शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज सीएम जयराम ठाकुर ने वित्त वर्ष 2022 23 का बजट पेश (Jairam presented the budget )किया. एक तरफ सरकार इस बजट को जन हितैषी करार दे रही. वहीं, विपक्ष इसे निराशाजनक बजट (Congress called the budget disappointing )बताया है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि सरकार से सिर्फ आगामी चुनाव के मद्देनज़र कुछ लोगों को लुभाने की कोशिश बजट के ज़रिए की, जबकि सरकार ने कमर्चारियों के सभी मांगों में से एक को भी बजट में शामिल नहीं किया.
बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों का सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग की भी बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया. एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने का कोई जिक्र नहीं है. ऐसे में यह बजट कर्मचारियों के लिए निराशा लेकर आया है. इसके अलावा बजट में रोजगार को लेकर कोई बात नही की गई.वहीं ,सरकार सिर्फ अपने लोगों को ही बैक डोर एंट्री से नौकरियां दे रही.
बजट में 30 हज़ार नौकरियां देने की बात की गई है , जिस पर मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर आरोप लगाया कि अब तक के कार्यकाल में सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से फेल साबित हुई.ऐसे में 6 महीने में कहां से नौकरी देगी. वहीं, बजट में महंगाई पर काबू पाने के लिए भी किसी कोई बात नहीं की गई .जिस पर मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार महंगाई पर काबू पाने के लिए भी पूरी तरह से फेल हुई .
अग्निहोत्री ने कहा कि बजट में महंगाई को कम करने का कोई भी जिक्र नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि यह बजट घाटे का बजट है. इस बजट के बाद यह अंदेशा भी है कि सरकार आने वाले समय में भारी कर्ज लेगी, जिससे प्रदेश पर और ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ेगा. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पिछले बजट में विकास पर 44% पैसा विकास पर खर्च होने के लिए रखा गया था, जबकि इस बजट में विकास पर मात्र 29% पैसा ही रखा गया.
ऐसे में प्रदेश में विकास पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का फोकस सिर्फ चंद रियायतें बांटने तक ही सीमित हो चुका और पुरानी बातों को ही इस बजट में रिपीट किया गया . उन्होंने कहा कि यह जयराम सरकार का अंतिम बजट लिहाजा सरकार को ऐसा बजट पेश करने से कोई फर्क नहीं पड़ता.आर्थिक बोझ आगामी कांग्रेस सरकार पर ही पड़ेगा.
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