शिमला: निजी शिक्षण संस्थान छात्रों के ओरिजनल सर्टिफिकेट वापिस किये बिना उन्हें संस्थान से बाहर कर रहे हैं. शिक्षण सस्थानों ने छात्रों से उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लैंक चैक पहले से ही लेकर रखे हैं. बावजूद इसके अब छात्र छात्रवृत्ति न मिलने के चलते अपने दो सालों की फीस नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें कक्षाएं नहीं लगवाने दी जा रही हैं.
सोमवार को इसी बाबत चंडीगढ़ के मोहाली के एक निजी शिक्षण संस्थान के 15 से 20 छात्र शिक्षा निदेशालय में पहुंचे थे. यहां छात्रों ने शिक्षा विभाग को लिखित में शिकायत दी कि छात्रवृत्ति न मिलने से छात्रों को परेशानी आ रही है और निजी शिक्षण संस्थान अपनी मनमानी कर रहा है. छात्रों ने विभाग को जानकारी दी कि संस्थान ने उनके ओरिजनल सर्टिफिकेट और उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लेंक चैक भी अपने पास रखे हैं.
शिकायत के अनुसार छात्रों को 15 अगस्त के बाद कॉलेज न आने का नोटिस संस्थान प्रबंधन ने दिया था, जिसके बाद छात्र संस्थान भी नहीं जा रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग छात्रों की शिकायतें तो सुन रहा है, लेकिन उन पर कार्रवाई के लिए खुद को लाचार बता रहा है. विभाग का कहना है कि सीबीआई की जांच में जो कॉलेज डिफॉल्टर हैं, उन्हें सीबीआई ने जांच पूरी न होने तक छात्रवृत्ति जारी न करने के आदेश दिए हैं. ऐसे में छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जा सकती है. हालांकि विभाग को इस बात की जानकारी है कि 530 के करीब छात्र इस अकेले संस्थान के है, जिनकी छात्रवृत्ति रुकी हुई है.
बता दें कि छात्रों की दो सालों की फीस ढाई लाख तक हो गई है. संस्थान छात्रों से हर छह महीने के बाद 7 हजार रुपये तो वसूल ही रहा है और अब छात्रों के तीसरे वर्ष में पहुंचने पर उन्हें लाखों की फीस जमा करवाने का भी दवाब बना रहा है. शिक्षा विभाग ने शिकायत लेकर आने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन कर ली और छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र भी हैं.
विभाग छात्रवृत्ति जारी करने के लिए सरकार के निर्देशों का ही इंतजार कर रहा है, लेकिन हैरान करने वाली एक और बात यह है कि इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री को कोई जानकारी ही नहीं है. मामले में छात्रों ने जब शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात की तो उन्होंने मामले में कोई भी जनाकारी होने से इंकार किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से भी मामला उनके ध्यान में नहीं लाया गया है. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह शिक्षा विभाग से मामले की जानकारी लेकर समाधान करेंगे.
छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर भले ही सीबीआई की जांच चल रही हो, लेकिन इस जांच के बीच में भी निजी शिक्षण संस्थान लगातार फर्जीवाड़ा करते आ रहे हैं. शिक्षा निदेशालय के पास शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों को शिक्षण संस्थान हॉस्टल की सुविधा देने की बात कहकर छात्रवृत्ति के अधिक पैसे ले रहा था. जबकि छात्र हॉस्टल पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं. छात्रों ने यह खुलासा किया है कि कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल रही है और छात्र पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं.
सोमवार को शिक्षा निदेशालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नसीहत पर नए एकाउंट बनाए. इससे भविष्य में जारी होने वाली राशि सीधी छात्रों के खाते में आएगी. छात्रों की एक ही मांग है कि शिक्षा विभाग या तो उनकी छात्रवृत्ति जारी करे या फिर सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर छात्रों की कक्षाएं लगवाए और उनकी डिग्री पूरी करवाएं.