब काेराेना मरीज लगातार बढ़ते गए ताे यहां पर बेड की संख्या बढ़ानी पड़ी. यहां पर कमराें के बाहर गैलरी में भी 40 के करीब बेड लगाने पड़े. इसी तरह आईजीएमसी में भी शुरुआत में 125 बेड लगाए गए थे, जाे बाद में मरीजाें की बढ़ती संख्या काे देखते हुए 305 तक बेड की संख्या बढ़ानी पड़ी थी.
मई महीने में ही हुई सबसे ज्यादा माैतेंं
जिले में मई महीने में सबसे ज्यादा 210 मरीजाें की माैत हुई. इसके लिए कनलाेग में अलग से तीन शेड भी तैयार करने पड़े. इससे पहले अप्रैल महीने में करोना से करीब 150 लाेगाें की जान गई थी. जबकि, बीते वर्ष में दिसंबर तक 180 के करीब लाेगाें की माैत हुई थी. वहीं, कोरोना के नए मामले भी मई महीने में सबसे ज्यादा आए हैं. जिला शिमला में 4000 से ज्यादा मरीज मई महीने में ही आए.
अस्पतालाें में बढ़ी रिकवरी रेट
काेराेना संक्रमण की चैन अब कम हुई है. इससे अस्पतालाें में मरीजाें की संख्या भी घटने लगी है. इसी रफ्तार से अगर काेराेना मरीज कम हाेते रहे ताे जल्द ही जिला शिमला में काेराेना संक्रमण कम हाे जाएगा और अस्पताल जनवरी और फरवरी की तरह खाली हाे जाएंगे. अभी डीडीयू अस्पताल में केवल 50 मरीज ही एडमिट रह गए हैं. एक समय था जब यहां पर मरीजाें काे एडमिट करने के लिए बेड तक खाली नहीं बचे थे.
यह भी पढ़ें :- रीना कश्यप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर बोला हमला, लगाए ये गंभीर आरोप