शिमलाः हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में वीरवार को कर्ज की सीमा 3 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का विधेयक सदन में लाया गया. इस पर सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया. माकपा विधायक राकेश सिंघा, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, शिलाई से कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन सिंह, डलहौजी की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने इस विधेयक को पारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया. विपक्ष के इन सदस्यों ने इसे काले कानून की संज्ञा दी. इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट किया.
कर्ज की लिमिट डबल करने का कानून नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
वॉकआउट के बाद नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कर्ज की लिमिट डबल करने का कानून बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हिमाचल विधानसभा के लिए आज काला दिन है. सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून को संख्या बल के आधार पर पास ना किया जाए. कानून को वापस लेकर सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए.
उन्होंने कहा कि बीजेपी डबल इंजन की दुहाई देती रहती है तो केंद्र से क्यों नहीं मदद ले पा रही है. केंद्र सरकार हिमाचल की मदद नहीं कर रही है और कर्ज लेने के लिए बोल रही है. प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष इस काले कानून का भागीदार नहीं बन सकती है. एक तरफ जहा सांसद रामस्वरूप का अंतिम संस्कार हो रहा है. वहीं, दूसरी तरह ये सरकार कर्ज की लिमिट को डबल कर प्रदेश के आने वाली पीढ़ियों को कर्ज के बोझ में डालने का काम कर रही है. विपक्ष इसका विरोध करती है और सरकार से इन पर दोबारा से विचार करने करने की मांग करती है.
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