शिमला: राजधानी शिमला में समर फेस्टिवल(summer festival shimla) की आखिरी शाम बुधवार को गुरु रंधावा (Guru Randhawa) को सुनने के लिए रिज मैदान पर लोगों का हुजूम उमड़ा था. रिज पर न तो एंबुलेंस और न ही अग्निशमन विभाग की गाड़ियों के गुजरने तक की जगह नहीं रखी गई थी. आलम यह था कि पर्यटकों सहित आम लोगों का गुजरना भी मुश्किल हो गया था. इस दौरान कई लोगों के बेहोश होने की भी खबरें सामने आई. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के काफी कम जवान रिज मैदान पर नजर आए कांग्रेस इसको लेकर मुखर हो गई और जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाया.
प्रशासन तैयार नहीं था: कांग्रेस उपाध्यक्ष महेश्वर चौहान ने कहा कि समर फेस्टिवल के लिए प्रशासन तैयार नहीं था. अनुभवहीन जिला प्रशासन और हर मामले में कोताही बरती जाती है. बुधवार रात को जो हुआ उस दौरान प्रशासन था ही नहीं. कई लोग बेहोश हुए उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक की जगह नहीं मिली. उन्होंने कहा कि पुलिस क्या सिर्फ लोगों को धमकाने के लिए रखी गई है.
दो साल बाद हुआ आयोजन: बता दें शिमला में 2 साल बाद समर फेस्टिवल का आयोजन किया गया था इस दौरान पहाड़ी गायकों के साथ ही बॉलीवुड के गाय को उन्हें प्रस्तुति दी और समर फेस्टिवल देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी हालांकि इससे पहले समर फेस्टिवल के दौरान जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाते थे और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित व्यवस्था होती थी लेकिन इस बार जिला प्रशासन के भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई भी इंतजाम नजर नहीं आए.
शिमला उपायुक्त के खिलाफ मोर्चा: वहीं, नगर निगम वार्डो के पुनर्सीमांकन को लेकर हाईकोर्ट के आदेशों के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है. शिमला जिला उपायुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है .प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष महेश्वर चौहान ने कहा कि कांग्रेस की ओर से उपायुक्त शिमला को बदलने की मांग की जा रही है. उन्होंने जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों पर भाजपा सरकार के पीठु की तरह काम करने का आरोप लगाया.
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