ETV Bharat / state

सरकारी महकमा ही नहीं कर रहा गाइडलाइन का पालन, लोगों में भी नहीं कोरोना का डर

शिमला के लालपानी से पुराना बस अड्डे की ओर जा रही बसों में यात्रियों को समान की तरह ठूंसा जा रहा है. ना सोशल डिस्टेंसिंग ध्यान रखा जा रहा है ना सरकार की एसओपी का. यह हाल तब है, जब कोरोना का खतरा टला नहीं है और प्रदेश सरकार ने केवल 50 फीसदी क्षमता के साथ बस संचालन की अनुमति दी है.

http://10.10.50.70:6060/reg-lowres/17-July-2021/hp-sml-01-overload-bus-shimla-video-hp10013_17072021132132_1707f_1626508292_230.mp4
फोटो.
author img

By

Published : Jul 17, 2021, 2:17 PM IST

Updated : Jul 17, 2021, 2:30 PM IST

शिमलाः देश भर में तीसरी लहर की आशंका के बीच एचआरटीसी बस की तस्वीरें निःसंदेह डराने वाली हैं. शिमला के लालपानी से पुराना बस अड्डे की ओर जा रही बसों में यात्रियों को समान की तरह ठूंसा जा रहा है. ना सोशल डिस्टेंसिंग ध्यान रखा जा रहा है ना सरकार की एसओपी का. यह हाल तब है, जब कोरोना का खतरा टला नहीं है और प्रदेश सरकार ने केवल 50 फीसदी क्षमता के साथ बस संचालन की अनुमति दी है.

ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट में पाया कि बस में 50 नहीं बल्कि 200 फीसदी क्षमता साथ बस संचालन हो रहा है. बस में क्षमता से अधिक यात्री सफर न करें. यह जिम्मेदारी परिचालक की है, लेकिन यात्रियों की भारी संख्या के आगे परिचालक खुद को मजबूर बताते हैं. कमोवेश यह तस्वीरें शिमला शहर की हर बस में देखने को मिलती है.

अनलॉक के बीच सभी गतिविधियां पटरी पर लौट गई हैं. ऐसे में लोग बड़ी संख्या में अपने काम पर जा रहे हैं, लेकिन अभी भी रूट की संख्या कम है. बस रूट कम होने की वजह से 50 फीसदी क्षमता के नियमों का पालन नहीं हो रहा है. वहीं, आरएम (सिटी) देवासेन नेगी का इस बारे में कहना है कि नया बस स्टैंड से पुराना बस स्टैंड के लिए हर 15 मिनट में बस की सुविधा है. मौके पर दो इंचार्ज भी तैनात किए गए हैं, जो ओवरलोडिंग न हो इसका ध्यान रखते हैं.

कोरोनाके बढ़ते खतरे के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है, लेकिन एचआरटीसी बस में सोशल डिस्टेंसिंग का नियम की पालना दूर-दूर तक नजर नहीं आती. ऐसे में कोरोना का खतरा भी बढ़ गया है. बस समय पर नहीं आती. ऐसे में यात्रियों को मजबूरन ओवरलोडेड बसों में सफर करने को करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: वीरभद्र सिंह की अस्थियां गंगा में विसर्जित, विक्रमादित्य के चचेरे भाई रिपु धवन ने पूरी की रस्में

शिमलाः देश भर में तीसरी लहर की आशंका के बीच एचआरटीसी बस की तस्वीरें निःसंदेह डराने वाली हैं. शिमला के लालपानी से पुराना बस अड्डे की ओर जा रही बसों में यात्रियों को समान की तरह ठूंसा जा रहा है. ना सोशल डिस्टेंसिंग ध्यान रखा जा रहा है ना सरकार की एसओपी का. यह हाल तब है, जब कोरोना का खतरा टला नहीं है और प्रदेश सरकार ने केवल 50 फीसदी क्षमता के साथ बस संचालन की अनुमति दी है.

ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट में पाया कि बस में 50 नहीं बल्कि 200 फीसदी क्षमता साथ बस संचालन हो रहा है. बस में क्षमता से अधिक यात्री सफर न करें. यह जिम्मेदारी परिचालक की है, लेकिन यात्रियों की भारी संख्या के आगे परिचालक खुद को मजबूर बताते हैं. कमोवेश यह तस्वीरें शिमला शहर की हर बस में देखने को मिलती है.

अनलॉक के बीच सभी गतिविधियां पटरी पर लौट गई हैं. ऐसे में लोग बड़ी संख्या में अपने काम पर जा रहे हैं, लेकिन अभी भी रूट की संख्या कम है. बस रूट कम होने की वजह से 50 फीसदी क्षमता के नियमों का पालन नहीं हो रहा है. वहीं, आरएम (सिटी) देवासेन नेगी का इस बारे में कहना है कि नया बस स्टैंड से पुराना बस स्टैंड के लिए हर 15 मिनट में बस की सुविधा है. मौके पर दो इंचार्ज भी तैनात किए गए हैं, जो ओवरलोडिंग न हो इसका ध्यान रखते हैं.

कोरोनाके बढ़ते खतरे के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है, लेकिन एचआरटीसी बस में सोशल डिस्टेंसिंग का नियम की पालना दूर-दूर तक नजर नहीं आती. ऐसे में कोरोना का खतरा भी बढ़ गया है. बस समय पर नहीं आती. ऐसे में यात्रियों को मजबूरन ओवरलोडेड बसों में सफर करने को करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: वीरभद्र सिंह की अस्थियां गंगा में विसर्जित, विक्रमादित्य के चचेरे भाई रिपु धवन ने पूरी की रस्में

Last Updated : Jul 17, 2021, 2:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.