शिमला: सूरत कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को सुनाए गई सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है. वहीं, इसके विरोध में देशभर में कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है. हिमाचल में भी इसके विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के विरोध में रविवार को देशभर में कांग्रेसियों ने सत्याग्रह किया. इसी कड़ी में राजधानी शिमला में भी आज कांग्रेस ने मौन प्रदर्शन कर कैंडल मार्च निकाला. जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह, हर्षवर्धन चौहान और अनिरुद्ध सिंह सहित कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए.
कैंडल मार्च रिज मैदान पर महात्मा गांधी की प्रतिमा से शुरू की गई और माल रोड से होते हुए लिफ्ट पर जाकर ये समाप्त हुई. इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हजारों साल की गुलामी के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश में लोकतंत्र स्थापित किया था, लेकिन आज लोकतंत्र खतरे में है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता षड्यंत्र के तहत रद्द की गई है. उसको लेकर आज महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध जताया गया. केंद्र सरकार ने राजनीतिक षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी को दोषी करार देकर 24 घंटे के भीतर ही उनकी सदस्यता रद्द की, जो कि लोकतंत्र की हत्या है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक सांसद ही नहीं बल्कि विपक्षी पार्टी का नेतृत्व भी करते हैं. मोदी सरकार लोकसभा के अंदर ही उनकी आवाज को दबा सकती है, लेकिन जनता के बीच में उनकी आवाज को कोई नहीं दबा सकता. उन्होंने कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की, उससे भाजपा पूरी तरह से घबरा गई है और राहुल गांधी को रोकने के लिए एक षड्यंत्र के तहत उनकी सदस्यता रद्द की गई.
राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए नहीं लड़ रहे हैं. 2009 में भी उनको प्रधानमंत्री बनने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री का पद ठुकरा दिया था. उनके पिता और दादी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. लेकिन आज देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और विपक्षी दलों की आवाज को दबाया जा रहा है. उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से भी एकजुट होने की अपील की है.
ये भी पढ़ें: Congress Protest In Shimla: राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस का 'सत्याग्रह', रिज पर किया मौन प्रदर्शन