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MC Shimla Election Result: जनता ने कांग्रेस सरकार की लीडरशिप पर लगाई मुहर, BJP हार से बौखलाई- उद्योग मंत्री

शिमला नगर निगम चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद आज शिमला में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा के साथ एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उद्योग मंत्री ने कहा कि शिमला नगर चुनाव के जरीए जनता ने सरकार की कार्यप्रणाली और लीडरशिप पर मुहर लगाई है. (Congress PC on Shimla MC Election Result)

Congress PC on Shimla MC Election Result in Shimla.
शिमला नगर निगम चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
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Published : May 5, 2023, 4:35 PM IST

शिमला नगर निगम चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस.

शिमला: शिमला नगर निगम चुनाव में अपनी जीत से कांग्रेस बेहद उत्साहित है. कांग्रेस पार्टी इसको अपनी सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर बता रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नगर निगम चुनाव सरकार की कार्यप्रणाली व लीडरशिप का टेस्ट था. जनता ने कांग्रेस को भारी बहुमत से जीताकर इन पर मुहर लगाई है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा के साथ एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की ऐतिहासिक जीत हुई है.

'सरकार की कार्यप्रणाली व लीडरशिप पर जनता ने लगाई मुहर': उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लगातार यह तीसरी जीत है. सबसे पहले उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और फिर विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत कांग्रेस को मिला. अब करीब पांच माह के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नगर निगम शिमला के चुनाव हुए हैं. यह सरकार बनने के बाद पहला चुनाव था. जिसमें सरकार की कार्यप्रणाली और लीडरशिप का टेस्ट था, जिस पर जनता ने मुहर लगा दी है.

'हार को पचा नहीं पा रही भाजपा': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान का जिक्र किया और कहा कि वह कह रहे हैं यह ऑर्गेनिक जीत नहीं है. यानी जयराम ठाकुर के कहने का मकसद यह था कि इन चुनावों में शिमला से बाहर के लोगों ने भी वोटिंग की है. उद्योग मंत्री ने कहा कि यह सही है क्योंकि शिमला में पूरे प्रदेश के लोग रहते हैं और शिमला एक तरह का मिनी हिमाचल है. इस तरह कांग्रेस को मिला यह जनादेश शिमला का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का जनादेश है.

नेता प्रतिपक्ष पर कसा तंज: उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने कहा कि उनका वोट यहां था, जिसका उनको पता नहीं था और उन्होंने अपना वोट नहीं डाला. हर्षवर्धन चौहान ने इस पर कहा कि किसी का भी जब वोट बनता है तो उसके फॉर्म पर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर होते हैं और उसमें आधार कार्ड आदि डाक्यूमेंट लगते हैं, ऐसे में कोई और उनका वोट यहां कैसे बना सकता था.

'अल्फाबेटिकली तय होते हैं नाम': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीजेपी वोटिंग के दौरान अपनी हार मान चुकी थी और तभी से कहना शुरू कर दिया था कि ईवीएम में कैंडिडेट के नाम उपर-नीचे कर दिए गए हैं. इस बारे में चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उम्मीदवारों के नाम हिंदी के अक्षरों के क्रमानुसार यानी अल्फाबेटिकली तय होते हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि सरकार के कामों से यह चुनाव प्रभावित हुआ है. यह सही है क्योंकि कांग्रेस ने अच्छे फैसले लिए हैं, जबकि जयराम सरकार पांच सालों में काम नहीं कर पाई है. कर्मचारियों का डीए जयराम सरकार ने नहीं दिया. कांग्रेस ने इसको जारी कर दिया. कैबिनेट ने भवनों के एटिक को रेगुलर किया. इसी तरह कई अन्य फैसले जनता के हित में किए गए.

'लोकल इलेक्शन में पहली बार लेग नेशनल लीडर के फोटो': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीजेपी ने इस चुनाव को मोदी और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच किया. यह पहली दफा था कि किसी लोकल चुनाव में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के फोटो लगाए गए. इन चुनावों को पीएम मोदी बनाम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू करने की कोशिश की गई और इसके परिणाम भी सामने है.

'नेता प्रतिपक्ष को जनादेश को स्वीकार करना चाहिए': इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जयराम ठाकुर और बीजेपी के अन्य नेता अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में पीएम मोदी का नाम लेकर वोट मांगे और अनुराग ठाकुर को भी चुनाव प्रचार में लेकर आए. बावजूद इसके वह कामयाब नहीं हुए. उन्होंने जयराम ठाकुर से कहा कि उनको जनता का जनादेश स्वीकार करना चाहिए. रोहित ठाकुर ने कहा कि एमसी चुनाव में इस भारी बहुमत की जीत से कांग्रेस पर और भी जिम्मेदारी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन चुनावों में किए सभी वादों को पूरा करेगी.

'भाजपा पर लगे गंभीर आरोप': शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव के आखिरी दो तीन दिन में पैसा और शराब बांट कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की. पूर्व मेयर के बेटे को शराब के साथ पकड़ा भी गया. यही नहीं पूरे वार्डों में पैसे और शराब बांटने का काम किया गया. जिसके उनके पास प्रूफ भी हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की पूर्व सरकार ने अगर पांच सालों में काम किए होते तो इतना लो-लेवल पर जाने की नौबत नहीं आती.

ये भी पढ़ें: शिमला में शहर की सरकार का कौन होगा 'रखवाला': CM के पोस्टर लगाने वाला रेस में क्यों आगे, डिप्टी मेयर पर कंपटीशन खत्म ?

शिमला नगर निगम चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस.

शिमला: शिमला नगर निगम चुनाव में अपनी जीत से कांग्रेस बेहद उत्साहित है. कांग्रेस पार्टी इसको अपनी सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर बता रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नगर निगम चुनाव सरकार की कार्यप्रणाली व लीडरशिप का टेस्ट था. जनता ने कांग्रेस को भारी बहुमत से जीताकर इन पर मुहर लगाई है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा के साथ एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की ऐतिहासिक जीत हुई है.

'सरकार की कार्यप्रणाली व लीडरशिप पर जनता ने लगाई मुहर': उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लगातार यह तीसरी जीत है. सबसे पहले उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और फिर विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत कांग्रेस को मिला. अब करीब पांच माह के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नगर निगम शिमला के चुनाव हुए हैं. यह सरकार बनने के बाद पहला चुनाव था. जिसमें सरकार की कार्यप्रणाली और लीडरशिप का टेस्ट था, जिस पर जनता ने मुहर लगा दी है.

'हार को पचा नहीं पा रही भाजपा': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान का जिक्र किया और कहा कि वह कह रहे हैं यह ऑर्गेनिक जीत नहीं है. यानी जयराम ठाकुर के कहने का मकसद यह था कि इन चुनावों में शिमला से बाहर के लोगों ने भी वोटिंग की है. उद्योग मंत्री ने कहा कि यह सही है क्योंकि शिमला में पूरे प्रदेश के लोग रहते हैं और शिमला एक तरह का मिनी हिमाचल है. इस तरह कांग्रेस को मिला यह जनादेश शिमला का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का जनादेश है.

नेता प्रतिपक्ष पर कसा तंज: उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने कहा कि उनका वोट यहां था, जिसका उनको पता नहीं था और उन्होंने अपना वोट नहीं डाला. हर्षवर्धन चौहान ने इस पर कहा कि किसी का भी जब वोट बनता है तो उसके फॉर्म पर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर होते हैं और उसमें आधार कार्ड आदि डाक्यूमेंट लगते हैं, ऐसे में कोई और उनका वोट यहां कैसे बना सकता था.

'अल्फाबेटिकली तय होते हैं नाम': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीजेपी वोटिंग के दौरान अपनी हार मान चुकी थी और तभी से कहना शुरू कर दिया था कि ईवीएम में कैंडिडेट के नाम उपर-नीचे कर दिए गए हैं. इस बारे में चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उम्मीदवारों के नाम हिंदी के अक्षरों के क्रमानुसार यानी अल्फाबेटिकली तय होते हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि सरकार के कामों से यह चुनाव प्रभावित हुआ है. यह सही है क्योंकि कांग्रेस ने अच्छे फैसले लिए हैं, जबकि जयराम सरकार पांच सालों में काम नहीं कर पाई है. कर्मचारियों का डीए जयराम सरकार ने नहीं दिया. कांग्रेस ने इसको जारी कर दिया. कैबिनेट ने भवनों के एटिक को रेगुलर किया. इसी तरह कई अन्य फैसले जनता के हित में किए गए.

'लोकल इलेक्शन में पहली बार लेग नेशनल लीडर के फोटो': उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीजेपी ने इस चुनाव को मोदी और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच किया. यह पहली दफा था कि किसी लोकल चुनाव में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के फोटो लगाए गए. इन चुनावों को पीएम मोदी बनाम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू करने की कोशिश की गई और इसके परिणाम भी सामने है.

'नेता प्रतिपक्ष को जनादेश को स्वीकार करना चाहिए': इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जयराम ठाकुर और बीजेपी के अन्य नेता अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में पीएम मोदी का नाम लेकर वोट मांगे और अनुराग ठाकुर को भी चुनाव प्रचार में लेकर आए. बावजूद इसके वह कामयाब नहीं हुए. उन्होंने जयराम ठाकुर से कहा कि उनको जनता का जनादेश स्वीकार करना चाहिए. रोहित ठाकुर ने कहा कि एमसी चुनाव में इस भारी बहुमत की जीत से कांग्रेस पर और भी जिम्मेदारी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन चुनावों में किए सभी वादों को पूरा करेगी.

'भाजपा पर लगे गंभीर आरोप': शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव के आखिरी दो तीन दिन में पैसा और शराब बांट कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की. पूर्व मेयर के बेटे को शराब के साथ पकड़ा भी गया. यही नहीं पूरे वार्डों में पैसे और शराब बांटने का काम किया गया. जिसके उनके पास प्रूफ भी हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की पूर्व सरकार ने अगर पांच सालों में काम किए होते तो इतना लो-लेवल पर जाने की नौबत नहीं आती.

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