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सीपीएस पर विपक्ष के हमले का तोड़ निकालेगी सुखविंदर सरकार, रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव की तैयारी - Himachal BJP on CPS appointment

हिमाचल की कांग्रेस सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो गया है लेकिन उससे पहले 6 सीपीएस बनाने पर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है. बीजेपी इस मुद्दे पर कोर्ट का रुख भी कर सकती है लेकिन सुक्खू सरकार इस मसले का तोड़ निकालने में लग गई है. आखिर क्या करेगी हिमाचल की कांग्रेस सरकार, जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर (Congress vs BJP on CPS appointment in Himachal) (Himachal BJP on CPS appointment) (CPS in Himachal Govt)

हिमाचल में सीपीएस
हिमाचल में सीपीएस
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Published : Jan 10, 2023, 7:21 PM IST

Updated : Jan 11, 2023, 6:06 AM IST

शिमला: सत्ता मिलने के एक महीने बाद बीते रविवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट विस्तार किया. कैबिनेट विस्तार से पहले सुखविंदर सिंह सरकार ने छह सीपीएस भी बनाए. हिमाचल में छह सीपीएस की नियुक्ति से विपक्षी दल भाजपा को कांग्रेस पर निशाना साधने का अवसर मिल गया. भाजपा ने तुरंत सीपीएस की नियुक्ति वाला मुद्दा लपक लिया और नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सारे मामले का अध्ययन करने के बाद भाजपा कोर्ट में भी जा सकती है. कांग्रेस सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह को इसका पहले से ही आभास था. यही कारण है कि सीएम सुखविंदर सिंह ने आगे की रणनीति पर पहले ही काम शुरू कर दिया था. (CPS in Himachal) (appointment of six CPS in Himachal)

हिमाचल में सीपीएस की नियुक्ति से जुड़ा एक पहलू और है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस व्यवस्था परिवर्तन का दावा कर रही है, लेकिन सरकार ने सीपीएस बनाकर आर्थिक बोझ लाद दिया है. क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है? ऐसे में विपक्ष के हमलों को काउंटर करने के लिए सरकार हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव के कामकाज को लेकर बदलाव करेगी. सुखविंदर सिंह सरकार रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव कर सकती है. इसके लिए सरकार भी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है. (Congress vs BJP on CPS appointment in Himachal) (Himachal BJP on CPS appointment)

उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में अदालतों ने सीपीएस व पीएस को लेकर कई आदेश पारित किए हैं. यही नहीं, हिमाचल में भी एक बार मुख्य संसदीय सचिवों को हाईकोर्ट ने हटाने के आदेश जारी किए थे. सरकार रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव करेगी और यदि भाजपा फिर भी अदालत में मामले को चुनौती देगी तो ये सुखविंदर सिंह सरकार के लिए सिरदर्द भी हो सकता है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह ने शपथ समारोह के बाद कहा था कि सरकार का सारा काम मंत्री या मुख्यमंत्री ही नहीं देख सकते इसलिए मुख्य संसदीय सचिवों को भी काम सौंपे जाएंगे. (CPS in Himachal Govt)

दरअसल पहले भी सीपीएस व पीएस मंत्रियों के साथ अटैच किए जाते रहे हैं. वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में सीपीएस विभिन्न विभागों के साथ अटैच थे. इसी प्रकार प्रेम कुमार धूमल सरकार के समय भी यही व्यवस्था थी. हालांकि सीपीएस फाइल साइन नहीं कर सकते और न ही कोई फैसला ले सकते हैं. फैसले का अधिकार मंत्री को ही रहता है. ऐसे में सीपीएस का पद महज विधायकों को एडजस्ट करने और उन्हें झंडी वाली कार का सुख देने के लिए ही माना जाता है. फिलहाल, सीएम सुखविंदर सिंह ने जो संकेत दिए हैं, उससे लग रहा है कि वे अपने कार्यालय में भी एक या दो मुख्य संसदीय सचिव अपने साथ अटैच कर सकते हैं. यहां बता दें कि रविवार को कैबिनेट मंत्रियों की शपथ से पहले सीएम ने सुंदर ठाकुर, किशोरी लाल, रामकुमार, आशीष बुटेल, मोहनलाल ब्राक्टा व संजय अवस्थी को सीपीएस बनाया था. अब देखना है कि सरकार इनके लिए रूल्ज ऑफ बिजनेस में किस तरह का बदलाव करेगी.

ये भी पढ़ें: ओपीएस पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही सुखविंदर सरकार, हिमाचल की परिस्थितियों के हिसाब से होगा फैसला

शिमला: सत्ता मिलने के एक महीने बाद बीते रविवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट विस्तार किया. कैबिनेट विस्तार से पहले सुखविंदर सिंह सरकार ने छह सीपीएस भी बनाए. हिमाचल में छह सीपीएस की नियुक्ति से विपक्षी दल भाजपा को कांग्रेस पर निशाना साधने का अवसर मिल गया. भाजपा ने तुरंत सीपीएस की नियुक्ति वाला मुद्दा लपक लिया और नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सारे मामले का अध्ययन करने के बाद भाजपा कोर्ट में भी जा सकती है. कांग्रेस सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह को इसका पहले से ही आभास था. यही कारण है कि सीएम सुखविंदर सिंह ने आगे की रणनीति पर पहले ही काम शुरू कर दिया था. (CPS in Himachal) (appointment of six CPS in Himachal)

हिमाचल में सीपीएस की नियुक्ति से जुड़ा एक पहलू और है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस व्यवस्था परिवर्तन का दावा कर रही है, लेकिन सरकार ने सीपीएस बनाकर आर्थिक बोझ लाद दिया है. क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है? ऐसे में विपक्ष के हमलों को काउंटर करने के लिए सरकार हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव के कामकाज को लेकर बदलाव करेगी. सुखविंदर सिंह सरकार रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव कर सकती है. इसके लिए सरकार भी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है. (Congress vs BJP on CPS appointment in Himachal) (Himachal BJP on CPS appointment)

उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में अदालतों ने सीपीएस व पीएस को लेकर कई आदेश पारित किए हैं. यही नहीं, हिमाचल में भी एक बार मुख्य संसदीय सचिवों को हाईकोर्ट ने हटाने के आदेश जारी किए थे. सरकार रूल्स ऑफ बिजनेस में बदलाव करेगी और यदि भाजपा फिर भी अदालत में मामले को चुनौती देगी तो ये सुखविंदर सिंह सरकार के लिए सिरदर्द भी हो सकता है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह ने शपथ समारोह के बाद कहा था कि सरकार का सारा काम मंत्री या मुख्यमंत्री ही नहीं देख सकते इसलिए मुख्य संसदीय सचिवों को भी काम सौंपे जाएंगे. (CPS in Himachal Govt)

दरअसल पहले भी सीपीएस व पीएस मंत्रियों के साथ अटैच किए जाते रहे हैं. वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में सीपीएस विभिन्न विभागों के साथ अटैच थे. इसी प्रकार प्रेम कुमार धूमल सरकार के समय भी यही व्यवस्था थी. हालांकि सीपीएस फाइल साइन नहीं कर सकते और न ही कोई फैसला ले सकते हैं. फैसले का अधिकार मंत्री को ही रहता है. ऐसे में सीपीएस का पद महज विधायकों को एडजस्ट करने और उन्हें झंडी वाली कार का सुख देने के लिए ही माना जाता है. फिलहाल, सीएम सुखविंदर सिंह ने जो संकेत दिए हैं, उससे लग रहा है कि वे अपने कार्यालय में भी एक या दो मुख्य संसदीय सचिव अपने साथ अटैच कर सकते हैं. यहां बता दें कि रविवार को कैबिनेट मंत्रियों की शपथ से पहले सीएम ने सुंदर ठाकुर, किशोरी लाल, रामकुमार, आशीष बुटेल, मोहनलाल ब्राक्टा व संजय अवस्थी को सीपीएस बनाया था. अब देखना है कि सरकार इनके लिए रूल्ज ऑफ बिजनेस में किस तरह का बदलाव करेगी.

ये भी पढ़ें: ओपीएस पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही सुखविंदर सरकार, हिमाचल की परिस्थितियों के हिसाब से होगा फैसला

Last Updated : Jan 11, 2023, 6:06 AM IST
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