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छात्रवृत्ति घोटाला: CBI जांच के बावजूद मनमानी कर रहे शिक्षण संस्थान, छात्रों को दिखाया जा रहा बाहर का रास्ता

प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ के घोटाले के बाद जांच के घेरे में आए निजी शिक्षण संस्थान अभी भी मनमानी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जा रही है और शिक्षण संस्थान के खातों में पैसा नहीं जा रहा है. शिक्षण संस्थान छात्रों को परेशान कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं.

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Published : Aug 26, 2019, 11:57 PM IST

Updated : Aug 27, 2019, 7:45 AM IST

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शिमला: निजी शिक्षण संस्थान छात्रों के ओरिजनल सर्टिफिकेट वापिस किये बिना उन्हें संस्थान से बाहर कर रहे हैं. शिक्षण सस्थानों ने छात्रों से उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लैंक चैक पहले से ही लेकर रखे हैं. बावजूद इसके अब छात्र छात्रवृत्ति न मिलने के चलते अपने दो सालों की फीस नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें कक्षाएं नहीं लगवाने दी जा रही हैं.

सोमवार को इसी बाबत चंडीगढ़ के मोहाली के एक निजी शिक्षण संस्थान के 15 से 20 छात्र शिक्षा निदेशालय में पहुंचे थे. यहां छात्रों ने शिक्षा विभाग को लिखित में शिकायत दी कि छात्रवृत्ति न मिलने से छात्रों को परेशानी आ रही है और निजी शिक्षण संस्थान अपनी मनमानी कर रहा है. छात्रों ने विभाग को जानकारी दी कि संस्थान ने उनके ओरिजनल सर्टिफिकेट और उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लेंक चैक भी अपने पास रखे हैं.

शिकायत के अनुसार छात्रों को 15 अगस्त के बाद कॉलेज न आने का नोटिस संस्थान प्रबंधन ने दिया था, जिसके बाद छात्र संस्थान भी नहीं जा रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग छात्रों की शिकायतें तो सुन रहा है, लेकिन उन पर कार्रवाई के लिए खुद को लाचार बता रहा है. विभाग का कहना है कि सीबीआई की जांच में जो कॉलेज डिफॉल्टर हैं, उन्हें सीबीआई ने जांच पूरी न होने तक छात्रवृत्ति जारी न करने के आदेश दिए हैं. ऐसे में छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जा सकती है. हालांकि विभाग को इस बात की जानकारी है कि 530 के करीब छात्र इस अकेले संस्थान के है, जिनकी छात्रवृत्ति रुकी हुई है.

बता दें कि छात्रों की दो सालों की फीस ढाई लाख तक हो गई है. संस्थान छात्रों से हर छह महीने के बाद 7 हजार रुपये तो वसूल ही रहा है और अब छात्रों के तीसरे वर्ष में पहुंचने पर उन्हें लाखों की फीस जमा करवाने का भी दवाब बना रहा है. शिक्षा विभाग ने शिकायत लेकर आने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन कर ली और छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र भी हैं.

विभाग छात्रवृत्ति जारी करने के लिए सरकार के निर्देशों का ही इंतजार कर रहा है, लेकिन हैरान करने वाली एक और बात यह है कि इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री को कोई जानकारी ही नहीं है. मामले में छात्रों ने जब शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात की तो उन्होंने मामले में कोई भी जनाकारी होने से इंकार किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से भी मामला उनके ध्यान में नहीं लाया गया है. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह शिक्षा विभाग से मामले की जानकारी लेकर समाधान करेंगे.

छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर भले ही सीबीआई की जांच चल रही हो, लेकिन इस जांच के बीच में भी निजी शिक्षण संस्थान लगातार फर्जीवाड़ा करते आ रहे हैं. शिक्षा निदेशालय के पास शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों को शिक्षण संस्थान हॉस्टल की सुविधा देने की बात कहकर छात्रवृत्ति के अधिक पैसे ले रहा था. जबकि छात्र हॉस्टल पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं. छात्रों ने यह खुलासा किया है कि कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल रही है और छात्र पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं.

सोमवार को शिक्षा निदेशालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नसीहत पर नए एकाउंट बनाए. इससे भविष्य में जारी होने वाली राशि सीधी छात्रों के खाते में आएगी. छात्रों की एक ही मांग है कि शिक्षा विभाग या तो उनकी छात्रवृत्ति जारी करे या फिर सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर छात्रों की कक्षाएं लगवाए और उनकी डिग्री पूरी करवाएं.

शिमला: निजी शिक्षण संस्थान छात्रों के ओरिजनल सर्टिफिकेट वापिस किये बिना उन्हें संस्थान से बाहर कर रहे हैं. शिक्षण सस्थानों ने छात्रों से उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लैंक चैक पहले से ही लेकर रखे हैं. बावजूद इसके अब छात्र छात्रवृत्ति न मिलने के चलते अपने दो सालों की फीस नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें कक्षाएं नहीं लगवाने दी जा रही हैं.

सोमवार को इसी बाबत चंडीगढ़ के मोहाली के एक निजी शिक्षण संस्थान के 15 से 20 छात्र शिक्षा निदेशालय में पहुंचे थे. यहां छात्रों ने शिक्षा विभाग को लिखित में शिकायत दी कि छात्रवृत्ति न मिलने से छात्रों को परेशानी आ रही है और निजी शिक्षण संस्थान अपनी मनमानी कर रहा है. छात्रों ने विभाग को जानकारी दी कि संस्थान ने उनके ओरिजनल सर्टिफिकेट और उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लेंक चैक भी अपने पास रखे हैं.

शिकायत के अनुसार छात्रों को 15 अगस्त के बाद कॉलेज न आने का नोटिस संस्थान प्रबंधन ने दिया था, जिसके बाद छात्र संस्थान भी नहीं जा रहे हैं. वहीं, शिक्षा विभाग छात्रों की शिकायतें तो सुन रहा है, लेकिन उन पर कार्रवाई के लिए खुद को लाचार बता रहा है. विभाग का कहना है कि सीबीआई की जांच में जो कॉलेज डिफॉल्टर हैं, उन्हें सीबीआई ने जांच पूरी न होने तक छात्रवृत्ति जारी न करने के आदेश दिए हैं. ऐसे में छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जा सकती है. हालांकि विभाग को इस बात की जानकारी है कि 530 के करीब छात्र इस अकेले संस्थान के है, जिनकी छात्रवृत्ति रुकी हुई है.

बता दें कि छात्रों की दो सालों की फीस ढाई लाख तक हो गई है. संस्थान छात्रों से हर छह महीने के बाद 7 हजार रुपये तो वसूल ही रहा है और अब छात्रों के तीसरे वर्ष में पहुंचने पर उन्हें लाखों की फीस जमा करवाने का भी दवाब बना रहा है. शिक्षा विभाग ने शिकायत लेकर आने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन कर ली और छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र भी हैं.

विभाग छात्रवृत्ति जारी करने के लिए सरकार के निर्देशों का ही इंतजार कर रहा है, लेकिन हैरान करने वाली एक और बात यह है कि इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री को कोई जानकारी ही नहीं है. मामले में छात्रों ने जब शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात की तो उन्होंने मामले में कोई भी जनाकारी होने से इंकार किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से भी मामला उनके ध्यान में नहीं लाया गया है. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह शिक्षा विभाग से मामले की जानकारी लेकर समाधान करेंगे.

छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर भले ही सीबीआई की जांच चल रही हो, लेकिन इस जांच के बीच में भी निजी शिक्षण संस्थान लगातार फर्जीवाड़ा करते आ रहे हैं. शिक्षा निदेशालय के पास शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों को शिक्षण संस्थान हॉस्टल की सुविधा देने की बात कहकर छात्रवृत्ति के अधिक पैसे ले रहा था. जबकि छात्र हॉस्टल पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं. छात्रों ने यह खुलासा किया है कि कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल रही है और छात्र पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं.

सोमवार को शिक्षा निदेशालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नसीहत पर नए एकाउंट बनाए. इससे भविष्य में जारी होने वाली राशि सीधी छात्रों के खाते में आएगी. छात्रों की एक ही मांग है कि शिक्षा विभाग या तो उनकी छात्रवृत्ति जारी करे या फिर सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर छात्रों की कक्षाएं लगवाए और उनकी डिग्री पूरी करवाएं.

Intro: प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ की घोटाले के बाद भी जांच के घेरे में आए निजी शिक्षण संस्थान बाज नहीं आ रहे हैं। अब जब शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जा रही है और शिक्षण संस्थान के खातों में पैसा नहीं जा रहा है तो यह शिक्षण संस्थान छात्रों को परेशान कर रहे हैं। उन्हें संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं, हालांकि जिन छात्रों को संस्थान से बाहर किया जा रहा है उनके ओरिजिनल सर्टिफिकेट तक इस निजी शिक्षण संस्थान ने प्रवेश के दौरान से ही अपने पास रखे हैं। यहां तक की छात्रों से उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लैंक चैक भी शिक्षण संस्थान में पहले ही ले रखे हैं। बावजूद इसके अब जब छात्र छात्रवृत्ति ना मिलने के चलते अपने दो सालों की फीस नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें कक्षाएं नहीं लगवाने दी जा रही हैं।


Body:अपनी इसी शिकायत को लेकर सोमवार को चंडीगढ़ के मोहाली के एक निजी शिक्षण संस्थान के 15 से 20 छात्र शिक्षा निदेशालय में पहुंचे थे। यहां छात्रों ने शिक्षा विभाग को लिखित में शिकायत दे है कि छात्रवृत्ति ना मिलने से छात्रों को परेशानी आ रही है। निजी शिक्षण संस्थान अपनी मनमानी कर रहा है। छात्रों ने विभाग को भी जानकारी दी है कि इस संस्थान ने उनके ओरिजनल सर्टिफिकेट ओर उनके हस्ताक्षर किए हुए ब्लेंक चैक भी अपने पास रखे है। छात्रों को 15 अगस्त के बाद कॉलेज ना आने का नोटिस संस्थान प्रबंधन ने दिया था जिसके बाद से छात्र संस्थान भी नहीं जा रहे है। वहीं शिक्षा विभाग छात्रों की शिकायतें तो सुन ओर ले रहा है लेकिन उन पर कार्रवाई के लिए खुद को लाचार बता रहा है। विभाग का कहना है कि सीबीआई की जांच में जो कॉलेज डिफाल्टर है उन्हें जांच पूरी ना होने तक छात्रवृत्ति जारी ना करने के आदेश सीबीआई ने दिए है। ऐसे में छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जा सकती है। हालांकि विभाग को इस बात की जानकारी है कि 530 के करीब छात्र इस अकेले संस्थान के है जिनकी छात्रवृत्ति रुकी हुई है।


Conclusion:वहीं छात्रों की दो सालों की फीस ढाई लाख तक हो गयी है। संस्थान छात्रों से हर छह माह बाद 7 हजार रुपए तो वसूल ही रहा है और अब छात्रों के तीसरे वर्ष में पहुंचने पर उन्हें लाखों की फीस जमा करवाने का भी दवाब बना रहा है। शिक्षा विभाग ने शिकायत ले कर आने वाले छात्रों की वेरिफिकेशन भी कर ली है ओर छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र भी है। विभाग छात्रवृत्ति जारी करने के लिए सरकार के निर्देशों का ही इंतजार कर रहा है लेकिन हैरान करने वाली एक ओर बात यह है कि इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री को कोई जानकारी ही नहीं हैं । मामले में छात्रों ने जब शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात की तो उन्होंने मामले में कोई भी जनाकारी होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से भी मामला उनके ध्यान में नहीं लाया गया है। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह शिक्षा विभाग से मामले की जानकारी ले कर समाधान करेंगे। एक ओर जहां छात्रों का भविष्य दाव पर है वहीं संस्थान प्रबंधन का छात्रों पर इतना दबाव है कि छात्र सामने आने और नाम ना बताने की शर्त पर ही यह सब ख़ुलासे कर रहे है। छात्रों की एक ही मांग है कि शिक्षा विभाग या तो उनकी छात्रवृत्ति जारी करे या फिर सरकार इस मामले में संज्ञान ले कर छात्रों की कक्षाएं उक्त संस्थान में लगवाए ओर उनकी डिग्री पूरी करवाएं।

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हॉस्टल के नाम पर हड़प रहे छात्रवृत्ति, पीजी में रह रहे है छात्र

छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर भले ही सीबीआई की जांच चल रही हो लेकिन इस जांच के बीच में भी निजी शिक्षण संस्थान लगातार फर्जीवाड़ा करते आ रहे हैं। जिस निजी शिक्षण संस्थान के छात्र शिक्षा निदेशालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे उन छात्रों को शिक्षण संस्थान हॉस्टल की सुविधा देने की बात कहकर छात्रवृत्ति के अधिक पैसे ले रहा था जबकि छात्र हॉस्टल में ना रहकर पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं। छात्रों ने यह खुलासा किया है कि कॉलेज में हॉस्टल की सुविधाओं ने नहीं मिल रही हैं और छात्र पीजी में अपने खर्च पर रह रहे हैं।

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छात्रों के खुलवाए नए एकाउंट

सोमवार को शिक्षा निदेशालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नसीहत पर नए एकाउंट बनाए ताकि छात्रवृत्ति की राशी अगर भविष्य में जारी होती है तो संस्थान के खाते में ना जा कर छात्रों के खाते में जाए।
Last Updated : Aug 27, 2019, 7:45 AM IST
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