शिमला: कोरोना वायरस से निपटने में देशभर में हिमाचल मॉडल की चर्चा हो रही है. खुद पीएम मोदी ने भी अन्य राज्यों को हिमाचल मॉडल अपनाने की सलाह दी है, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि हिमाचल में सरकार कोरोना टेस्ट के बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन हकीकत में केवल मात्र 0.1 प्रतिशत लोगों के टेस्ट हुए है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता कर सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए और कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद सरकार ने टेस्ट करने की बात कही थी, लेकिन हकीकत में टेस्ट हुए ही नहीं है. राठौर ने कहा कि जांच के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कोई नहीं पहुंचा है और सरकार 70 लाख की आबादी का टेस्ट करने का दावा कर रही है.
राठौर ने कहा कि अभी भी बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग तक नहीं की जा रही है. इसके चलते मंडी जिला में कोरोना वायरस का मामला सामने आया है, जहां दिल्ली से आए व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में कैसे पहुंचा और उसकी स्क्रीनिंग क्यों नहीं हुई, इसकी जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से लोगों को लाने में सरकार एहतियात नहीं बरत रही है, जिसके कारण यहां कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है. सरकार को तय प्रोटोकॉल से लोगों को लाना चाहिए और उनकी सही से जांच होनी चाहिए.
राठौर ने पीएम केयर्स फंड और सीएम फंड पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की, जिससे फंड में आई राशि की पारदर्शिता बरतने का लोगों को पता चल सके. उन्होंने कहा कि पीएम फंड में उद्योगपतियों ने करोड़ों का फंड दिया है, लेकिन कहीं खर्च नहीं हो रहा है. सरकार को कारोबारियों और मजदूर वर्ग को राहत देनी चाहिए.